देवरिया : जिले के आपूर्ति विभाग में तैनात निरीक्षक श्रीमती मीरा राय भ्रष्टाचार का आरोप लगने पर प्रदेश के प्रमुख सचिव हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग जितेन्द्र कुमार के सामने जोर जोर से रोने लगीं। प्रमुख सचिव उस दिन देवरिया जिले के दौर पर थे और जिला अधिकारी शरद कुमार सिंह एवं पुलिस अधीक्षक डा0 एस चनप्पा के साथ जिलाधिकारी के कार्यालय में बैठकर लोगों की फरियाद सुन रहे थे। उसी समय कुछ लोगों ने श्रीमती राय की शिकायत की। जब प्रमुख सचिव ने आपूर्ति निरीक्षक श्रीमती राय को तलब किया तो आते ही श्रीमती राय जोर जोर से रोने लगी तथा रो रो कर अपनी व्यथा सुनाने लगी। उनका रोना बन्द नहीं हो रहा था लेकिन जब डांट कर प्रमुख सचिव ने चुप कराया तो उनका रोना बन्द हुआ।
जिला आपूर्ति कार्यालय में तैनात श्रीमती राय पर आरोप है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के दुकानदारों से अवैध तरीके से धन उगाही करती हैं तथा जिन दुकानदारों द्वारा अवैध धन नहीं उपलब्ध कराया जाता है उनका शोषण करती है। जांच के नाम पर भी वे मनमानी करती है तथा जमकर भ्रष्टाचार करती है। बताते हैं कि पिछले दिनों बघौचघाट थाना अन्तर्गत एक गांव रामपुर महुआबारी के कोटेदार की खाद्यान्न वितरण सम्बन्धी शिकायत ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से की थी। जिस पर श्रीमती राय को जांच करने का जिम्मा सौंपा गया।
कहा जाता है सेना से सेवानिवृत्त अपने पति के साथ जब श्रीमती राय 11 नवम्बर को अपनी निजी कार से उक्त गांव पहुंची तो उनके द्वारा गांव के कोटेदार के पक्ष में एकतरफा कार्यवाही की जाने लगी। इसका पुरजोर विरोध करते हुए कुछ गांव वालों ने उनको भद्दी भद्दी गालियां दी तथा लाठी डंडा लेकर मारने के लिए दौड़ा लिया। बड़ी मुश्किल से जान बचाकर श्रीमती राय मुख्यालय आईं। उसके बाद जब ग्रामीणों को जानकारी हुई कि देवरिया जिले के नोडल अफसर और प्रमुख सचिव जितेन्द्र कुमार देवरिया जिले के दौरे पर आए हैं तो सैकड़ों की संख्या में उक्त गांव से ग्रामीण जिला मुख्यालय आ गए तथा प्रमुख सचिव के सामने ही आपूर्ति निरीक्षक श्रीमती राय के ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्यवाही करने के लिए जोरदार नारे लगाने लगे।
गांव वालों की इस अप्रत्याशित एकता और मांग से पुलिस भी परेशान हो गई और मौके पर काफी शोर शराबा होने लगा। प्रमुख सचिव ने श्रीमती राय को बुलवा लिया। नौकरी जाने के भय से प्रमुख सचिव के सामने आते ही जोर जोर से रोने लगीं। श्रीमती राय के रोने धोने का असर यह हुआ कि प्रमुख सचिव ने उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की। हालांकि उस दिन उन्होने थोड़ी देर पहले ही बैतालपुर विकास खण्ड के ग्राम रूच्चापार के सरकारी प्राईमरी स्कूल के दो अध्यापिकाओं को अनुपस्थित रहने के मामले निलम्बित किया था।
बहरहाल पूर्ति निरीक्षक श्रीमती राय जब आश्वस्त हो गई कि उनकी नौकरी नहीं जाएगी तब उन्होने एक लिखित प्रार्थना पत्र रामपुर महुआबारी के कुछ ग्रामीणों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही किए जाने हेतु प्रमुख सचिव को दिया था। लेकिन प्रमुख सचिव ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया। बाद में जिलाधिकारी एवं एसपी ने श्रीमती राय को भला बुरा समझाते हुए एडजस्टमेन्ट करते हुए नौकरी करने की सलाह दे डाली और यह भी कहा कि किसके किसके खिलाफ कहां कहां मुकदमा दर्ज कराती फिरोगी।
इस बाबत पूछने पर श्रीमती राय ने बताया कि एक महिला अधिकारी को नौकरी करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लोगों की अश्लील और गन्दी गन्दी बातों को सुनना पड़ता है। 11 नवम्बर को ग्राम महुआबारी में स्थित अत्यन्त नाजुक हो गई थी। अगर वे वहां से अपने पति के साथ नहीं भागी होती तो कुछ भी उनके साथ घटित हो सकता था। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी पीड़ा से प्रमुख सचिव एवं जिलाधिकारी सहित पुलिस अधीक्षक को बताया लेकिन किसी ने कार्यवाही नहीं की। श्रीमती राय ने कहा कि यदि नौकरी नहीं करनी होती तो इस प्रकरण में वे भी एक नेता की तरह पूरे जिले को हिला कर रख देतीं। इस सम्बन्ध में पूछे जाने पर जिला आपूर्ति अधिकारी बी के पाण्डे ने बताया कि जिलाधिकारी को श्रीमती मीरा राय की तरफ से प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किए जाने हेतु प्रार्थना पत्र दिया गया है। उस सम्बन्ध में जिला अधिकारी के स्तर से कार्यवाही की जा रही है।
देवरिया से ओ पी श्रीवास्तव की रिपोर्ट.