एक स्टोरी लिख रहा था ‘बेटी के पैर में जंजीर’..आप भी सोच रहें होंगे कि आखिर एक बेटी के पैर में भला किसने और क्यों जंजीर डाल दी। सुनकर किसी का भी कलेजा मुंह को आ जाएगा। घटना यूपी के शामली की है लेकिन पूरे देश को प्रतिबिंबित करती है। खुद माता पिता ने ही बेटी की अस्मत बचाने के लिए उसके एक पैर में जजीर बांध दी। वाकई माता पिता ने वो किया जिसे कानून इजाजत नहीं देता है लेकिन सोचिए लाचार माता पिता और क्या करते। महज 16 साल की उनकी बेटी मानसिक तौर से कमजोर है और कुछ दिन पहले उसे अज्ञात अपराधी घर के पास से बहकाकर ले गए और उसके साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दे दिया।
बेटी को बदहवासी की हालत में पाकर माता पिता पर जैसे पहाड़ ही टूट पड़ा। इलाके के पुलिस थाने से लेकर जिले के एसएसपी तक से मुलाकात की लेकिन आरोपी पकड़ना तो दूर की बात है उनका सुराग तक नहीं मिल सका। अपराधी बेखौफ और आजाद घूम रहे हैं। ऊपर से बेटी की मानसिक हालत ठीक नहीं है। उम्र भले बढ़ गई हो लेकिन दिमाग किसी छोटे बच्चे की तरह। कब कहां चली जाए, कहा नहीं जा सकता।
अब बताइए कि लाचार मां बाप और क्या करते। बेटी को बचाने के लिए उसके पैर में जंजीर ही पहना दी। दुख होता है ये सब देखकर। क्या ऐसे ही बेटियों की रक्षा होगी। हमारे आस पास इंसान से ज्यादा दरिंदे मौजूद हैं। ऊपर से कहीं चले जाओ, पुलिस का रवैया बिलकुल लापरवाही भरा। आपकी पकड़ है तो पुलिस चाय ठंडा सब पिलाएगी और मदद भी करेगी और यदि आप कमजोर हैं तो लगाते रहो थाने के चक्कर..और अपराधियों से बचाने के लिए बेटियों को भी जंजीर लगा के रखो।
ऐसी ही एक घटना मुंबई के करीब वसई में भी हुई थी, जहां बेटियों को बचाने के चक्कर में एक पिता ने कई सालों तक उन्हें घर में कैद कर रखा था। यहां तक कि पड़ोसियों को भी भनक नहीं लगी और जब लगी भी तो बहुत देर हो चुकी थी। बेटियां महज हड्डियों का ढांचा भर रह गई थीं। बेहद ही शर्मनाक घटनाएं हैं और जब तक ये होता रहेगा, हम लाख दुनिया जीत लेने का दंभ भरें, हमारा सिर शर्म से झुका रहेगा।
अश्विनी शर्मा की रिपोर्ट.