: गुंडों को लेकर रात में पत्रकार के घर पर बोला धावा : यूपी के जंगल राज में सबसे ज्यादा बेलगाम पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी हैं. भड़ास4मीडिया के संपादक यशवंत सिंह ने बारिश में बिना वाइपर लगे बस चलाने की लिखित शिकायत गाजीपुर जिले में पदस्थ रोडवेज अधिकारी से की तो अधिकारी ने बदतमीजी करते हुए अपने नेतृत्व में रोडवेजकर्मियों के साथ हमला बोल दिया. इस मामले में अधिकारी के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर 36 घंटे बाद तब दर्ज की जब लखनऊ से एफआईआर दर्ज किए जाने के लिए दबाव डलवाया गया. यह मामला अभी पुराना भी नहीं पड़ा था कि यूपी के फर्रूखाबाद जिले से एक नया मामला सामने आ गया है. यहां के प्रभारी सूचनाधिकारी पूरन चंद्र मिश्रा ने एक पत्रकार को फोन कर धाराप्रवाह गंदी गंदी गालियां दीं.
अखिलेश यादव का यह बेलगाम अधिकारी फोन कर पत्रकार को धमकाता है और फिर गंदी गालियां देता है. टेप सुनेंगे तो कहेंगे कि ऐसी गाली तो कोई नशेड़ी ही दे सकता है जिसे होश न हो कि वह किससे क्या बात क रहा है. जनपद फर्रूखाबाद के प्रभारी सूचनाधिकारी पूरन चन्द्र मिश्रा को डीएम ने बीते दिनों पंचायत चुनाव के मतगणना के दौरान मीडिया कर्मियों के सामने जमकर हड़काया था और एफआईआर कराने व जेल भेजने तक की चेतावनी देते हुए कार्यालय में उपस्थित होने को कहा था.
डीएम ने यह निर्देश तब दिया जब उनसे मीडिया कर्मियों ने रुपये लेकर पत्रकारों को पास दिये जाने की शिकायत की थी. इस खबर को एक स्थानीय वेब पोर्टल एफबीडी न्यूज ने चलाया. इसी बात पर गुस्साये पूरन चन्द्र मिश्रा ने अपने मोबाइल नम्बर 9453005387 से बेब पोर्टल के सम्पादक आनंद भान शाक्य को रात 9.49 बजे फोन कर 1.04 मिनट तक धमकाते हुए गंदी गंदी गालियां दीं. वे पत्रकार की एक बात नहीं सुन रहे थे.
दबंग अधिकारी का इतने से भी मन नहीं भरा तो वह अपने 4 गुंडों के साथ रात 10 बजे सम्पादक के आवास पर भी पहुंच गया और यह कहकर दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया कि बाहर निकलो तो मैं तुम्हे खबर छापने का नतीजा दे दूं. उसने जान से मारने तक की धमकी दी. पुलिस ने अधिकारी का मामला होने के कारण रिपोर्ट दर्ज करने से मना कर दिया. एएसपी ने भी यह कहकर रिपोर्ट दर्ज करने से मना कर दिया कि वह मामले की पहले सीओ सिटी से जांच करायेंगे. एफबीडी न्यूज के सम्पादक ने बीते माह ही डीएम से सूचनाधिकारी की लिखित व मौखिक शिकायत की थी कि वह प्रेस नोट उपलब्ध नहीं कराते.
सुनें गालियों वाला टेप :
https://www.youtube.com/watch?v=JqWvgbigVqg
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प्रवीण चन्द्र रॉय
November 6, 2015 at 5:59 am
इस प्रदेश में एक कनिष्ठ अधिकारी अपने वरिष्ठ नौकरशाह डीएम की भी नहीं सुनता है। यहाँ एक पत्रकार को निशाना बनाया जाता है वो भी डीएम कार्यालय के सरकारी संरक्षणयुक्त गुंडों द्वारा।इस प्रदेश में फरियाद करें तो किससे करें, जब हर शाख पर उल्लू बैठा हो।