Abhishek Srivastava-
कल सुधीर जी से सूचना मिली कि किताब प्रेस से छप कर आ चुकी है। अच्छी बात यह है कि किताब जेब पर भारी नहीं है- फ्लिप्कार्ट पर मात्र 125 रुपये में मिल रही है।

अगर आपकी दिलचस्पी 2011 में शुरू हुए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की अंदरूनी परतों में है; अगर आप जानना चाहते हैं कि एक आंदोलन कैसे शुरू किया जाता है, कैसे खत्म किया जाता है और कैसे भ्रष्ट होता है; अगर आप जानना चाहते हों कि कैसे राजसत्ता अपने तमाम औजारों का इस्तेमाल कर के कैसे जनता के असंतोष को भुना लेती है, तो बीते दस साल का यह सफरनामा आपके काम का है।
इस किताब को पढ़ कर शायद वह वाक्य समझ में आवे जिसे अरविंद केजरीवाल कहते रहे हैं- सब मिले हुए हैं जी! जी हां, सब मने सब।
किताब मंगाने के लिए लिंक ये है, क्लिक करें- Flipkart