Yashwant Singh-
मां दुर्गा पर नकारात्मक टिप्पणी करके Amit Maurya ने ग़लत काम किया था, चलो मान लिया. लेकिन जो सवर्ण लोग अमित को मारते पीटते हुए पुलिस थाने ले जा रहे हैं, मां बहन की गालियां दे रहे हैं, वे क्या सही काम कर रहे हैं? मारना पीटना तो कानूनन जुर्म है. मां दुर्गा पर नकारात्मक टिप्पणी करने वाले अमित मौर्या की मां को गाली देना क्या जायज है? ये बहुत अराजक स्थिति है. एक ने गल्ती की तो दूसरे ने उससे बड़ी गल्ती कर दी है.
लेकिन दुर्भाग्य यह है कि आज भी पूरा समाज सर्वण डामिनेटेड है. अमित मौर्य की ग़लती उनका पिछड़ी जाति का होना है. अमित दबंग और साहसी पत्रकार हैं. वे अपनी बात डंके की चोट पर कहते हैं. इस देश के बहुत सारे लोग रावण को अपना आराध्य मानते हैं, बहुत सारे लोग महिषासुर की पूजा करते हैं, बहुत सारे लोग दुर्गा को आराध्य मानने से इनकार करते हैं, राम को आराध्य मानने से इनकार करते हैं…तो क्या आपको उन सभी को पीटने का लाइसेंस मिल गया है? इस देश की खूबसूरती इसकी विविधता है. अगर कोई आपसे नहीं पच रहा है तो इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कराइए, कोर्ट जाइए, एफआईआर लिखाइए… कि आप घर में घुसकर उसे पीटेंगे, उसकी मां को गालियां देंगे और चौराहे पर पीटते हुए थाने ले जाएंगे… ??
अचूक संघर्ष के नाम से चर्चित और बेबाक अखबार निकालने वाले वरिष्ठ पत्रकार अमित मौर्य ने आरटीओ आफिसों के भ्रष्टाचार के खिलाफ काफी लिखा है. काफी कुछ छापा है. इससे बहुत सारे सफेदपोश उनके पीछे पड़े हुए थे. उन्हें मां दुर्गा पर टिप्पणी के बहाने अमित को निपटाने का अच्छा मौका मिल गया है… डर ये है कि कहीं सर्वण मानसिकता वाले दंगाई अमित पर कोर्ट कचहरी और थाने-जेल में हमला न करा दें. बनारस के पत्रकारिता और वकालत से जुड़े साथियों को ये देखना चाहिए. अमित मुश्किल दौर में हैं. उनके खिलाफ पहले से ही रंगदारी समेत कई फर्जी मुकदमे दर्ज हैं. अब शायद उन्हें दबोच कर देर तक जेल में रखा जाएगा. मैं अमित मौर्य पर हुए हमले की निंदा करता हूं. उन पर हमला करने वालों को तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग करता हूं.
इस मसले पर कुछ अन्य लोगों की प्रतिक्रियाएं देखें-
Vineet Yadav
@vineetspeaks
आप पत्रकार अमित मौर्या हैं, जो लगातार सामंतवाद,पाखंड, आडंबर के ख़िलाफ़ अपने अख़बार अचूक संघर्ष और यूट्यूब चैनल के ज़रिये आवाज़ उठाते रहते थे। लेकिन यह बात सामंतियों और मनुवादियों को नहीं जमी। सुभाष चंद्र शर्मा, आनंद सिंह समेत चंद सवर्ण इनके घर से इन्हें पीटते हुए थाने ले जा रहे हैं। सत्ता के दंभ से भरे इन गुंडों की भाषा देखिये। अमित मौर्य पर आरोप यह लगाया है कि वो देवी देवताओं पर अभद्र टिप्पड़ी करते हैं। तो सवाल यह उठता है कि क्या उन देवी देवताओं पर इन्हीं सवर्णों का अधिकार है? कोई दलित पिछड़े वर्ग का व्यक्ति अमित मौर्य के ख़िलाफ़ इनके साथ क्यों नहीं था?
देखें वीडियो- https://twitter.com/bk_kanaujiya/status/1716883654436401180
इस प्रकरण की मीडिया कवरेज भी एकपक्षीय और सवर्ण मानसिकता से ग्रस्त रही… देखें ये कवरेज जिसमें अमित मौर्या पर हमला करने वालों, कानून व्यवस्था को अपने हाथ में लेने वालों, सरेआम पीटने वालों, मां को गंदी गंदी गालियां देने वालों के खिलाफ एक शब्द नहीं लिखा गया है क्योंकि वे सवर्ण थे…
अभिजीत घोष
October 26, 2023 at 9:32 am
मैं भी पिछड़ा हूँ, पर सच कहने से नहीं डरता।
“डंके की चोट पर” सच लिखने वाले पत्रकार महोदय कभी किसी दूसरे धर्म के बारे में भी ऐसी टिप्पणी करके देखें।
यह तो हिंदुओं की दुर्गा थी कि थोड़े में निपट गए।
बाकी अब तक तन से सर जुदा हो चुका होता।
और अभी इनके लिए सर पर कफ़न बांध कर सवर्ण-पिछड़ा-दलित वाली स्टोरी के कथावाचक इनके लिए शोक तक न मनाते!
सुधीर अवस्थी
October 26, 2023 at 10:51 pm
एक पत्रकार किसी धर्म के भगवान पर अमर्यादित टिप्पणी क्यों करे जाहिर सी बात है वह पत्रकार कम राजनीतिक मानसिकता वाला व्यक्ति है जो पत्रकार का चोला ओढ़े हुआ है।