सौमित्र रॉय-
छोड़ दीजिए ये माया–मोह की बातें। ये सेल्फी और सालगिरह की दावतें। आपको इन सबसे कोई लेना–देना नहीं होना चाहिए, क्योंकि आप मरने वाले हैं। आपने नरेंद्र मोदी की गारंटी, यानी कोविशील्ड का टीका लगवाया है।
भारत के सीरम इंस्टीट्यूट ने जिस ब्रिटिश कंपनी के साथ मिलकर यह कोविड वैक्सीन बनाई है, उसने माना है कि इससे दिल के दौरे की आशंका है। एस्ट्राजेनेका ने कल कोर्ट में मान लिया कि उसकी वैक्सीन के जानलेवा साइड इफेक्ट हैं।
भारत में आपके सामने ही सैकड़ों लोग अचानक टपके और मर गए। लोगों ने हल्ला मचाया तो सरकार ने झूठ बोलकर चुप करवा दिया। अब आप यह भी जानते हैं कि नरेंद्र मोदी ने दवा कंपनियों से हजार करोड़ से अधिक चंदा लिया था। सीरम इंस्टीट्यूट ने भी 52 करोड़ दिए थे।
लेकिन, आप कह सकते हैं कि हम तो अभी ज़िंदा हैं। कुछ नहीं हुआ। लेकिन, वैक्सीन तो भीतर कहीं तो होगी? जैसे वायरस प्रभावित हार्ड डिस्क को फॉर्मेट करने के बाद भी कुछ डेटा कभी नहीं मिटता। अब आप ही बताएं। आपने मोदी की मौत की गारंटी ही तो ली है। फिर तो मरना सुनिश्चित है। आज नहीं तो कल।
मित्रो, अब आप मोदी को मौत का सौदागर मानेंगे या नहीं? जो वैक्सीन का राजनीतिक प्रचार करने में जुटा है।
सुब्रतो चटर्जी-
मोदी तो मौत का पैदाईशी सौदागर है । मैंने तो इसलिए टीका नहीं लिया कि मुझे मालूम है कि क्रिमिनल जान नहीं बचाते हैं । मेरे बच्चों ने भी मेरी बात नहीं मानी तो दूसरों को क्या कहूँ?
सुरेश चिपलुनकर-
आखिरकार कोविशील्ड ने वो बात मानी, जो बहुत से लोग कह रहे थे… दौड़ते, कूदते, नाचते हुए लोग अचानक टपक कर मरते रहेंगे.