Connect with us

Hi, what are you looking for?

सियासत

गलगोटिया एक्सपोज़्ड : पढ़ाई नहीं अंधभक्ति और मूर्खता ट्रांसफर की जा रही है!

हफ़ीज किदवई-

क बिल्कुल सच्ची घटना से बात शुरू कर रहे हैं। मेरी एक मित्र हैं, बैंगलौर से लखनऊ शिफ्ट हुई है। वर्तमान सत्ता की अचानक बड़ी समर्थक हो गई थीं, जो अभी भी हैं, जबकि वह पहले इनके ख़िलाफ़ थीं। उनकी 6th में पढ़ने वाली बच्ची को विज्ञान और गणित का ट्यूशन चाहिए था। उसने हमसे बोला, तो एक लड़का उधर का ही था, बीएससी कर रहा था। हमने कहा उसे भेज देते हैं। वह पढ़ा देगा, तफरीह में हमने कहा लड़का भी तुम्हारे ही ख्याल का है। वर्तमान सत्ताधीश का अंधप्रेमी है। दोनों की जंचेगी। मेरी दोस्त ने कहा कि ख़बरदार उसे भेजा, मेरे पास तो इनके ख़िलाफ़ वाला ट्यूटर भेजो। हमे हैरत हुई कि यह क्या माजरा है, क्या विचार बदल गए।

Advertisement. Scroll to continue reading.

वह बोली, यार इनके सारे समर्थक मूर्ख ही हैं। पढ़े लिखे जाहिल टाइप, आप इनसे कुछ भी सीख नहीं सकते हो। खासकर प्रश्न करना तो भूल ही जाओ। बच्ची के फ्यूचर का मामला है, रिस्क नही ले सकते। उसे डब्बा नही बनाना है। मूर्खता के साय से भी दूर रखना है। मुझे वह ट्यूटर दो, जो कम से कम इनका समर्थक तो न ही हो, वरना मूर्खता ट्रांसफर हो जाएगी, कहकर वह हंसने लगी और हम विचारों में खो गए कि देखो, यह कितना सही सोच रही है मगर सिर्फ अपनी बच्ची के लिए, एक बात तो लगातार साबित होती जा रही है कि वर्तमान सत्ता के, ख़ासकर उस सत्ता के चेहरे के समर्थक अव्वल दर्जे के मूर्ख है या फिर मूर्खता के रास्ते पर हैं। आप देखिये, इनका कोई भी समर्थक जब तथ्यों पर मुँह खोलता है, तो उनके ही लोग कहते हैं काश यह चुप हो जाता। इन्होंने अपने समर्थक वर्ग कुछ इस तरह बनाया है कि पहली इमेज ही उसकी मूर्ख वाली आती है।

कल जब इनकी समर्थक यूनिवर्सिटी के बच्चे मुँह खोल रहे थे, तब मुझे ज़रा भी आश्चर्य नही था। पहले से पता था कि यह उसी रास्ते पर हैं, जिधर इनसे पहले वाले खड़े हैं। लोग समझते हैं कि पहाड़े रट लेने वाला समझदार हैं, जबकि पहाड़े का इस्तेमाल कितना कहाँ करना है, यह समझदारी की बात है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

मैं इस सत्ता के समर्थक एक से एक कथित विद्वान, एलीट, तेज़ तर्रार, हाज़िर जवाब लोगों से मिला हूँ और इस नतीजे पर पहुँचा हूँ कि इनमें एक चीज़ तो कॉमन है। वह है मूर्खता। आप भी चेक कर सकते हैं। बस इतना करना है कि एक शर्त लगा दीजिये की बातचीत में हिन्दू मुसलमान नही आना चाहिए। आइये तब बात करते हैं इतिहास, भूगोल, विज्ञान, भाषा, व्यवहार, शोध, राजनीति, अर्थनीति, विदेशनीति। इनका बड़ा से बड़ा कथित विद्वान बिना हिन्दू-मुसलमान किये दस मिनट भी नही टिक सकता। असल में इन्हें या तो मूर्खता की तरफ ले जाया जा रहा है या फिर यह हैं, क्योंकि इनमें सोचने समझने का विवेक ही नहीं रह गया है। ऊपर से वाट्सएप पर जो आदेश आया, उसे नीचे बैठा हर तोता बस बोलने लगता है। जिस तोते ने मिर्च ज़्यादा खाई है, वह ज़्यादा साफ़ बोलता है बाकी सिर्फ कुंठित होकर बोलते हैं मगर बोलते वही हैं, जो ऊपर से चला है।

न अपना विवेक, न बुद्धि, न मनन, बस हर एक पर उंगली उठा दो। हम भी उनके कई पुरखों की आलोचना करते हैं मगर उनके पुरखों के लिखे को पढ़ा है। बोले को सुना है। उनपर वक्त देकर सोचा है, तब कहते हैं कि वह ग़लत है या गलत रास्ते पर थे। यूहीं तो उन्हें कहने नही लग जाएंगे।

Advertisement. Scroll to continue reading.

लोग उस विश्वविद्यालय के बच्चों को देखकर हंस रहे,दुःखी हो रहे, गुस्सा कर रहे मगर मेरा दावा है कि उधर के दर्जनों सांसद भी इन्ही बच्चों की तरह कोरे हैं। आप उनसे संसद की कार्यवाही को लाइन पूछ लीजिए या उनके वहां होने की एक वजह पूछ लीजिए,नही बता पाएंगे। असल में उधर इसी तरह के लोगों की ज़रूरत है, जो दिमाग़ का इस्तेमाल न करें।

वर्तमान सत्ताधीश के समर्थक एक लड़के का वीडियो कितना वायरल है। जब वह कहता है, पढ़े लिखे होने का मतलब यह नहीं कि हम अपना दिमाग़ हर जगह लगाने लग जाएं। सोचिए, वह कैसे लोग चाहते थे और ताज्जुब यह है कि वैसे लोग बन भी गए।

Advertisement. Scroll to continue reading.

वैसे तो जब कोई इनका समर्थक सामने आता है, तो मूर्खता की रेटिंग हो ही जाती है। फिर भी आपके पास अच्छे उदाहरण होंगे, उनसे बात कीजिये। अगर इनके बीच बिना हिन्दू मुसलमान किये, गुस्सा किये बिना, भड़के बिना, मानसिक स्तर गिराए बिना बात करने वाले कुछ लोग हों, तो उन्हें आगे कीजिये। कम से कम इनकीं नई खेप कुछ तो अच्छा सीखे,वरना बेड़ा ग़र्क़ ही है। हमारे विरोधी ही सही मगर किसी को भी मूर्खता के रास्ते पर चलते देख, दुःख होता है। सद्बुद्धि के लिए शुभकामनाएं। कल वायरल हुई इन बच्चों को और इनके जैसे हर बच्चे को पढ़ना, सोचना, समझना, बोलना, प्रश्न करना, बर्दाश्त करना आ जाए, इसकी प्रार्थना।

मूल खबर…

Advertisement. Scroll to continue reading.

आजतक के पत्रकार ने गलगोटिया यूनिवर्सिटी को नंगा कर दिया, छात्रों के प्रायोजित प्रोटेस्ट का हुआ पर्दाफ़ाश!

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group_one

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement