सोशल प्लेटफार्म एक्स पर लोग लल्लनटाप के संपादक सौरभ द्विवेदी को घेरते दिख रहे हैं. कुछ लोग उन्हें ‘चेक’ कर लेने की बात कह-लिख रहे हैं.
दरअसल, इसके पीछे सौरभ द्विवेदी का वो ट्वीट है जो उन्होंने 3 मई को किया था. सौरभ ने लिखा, “जनादेश स्पष्ट दिख रहा है, प्रचार के कोलाहल से दूर जमीन पर. प्रचंड है या अभूतपूर्व इस पर कयास लगने हैं.”
इस ट्वीट को रिपोस्ट कर सौरभ ने फिर लिखा है, “ज्यादातर वोटर मन बना चुके हैं, उनके पास वजहें भले कुछ नयी हों, जनादेश वही पुराना…” अब सौरभ ने पुराना जनादेश 2014 के इधर वाले को दिया या उधर वाले को ये वही जानें, लोग फिलहाल, सौरभ की फिल्डिंग सजाते दिख रहे हैं. नीचे देखें कुछ कमेंट…
आवेश तिवारी-
यह संभावनाओं से आगे की बात है. कभी कभी राजनैतिक तौर पर न्यूट्रल दिखना, कभी विपक्ष की ओर दिखना,अचानक 360 डिग्री घूम चरणावनत होना यह मनमोदी होने का विशेष लक्षण है. इनका गलगोटियाकरण करने की जरूरत ही नहीं थी.
पूजा झा-
इसको देख के मुझे AAP के कपिल मिश्रा की याद आती है. बहुत उछलते थे कुछ लोग उसको सुनके, लेकिन फिर क्या हुआ सबको पता है.
मृणाल पांडे-
गोदी सेठ के मंच पर गले में दुपट्टा लपेट कर लगातार आने से जेएनयू का गलगोटियाकरण संभव है। गुणीजन हमारा थोड़ा कहा बहुत जानें। आगे आप ख़ुद समझदार हैं..
पप्पू-
मैम ये पुराना बचपन से ही संघी है. इसके शुरुआती शिक्षा शिशु मंदिर में हुई है और इसके पिताजी वर्तमान में सांसद प्रतिनिधि हैं. इसके अलावा “आप चेक कर लीजिए” इसके पिताजी 2 या तीन बार कालपी विधानसभा से BJP के टिकट पर चुनाव लड़े हैं लेकिन जीते नहीं.
संदीप सक्सेना-
He is a very good journalist.