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सुख-दुख

बिना इलाज मर गए पीटीआई के अमृत मोहन!

यशवंत सिंह

लखनऊ में पदस्थ पीटीआई के स्पेशल करेस्पांडेंट की मौत, एम्बुलेंस नहीं आई, बिना इलाज के मर गये

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अमृत मोहन नहीं रहे। लखनऊ में पीटीआई के लिए स्पेशल करेस्पाडेंट के बतौर कार्यरत थे।

बताया जाता है कि अमृत कई दिन से बुखार में थे। खुद ही इलाज कर रहे थे। आज सुबह नाक से खून आया। दोस्तों को बुलाया। अस्पताल ले जाने में काफी वक्त लग गया। फोन करने के बावजूद कई घण्टे बाद एम्बुलेंस उपलब्ध हुआ। बिना इलाज मर गए। अस्पताल ले जाए जाने पर डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

अमृत मोहन पहले दिल्ली में कार्यरत थे। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के सदस्य भी थे। तबादला होने के बाद वे लखनऊ में शिफ्ट हो गए थे।

बताया जाता है कि डीएम, प्रमुख सचिव (गृह एवं सूचना) आदि कई अफसरों के फोन करने के बावजूद एम्बुलेंस के आने में तीन घण्टे लगे। इसी दौरान बेहोश अमृत मोहन की घर पर ही जान चली गयी। अस्पताल ले जाने पर मृत्यु की केवल आधिकारिक घोषणा का एकमात्र काम किया गया।

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कह सकते हैं लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के चलते समय से इलाज न मिलने से अमृत मोहन की जान गई। जानकारी मिली है कि अमृत मोहन का कोरोना का शुरुआती टेस्ट निगेटिव आया है। कुछ लोगों का कहना है कि बुखार रहने से अमृत खुद के कोरोनाग्रस्त होने की आशंका से दहशत में जी रहे थे।

ईश्वर उन्हें अपने साथ रखे। घरवाले दुःख सह सकने की ताकत पाएं। अमृत मोहन लखनऊ में अपने माँ पिता और एक बहन के साथ रहते थे। इनकी पत्रकार पत्नी अलग रहती हैं, बच्चे को साथ लेकर।

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