झारखंड के स्वतंत्र पत्रकार आनंद दत्ता कल जब अपनी पत्नी के साथ रांची के एक सब्जी मार्केट में सब्जी खरीदने गये थे, तभी झारखंड पुलिस ने इन्हें पीटा और इनके साथ बहुत बदतमीजी की।
स्वतंत्र पत्रकार आनंद दत्ता झारखंड में कई वर्षों से स्वतंत्र पत्रकारिता कर रहे हैं और झारखंड की जमीनी हकीकत को सामने ला रहे हैं।
इनकी कई रिपोर्टों पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट में उठाये गये समस्याओं के समाधान के लिए जिला उपायुक्तों को आदेश दिया है।
ये वर्तमान में द प्रिंट हिंदी, गांव कनेक्शन, न्यूज़क्लिक हिंदी जैसी वेबसाइटों में लिखते हैं।
स्वतंत्र पत्रकार आनंद दत्ता कल शाम अपनी पत्नी के साथ रांची के मोहराबादी मैदान के पास सब्जी खरीद रहे थे। वहाँ पर मोरहाबादी टीओपी के एएसआई मोहन महतो दो महिलाओं से बात कर रहे थे।
एएसआई ने पत्रकार को देखते ही कहा कि तुम यहाँ क्या कर रहे हो? सब्जी खरीदने की बात बताने पर झोला दिखाने के लिए बोलने लगा जबकि झोला लेकर इनकी पत्नी आगे बढ़ गयी थी।
इतना सुनते ही ‘पाकेटमार’ कहकर एएसआई ने पत्रकार को थप्पड़ मारना शुरू कर दिया और गला पकड़कर खींचते हुए पीसीआर में लेकर चला गया। पीसीआर से पत्रकार को टीओपी ले जाया गया और वहाँ भी इन्हें पीटा गया।
जब इस बात की जानकारी पत्रकारों को हुई, तब जाकर देर रात इन्हें थाना से छोड़ा गया। इन्होंने एएसआई के खिलाफ थाना में आवेदन भी दिया है, लेकिन अबतक एफआईआर दर्ज होने की जानकारी नहीं मिल पायी है।
एक ट्वीट कर स्वतंत्र पत्रकार रूपेश कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग की है कि अविलंब मोरहाबादी टीओपी के एएसआई समेत पत्रकार की पिटाई करने वाले तमाम पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करते हुए निलंबित किया जाय।
आल इंडिया रिपोर्टर एसोसिएशन (आईरा) के राष्ट्रीय सचिव सत्या पॉल ने इस घटना की घोर निंदा करते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्वीट कर पत्रकार सुरक्षा कानून अविलम्ब लागू करने की मांग की।
स्वतंत्रत पत्रकार विशद कुमार ने कहा कि समाज को चेतना देने वाला पत्रकार ही जब असुरक्षित हो तो समाज पर गुण्डे मवालियों का कब्जा होगा, पूरा समाज असुरक्षित रहेगा। अतः ऐसी घटनाओं के खिलाफ समाज के लोगों को आना होगा।
Jharkhand Working Journalists Union
September 13, 2020 at 4:26 pm
निंदनीय घटना I
दोषी पुलिस अधिकारी पर त्वरित कार्यवाई की जाये।