अनुराग दीक्षित प्रबंधन की चापलूसी करने में जुटा था, अब खुद भी हो गया कोरोना का शिकार
कई बार प्राकृतिक न्याय फौरन हो जाता है. अनुराग दीक्षित नामक एंकर जो कभी लोकसभा टीवी में हुआ करता था, इन दिनों न्यूज नेशन में है. इस शख्स ने अपने उन मीडियाकर्मी साथियों का विरोध किया जिन्होंने कोरोना से बचाव हेतु प्रबंधन पर उचित व्यवस्था करने का दबाव बनाया.
अनुराग दीक्षित ने चैनल में काम कर रहे कर्मियों द्वारा रोग से बचाव हेतु आफिस के भीतर बेहतर प्रबंध व वर्क फ्राम होम की मांग को नाजायज बताते हुए चैनल में सब कुछ सही चल रहा है व चैनल अपने लोगों के लिए बहुत कुछ कर रहा है, जैसी बातें कहता-लिखता था. यही नहीं, वह आवाज उठाने वालों को जयचंद जैसा उपाधि भी देता था.
पर जब उपर वाले की लाठी उसी पर पड़ गई तो उसकी बोलती बंद हो गई है.
पत्रकारों में एक बुरी आदत होती है अवसरवादिता और चमचई की. मौका देखते ही अपने साथियों से छिटक कर प्रबंधन के तलवे चाटने और दूसरों की नौकरी खाने के लिए तत्पर होने का ट्रेंड आम है. अनुराग दीक्षित भी यही कर रहा था. पर अब शायद उसकी बोलती बंद हो गई है. भड़ास4मीडिया कामना करता है कि अनुराग जल्द स्वस्थ होकर न्यूज नेशन में फिर से अपना चमचई वाला काम शुरू कर दे.
इस बीच, सूचना है कि न्यूज नेशन चैनल के हालात तेजी से खराब हो रहे हैं. प्रबंधन के इग्नोरेंस के चलते संक्रमण काफी लोगों में फैल चुका है. बीस से ज्यादा लोग कोरोना पाजिटिव हो गए हैं. आज भी कई लोगो का टेस्ट रिजल्ट आने वाला है. यहां काम करने वाला हर शख्स दहशत में है.
बताया जाता है कि इसी चैनल के एंकर अनुराग सिंह भी कोरोना पाजिटिव हो गए हैं.
अनुराग दीक्षित की चैनल प्रबंधन के पक्ष में चमचई भरी एक पुरानी एफबी पोस्ट देखें-
Anurag Dixit : ना तो मैं चैनल का प्रवक्ता हूं और ना ही चैनल ने मुझ पर ऐसी किसी पोस्ट का दबाव डाला है, लेकिन झूठ के खिलाफ लिखने से रूका नहीं गया। ये जानते हुए भी कि इस प्रोपेगंडा का अगला शिकार अब मैं भी हो सकता हूं।
गाइडलांइस के मुताबिक न्यूज़ नेशन में कोरोना के खिलाफ शुरूआत से ही संवेदनशीलता बरती गई है। लिफ्ट खोलने—बंद करने से लेकर, सेनेटाइज़र तक। आरोग्य सेतू एप डाउनोड करने से लेकर सबका टेंपरेचर चेक करने तक। वर्क स्टेशन को बार—बार सेनेटाइज़ करने से लेकर, कुछ भी असामान्य दिखने पर कर्मचारी को तुरंत घर भेजने तक। हमारी तरह प्रबंधन टीम के लिए भी कोरोना नया ही है। जाहिर है उनसे भी कुछ कमियां रह सकती हैं।
और हॉं, ढेरों अफवाहों में से एक (कि डर से सीनियर एंकर जूनियर से बुलेटिन करवा रहे हैं) के बारे में भी बता दूं कि देश में बीते करीब 90 दिनों से जारी कोरोना के कहर के बीच मेरे वरिष्ठ सहयोगी अजय कुमार सर ने बामुश्किल 3 दिन घर से शो किया है, जबकि उनके एक प्रोड्यूसर करीब 1 महीने से अपने घर से काम कर रहे हैं। पीनाज त्यागी ने एक भी दिन घर से बुलेटिन नहीं किया है और दीपक चौरसिया सर भी लगातार दफ्तर आकर अपने शो करते रहे हैं। हॉं, जरूरत पड़ने पर मेरी एक अन्य साथी ने जरूर अपने घर से शो किया है। दावे से कह रहा हूं कि इन तीनों से ज्यादा दिन तो चैनल के बाकी एंकर अपने घरों पर रहे हैं!
वैसे लॉकडाउन से लेकर अब तक हमारे आधे से ज्यादा बाकी साथी भी घर से काम कर रहे हैं। रिसर्च टीम तो महीनों से घर से ही काम कर रही है। ज़्यादातर गेस्ट कॉर्डिनेटर्स भी महीनों से घर से ही मोर्चा संभाल रहे हैं। बाकी दफ्तर आने वाले ज्यादातर लोगों को भी 1-1, 3-3 या 7-7 दिन के हिसाब से ऑफिस बुलाया जा रहा है। वो भी तब जबकि वो पूरी तरह स्वस्थ हों।
हर कोई जानता है कि देश के बड़े से बड़े न्यूज़ चैनल्स में कोरोना दस्तक दे चुका है, तब भी जबकि उनके पास संभवत ज्यादा संसाधन होंगे! देश के कई मंत्रालयों से लेकर मुख्यमंत्रियों के घर या दफ्तर तक कोरोना संक्रमण पहुंच चुका है तो क्या वो सरकारी तंत्र या मंत्रालय ही निकम्मा हो जाएगा? जाहिर है नहीं। हमें सर्तकता के साथ कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी होगी।
बुरे वक्त में कमियां खोजना आसान होता है। साथ खड़े रहना मुश्किल। परिवार के 4 लोगों का भी सहमत होकर सतुंष्ठ होना बड़ी कई बार मुश्किल होता है और यहां तो कई सौ लोगों का परिवार है। भरोसा है इस प्रोपेगंडा का शिकार हो रहे साथी चीजों को बेहतर ढंग से समझेंगे। साथ ही नकारात्मकता फैलाने वालों की बौखलाहट और झटपटाहट भी ईश्वर जल्द शांत करेगा। सभी को मेरी सादर शुभकामनाएं।
अनुराग दीक्षित ने उपरोक्त पोस्ट भड़ास पर छपी इस खबर के बाद लिखी थी-
न्यूज नेशन : सीनियर एंकर घर से बुलेटिन पढ़ रहे, जूनियरों को मरने के लिए आफिस बुला रहे!
कोरोना श्रापित ‘न्यूज नेशन’ चैनल की बिल्डिंग हुई सील
न्यूज नेशन के एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
Comments on “‘न्यूज नेशन’ में हालात खराब, 20 से ज्यादा पाजिटिव, चमचा अनुराग दीक्षित भी चपेट में!”
अनुराग से बड़ा चमचा आपको दीया लेकर खोजने से भी नहीं मिलेगा मीडिया इंडस्ट्री में.. इतना कमीनापन मैने कभी नहीं देखा, ऐसी ही हरकतें इसकी लोकसभा टीवी में भी थी जहां से ये आया है… वहां भी इसी तरह से चमचई करने में ये अव्वल रहा और लोगों की नौकरिया खाता रहा… पूरे चैनल में चाटूकारिता, चमचई, जी हूजूरी और उपर के लोगों के साथ इसका साठ गांठ इसकी पुरानी चाल रहती है…. शर्म करो अनुराग…
न्यूज़ nation में अभी भी चमचों की कमी नहीं है। न्यूज़ नेशन, न्यूज़ स्टेट उत्तर प्रदेश, न्यूज़ नेशन एमपी, में चमचों के भरमार है। पहले कुछ चमचे सर्वेश तिवारी के तलवे चाटते थे। जिनके चक्कर में सर्वेश जी की नौकरी गई थी। बाद में चमचे भी डर के मारे नौकरी छोड़ गए। यहां बहुत सारी चमचिया भी है जिनका काम सिर्फ बॉस को खुश रखना है, इसके बदले चमचियों का अच्छा इंक्रीमेंट होता है। मगर ये चमचियान्न इतनी चतुर है की मौका देखकर पाला बदल लेती है। वैसे भी मीडिया में इन चमचियो की ही तो चलती है। एक की सैलरी 16000 से बढ़कर अब 50000 हो गई है वो भी कुछ साल में। ये चमची लगातार पाला बदलती रहती है।