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अनुराग दीक्षित ने 11 साल बाद छोड़ा लोकसभा टीवी का साथ, न्यूज नेशन से जुड़े

लोकसभा टीवी के वरिष्ठ एंकर अनुराग दीक्षित ने 11 साल बाद लोक सभा टीवी को  अलविदा कहा। अनुराग ने अब न्यूज नेशन के साथ अपनी नई पारी की शुरूआत की है। अनुराग देश के इस पहले संसदीय चैनल की शुरूआत के वक्त बतौर एंकर इससे जुड़े थे। लोक सभा चैनल में वो हिन्दी के सबसे पुराने एंकर बचे थे। इस दरमियान अपनी रिसर्च और सवालों के अलग अंदाज से चैनल के प्रमुख कार्यक्रम लोक मंच की एंकरिंग में अनुराग ने अपनी अलग पहचान बनाई थी, जिसके चलते देश के कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों और वरिष्ठ संपादकों द्वारा अनुराग को उनके काम की काफी तारीफ मिली। लोक मंच के लिए ही अनुराग को बेस्ट एंकर के तौर पर कई राष्ट्रीय सम्मान से भी नवाजा गया।

लोकसभा टीवी के वरिष्ठ एंकर अनुराग दीक्षित ने 11 साल बाद लोक सभा टीवी को  अलविदा कहा। अनुराग ने अब न्यूज नेशन के साथ अपनी नई पारी की शुरूआत की है। अनुराग देश के इस पहले संसदीय चैनल की शुरूआत के वक्त बतौर एंकर इससे जुड़े थे। लोक सभा चैनल में वो हिन्दी के सबसे पुराने एंकर बचे थे। इस दरमियान अपनी रिसर्च और सवालों के अलग अंदाज से चैनल के प्रमुख कार्यक्रम लोक मंच की एंकरिंग में अनुराग ने अपनी अलग पहचान बनाई थी, जिसके चलते देश के कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों और वरिष्ठ संपादकों द्वारा अनुराग को उनके काम की काफी तारीफ मिली। लोक मंच के लिए ही अनुराग को बेस्ट एंकर के तौर पर कई राष्ट्रीय सम्मान से भी नवाजा गया।

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बीते 11 सालों में अनुराग ने ना सिर्फ संसद को बेहद करीब से समझा, बल्कि देश की लगभग सभी विधानसभाओं को कवर करने वाले वो पहले टीवी पत्रकार बने। इस दौरान  संसद, नीतियां और राजनीति पर अनुराग ने अपनी मजबूत पकड़ बनाई है। संसदीय प्रक्रियाओं और सरकारी नीतियों पर अनुराग के कार्यक्रमों को काफी प्रंशसा मिली। बीते 11 सालों में अनुराग ना सिर्फ चैनल की आम बजट से जुड़ी विशेष टीम का प्रमुख हिस्सा रहे, बल्कि रेल बजट पर कई हजार किलोमीटर की रेल यात्रा कर स्पेशल सीरीज बनाई। इस दौरान हुए लगभग सभी प्रमुख विधानसभा चुनावों के साथ-साथ लोक सभा चुनाव और राष्ट्रपति चुनावों को उन्होंने कवर किया। अपने कार्यक्रमों में अनुराग ने लोक सभा अध्यक्ष, केन्द्रीय मंत्रियों, सांसदों और ढेरों नौकरशाहों से खास बातचीत की। नक्सलवाद, जेल सुधार, शहरीकरण जैसे ढेरों संवेदनशील मुद्दों पर उन्होंने स्पेशल रिपोर्ट बनाईं, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर तक सराहा गया। इन दिनों अनुराग संविधान से जुड़ा एक कार्यक्रम भी कर रहे हैं।

वैसे अनुराग ने खुद को सिर्फ टीवी तक सीमित नहीं रखा। पिछले 5 साल से वो अमर उजाला, दैनिक जागरण, राष्ट्रीय सहारा समेत देश के बाकी प्रमुख हिन्दी अखबारों समेत अब यूसी न्यूज के लिए भी नियमित तौर पर लिख रहे हैं। जल्द ही उनकी एक किताब भी बाजार में आने वाली है। अनुराग भारतीय छात्र संसद समेत कई प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों से भी जुड़े रहे हैं। बीते मंगलवार अनुराग ने लोकसभा टीवी से इस्तीफ़ा दे दिया। इस मौके पर चैनल के साथियों ने अनुराग को भावुक विदाई दी। अब अनुराग न्यूज नेशन टीवी चैनल के साथ अपनी नई पारी की शुरूआत कर चुके हैं।

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