बाराबंकी (उ.प्र.) : जिलाधिकारी ने सरेआम मामूली सी बात पर कल सुबह 10.21 बजे डीएम ऑफिस मोड़ पर ‘क्राइम रिब्यू’ के पत्रकार रामशंकर शर्मा को पहले मुर्गा बनने को कहा। ऐसा न करने पर पुलिस को बुलाकर पुनः दबाव बनाया।
शर्मा ने बताया कि वह कचहरी गेट से मोटरसायकिल चलाकर अंदर जा रहा थे। मोबाइल पर काल अटैंड करने के लिए बाइक किनारे खड़ी कर बात करने लगे। इसी समय डीएम की कार पीछे से आ गई। कार का हार्न सुनकर शर्मा ने बाइक थोड़ी और किनारे कर ली, फिर भी डीएम ने गनर से बाइक की चाबी निकालने और शर्मा को सबके सामने मुर्गा बनने को कहा। मना करने पर पुलिस बुलवाकर उनकी बाइक कोतवाली भिजवा दी।
Comments on “डीएम ने मुर्गा न बनने पर पत्रकार की बाइक पुलिस को सौंप दी”
आज जहां देखिये पत्रकार हासिये पर नज़र आते हैं। कहीं अपमानित किया जाता है तो कहीं कहीं उसका क़त्ल तक किया जा रहा है।
इन लगातार बढ़ती घटनाओं में देखने में आता है कि कहीं पत्रकार गलत हैं तो कहीं पर दूसरे लोग। हमें चाहिए कि हम गलत साबित होने बचें।
जिलाधिकारी जो जनपद के सर्वोच्च अधिकारी ही नहीं अपितु एक बहुत ज़िम्मेदार अधिकारी होता है। जनपद के हर व्यक्ति प्रति उसकी सीधी जवाब देही होती है, हर व्यक्ति के उचित मान सम्मान और उनके अपेक्षित अधिकारों के प्रति उसकी तटस्थ भूमिका संविधान में सुनिश्चित की गई है।
बाराबंकी के जिलाधिकारी का एक पत्रकार के प्रति ऐसा व्यवहार वास्तव में गलत है जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है। साथ ही जनपद के सम्मानित बंधुओं को मिलकर जिलाधिकारी के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराना चाहिए।
desh ke chauthe stambh ke sath ish trh ke krit ke lia pure desh ke media ko birodh karna chahia