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बारिश के लिए बैल बनकर हल खींचती भारत की ये मूर्ख बेटियां! (देखें वीडियो)

आज के वैज्ञानिक दौर में भी मूर्खतापूर्ण हरकत पिछड़ी चेतना के लोग करते रहते हैं. एक दौर था जब लोग मानते थे कि बारिश कोई बाहरी ताकत कराती है. कुछ लोग इसे इंद्र देव नामक देवता का काम बताते थे. इस देवता को खुश करने के लिए तप व्रत जप आदि किया जाता रहा ताकि बारिश हो. इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए तमाम तरह के नुस्खे आजमाए जाते रहे हैं. इसी परंपरा को 21वीं सदी में भी लोग आगे बढ़ा रहे हैं, जो दुर्भाग्य की बात है.

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आज के वैज्ञानिक दौर में भी मूर्खतापूर्ण हरकत पिछड़ी चेतना के लोग करते रहते हैं. एक दौर था जब लोग मानते थे कि बारिश कोई बाहरी ताकत कराती है. कुछ लोग इसे इंद्र देव नामक देवता का काम बताते थे. इस देवता को खुश करने के लिए तप व्रत जप आदि किया जाता रहा ताकि बारिश हो. इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए तमाम तरह के नुस्खे आजमाए जाते रहे हैं. इसी परंपरा को 21वीं सदी में भी लोग आगे बढ़ा रहे हैं, जो दुर्भाग्य की बात है.

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ताज नगरी आगरा के सुजगई गांव में किसान की बेटियों ने बारिश करवाने की मंशा से किसानों के साथ कदमताल करते हुए खेतों में हल चलाया. इस हल को खींचने के लिए मवेशी की जगह खुद बेटियों ने हल को अपने कंधे पर रखा. किसान बेटियों द्वारा बारिश के लिए हल को कंधे पर रखकर खेतों में खींचना चर्चा का विषय बना हुआ है. किसानों का कहना है कि सावन महीने के दो सोमवार बीत गए हैं. किसानों के खेतों के लिए बारिश अमृत का काम करती है. ऐसे में बारिश को लेकर किसान बेटियां सदियों पुरानी परंपरा को आगे बढ़ा रही हैं ताकि बारिश हो और किसानों के सूखते खेतों को नया जीवनदान मिल जाए.

देखें वीडियो…

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-आगरा से भड़ास संवाददाता की रिपोर्ट.

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