भारत समाचार के पत्रकार प्रवीण सक्सेना का लेखपाल भाई प्रदीप सक्सेना गालीबाज है. डीएम-सीएम किसी को नहीं छोड़ता. ग्रामीणों को भी गाली बकता है. लेखपाल को बर्खास्त करने के लिए ग्रामीण हाथों में तख्तियां लेकर धरने पर बैठे हैं.
यूपी की मैनपुरी ग्राम पंचायत अहिरवा इन दिनों का चर्चा का केंद्र बनी हुई है. जहां किसी न किसी मामले को लेकर ग्रामीण कलेक्ट्रेट में लेखपाल व पत्रकार के खिलाफ हाथो में बोर्ड लेकर प्रदर्शन करते हुए नजर आ रहे हैं.
ग्रामीणों ने पूर्व लेखपाल व पूर्व प्रधान समेत एक पत्रकार जो लेखपाल का भाई है, के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा है. प्रदर्शनकारियो ने मांग की है कि पत्रकार प्रवीण सक्सेना के रहमों करम पर लेखपाल ने अपने कार्यकाल के समय सैकड़ो लोगों से पट्टे के नाम पर लाखों रुपये का धन अर्जित किया है.
इनमें से कोई भी व्यक्ति अपने पैसे वापस लेने की बात करता है तो उन्हें बड़े भाई के पत्रकार होने की वजह से दबंग लेखपाल प्रदीप सक्सेना गालियां देकर भगा देता है. स्थानीय निवासियों का आरोप है कि पूर्व लेखपाल प्रदीप सक्सेना का एक वारयाल ऑडियो भी वायरल हुआ था जिसमे डीएम के अलावा सभी राजनेताओं के अलावा ग्राम प्रधान व ग्रामीणों को गालियां दे रहा है. इस मामले के बाद जिला अधिकारी ने लेखपाल को निलंबित तो कर दिया है लेकिन उसे अभी तक बर्खास्त नहीं किया है. न ही उसके खिलाफ रिपोर्ट ही दर्ज कराई गई है.
ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि एक पत्रकार प्रवीण सक्सेना जो एक बड़े संस्थान का संवाददाता है, जिस पर कई थानों में संगीन धाराओं में मुकदमे पंजीकृत हैं. इसके बावजूद ऐसे भ्रष्ट व्यक्ति को पत्रकारिता लाइन में रखा जा रहा है. उसकी पत्रकारिता को रद्द किया जाए. इसे लेकर ग्रामीणों ने जिला अधिकारी को ज्ञापन देते हुए मांग की है कि ग्रामीणों ने क्या कुछ कहा है.
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