अपने कर्मचारियों को हमेशा तंग करने, कम भुगतान देने, आत्महत्या के लिए उकसाने और जबरन त्यागपत्र मांगने के मामले में बदनाम दैनिक भास्कर प्रबंधन को मुम्बई में मुंहकी खानी पड़ी। यहाँ मुम्बई के सहायक कामगार आयुक्त सीआर राउत के समक्ष दैनिक भास्कर के प्रिंसपल करेस्पांडेंट धर्मेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा दायर 40 लाख रुपये के क्लेम मामले की सुनवाई थी। सुनवाई के दौरान भास्कर प्रबंधन के अधिवक्ता और कार्मिक विभाग के कर्मचारी ने कहा कि उन्हें ये पत्र देर से मिला इसलिए उन्हें जवाब देने के लिए एक महीने का वक्त दिया जाए।
इस पर धर्मेंद्र प्रताप सिंह की तरफ से आये बीयूजे के जनरल सेक्रेटरी एमजे पांडे ने कड़ा एतराज जताया। सहायक कामगार आयुक्त सीआर राउत ने साफ़ कहा कि आपको 15 दिन से ज्यादा समय नहीं दिया जा सकता। इस दौरान धर्मेन्द्र प्रताप सिंह ने श्री राउत से कहा कि भास्कर प्रबंधन और संपादक उन्हें त्याग पत्र देने के लिए दबाव बना रहे हैं। इसके बाद श्री राउत ने भास्कर के कार्मिक प्रबंधन को जमकर लताड़ लगाई और कहा कि आप ऐसा कैसे कर सकते हैं। शिकायतकर्ता को इस तरह का दबाव देना बंद कीजिये।
इस मामले की अगली सुनवाई अब 30 जुलाई को दोपहर 12 बजे रखी गयी है जिसमें दैनिक भास्कर प्रबंधन को अपना जवाब लेकर आने को कहा गया है। मुंहकी खाने के बाद भास्कर प्रबंधन के लोग काफी टेंशन में नजर आ रहे हैं। फिलहाल आपको बता दूँ कि धर्मेन्द्र प्रताप सिंह मुम्बई के फिल्म पत्रकारों में काफी जुझारू पत्रकार माने जाते हैं और उन्होंने भास्कर प्रबंधन के खिलाफ माननीय सुप्रीम कोर्ट में मजीठिया वेज बोर्ड के तहत हक पाने का केस दायर कर रखा है।
शशिकांत सिंह
पत्रकार औरआर टी आई एक्टिविस्ट
9322411335
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