Connect with us

Hi, what are you looking for?

टीवी

गोरा रंग, कमर-घुटनों का दर्द, सेक्स पावर, नशा छुड़ाने और अभिमंत्रित ताबीज जैसे भ्रामक विज्ञापनों का प्रसारण न करें चैनल : मंत्रालय

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी चैनलों को भ्रामक और झूठे विज्ञापनों का प्रसारण नहीं करने की सलाह दी है. गोरा रंग बनाने की गारंटी, कमर -घुटनों का दर्द छूमंतर करने, सेक्स पावर बढ़ाने, नशा छुड़ाने और अभिमंत्रित ताबीज से मन की मुरादें पूरी करने वाले विज्ञापन देकर आम जनता को भ्रमित करने वाले विज्ञापन सच्चाई से कोसों दूर हैं. इन विज्ञापनों की सच्चाई के लिए उपभोक्ता शिकायत परिषद और विज्ञापन स्टैंर्डड परिषद ने अध्ययन किया तो ये विज्ञापन सच्चाई से बहुत दूर नजर आए और इन्हें कानून का उल्लंघन माना गया.

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी चैनलों को भ्रामक और झूठे विज्ञापनों का प्रसारण नहीं करने की सलाह दी है. गोरा रंग बनाने की गारंटी, कमर -घुटनों का दर्द छूमंतर करने, सेक्स पावर बढ़ाने, नशा छुड़ाने और अभिमंत्रित ताबीज से मन की मुरादें पूरी करने वाले विज्ञापन देकर आम जनता को भ्रमित करने वाले विज्ञापन सच्चाई से कोसों दूर हैं. इन विज्ञापनों की सच्चाई के लिए उपभोक्ता शिकायत परिषद और विज्ञापन स्टैंर्डड परिषद ने अध्ययन किया तो ये विज्ञापन सच्चाई से बहुत दूर नजर आए और इन्हें कानून का उल्लंघन माना गया.

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी चैनलों को झूठे प्रचार करने वाले विज्ञापनों की एक सूची थमाई है और सलाह दी है कि इनका प्रसारण न करें, नहीं तो सरकार केबल टीवी अधिनियम-1994 और औषधि एवं जादू कुप्रभाव (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम 1954 के तहत कार्रवाई करेगी. किसी न किसी टीवी चैनल पर युवाओं, महिलाओं व बुजुर्गों को आकर्षित करने वाले विज्ञापन दिखाई देते हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.

इन विज्ञापनों को प्रभावी तरीके से बनाया जाता है ताकि लोग उनके झांसे में आएं और उनके सामान खरीद लें, लेकिन खरीदने के बाद पता चलता है कि कंपनी के दावे झूठे हैं. झांसे में आए लोगों ने भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) को बड़ी संख्या में शिकायत की. परिषद ने इन शिकायतों को उपभोक्ता शिकायत परिषद को भेजा जिसने इनकी जांच की और इनके दावों को झूठा पाया. परिषद ने ऐसे विज्ञापनों को तुरंत रोकने की सिफारिश की.

इन विज्ञापनों में बड़ी-बड़ी कंपनियों के नाम शामिल हैं. मुसली पावर एक्स्ट्रा नाम की ताकत और सेक्स पावर बढ़ाने की दवा के लिए कंपनी ने बड़े-बड़े वायदे किए, लेकिन जब उसके गुणों की जांच की गई तो वे गलत निकले. परिषद ने पाया कि न तो वह ताकत बढ़ा रही है और न सेक्स पावर. इस उत्पाद को 1954 के औषधि एवं जादू कुप्रभाव अधिनियम का उल्लंघन भी माना गया. ऐसे ही एक उत्पाद वाया गोल्ड एनर्जी पावडर, पावर मैग्नेटिक ब्रासेल्ट व शक्तिवर्धक वैक्यूम थैरेपी के दावे को भी गलत माना गया. नामी कंपनी डिटोल के विषाणुओं के कारण होने वाली 100 बीमारियों से लड़ने के दावे को भी झूठा बताया गया.

Advertisement. Scroll to continue reading.

लंबाई बढ़ाने की फुलग्रोथ दवा, नशामुक्ति के लिए फुल स्टाप एडिक्शन पावडर, शूगर की बीमारी का इलाज करनेवाली मधुनाक्शणी व लाइलाज रोगों से मुक्ति के लिए वैदिक अमृत के दावों को भी गलत पाया गया. युवा लड़के एवं लड़कियों में गोरा होने व स्किन ग्लो करने की क्रीमों के विज्ञापनों को भी पूरी तरह से गलत पाया गया.

फेयरलुक क्रीम, फेयरप्रो, चोले वाले हनुमानजी, राशि रत्न टोपाज व महाधन लक्ष्मी आदि विज्ञापनों को भी नियमों के खिलाफ माना गया है. इन सभी कंपनियों को विज्ञापन रोकने और टीवी चैनलों को ऐसे विज्ञापनों को प्रसारित न करने का आग्रह किया गया है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

आपको भी कुछ कहना-बताना है तो [email protected] पर मेल करें.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement