सरकारी विज्ञापन वितरण प्रणाली पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने जताई नाराजी, 17 विभागों को नोटिस जारी

उन्मेष गुजराथी, दबंग दुनिया

मुंबई: अभिव्यक्ति के साधनों में से एक विज्ञापन को आधार बनाकर विभिन्न संस्थाएं, व्यक्ति अपने कार्यो को जनता तक पहुंचाने का काम करते हैं। समाचार पत्रों, चैनलों, सोशल मिडिया, रेडियो, मोबाइल के संदेशों के माध्यम से अपनी अभिव्यक्ति दी जा सकती है। विज्ञापन देने वाली कंपनियां किसे विज्ञापन दें, यह तो विज्ञापन देने वाली कंपनी के अधिकार क्षेत्र में रहता है, लेकिन कई बार यह देखने को मिलना है कि अच्छा सर्कुलेशन होने के बवाजूद विज्ञापन देने में दोहरी नीति अपनायी जाती है, जो लोग ऊंची पहुंच वाले हैं, वे अपना स्वार्थ सिद्ध करने में कोई गुरेज नहीं करते।

डीएवीपी ने कम प्रसार संख्या के आधार पर 187 अखबारों को नया विज्ञापन रेट जारी किया! (देखें लिस्ट)

नई विज्ञापन नीति के तहत डीएवीपी की तरफ से कहा गया था कि अखबार स्वेच्छा से अपनी असली प्रसार संख्या की घोषणा कर दें अन्यथा मौके पर चेकिंग के दौरान गड़बड़ी पाई गई तो अखबार के टाइटिल निरस्त कर दिए जाएंगे. इसके बाद सैकड़ों अखबारों ने अपनी झूठी प्रसार संख्या को खारिज करते हुए कम प्रसार संख्या के आंकड़े डीएवीपी को सौंप दिए.

पैसे देकर पुलिस वालों के खिलाफ मजेदार विज्ञापन छपवा लिया और फंस गए अखबार के संपादक जी

उज्जैन के एक सांध्य दैनिक के संपादकों के खिलाफ पुलिस अधिकारियों की छवि खराब करने समेत कई धाराओं में हुआ मुकदमा… उज्जैन में एक सांध्य दैनिक अखबार ने एक विज्ञापन प्रकाशित किया. इस विज्ञापन में उज्जैन में सट्टा व्यापार के सफल संचालन के लिए उज्जैन सटोरिया संघ ने मध्य प्रदेश पुलिस का आभार जताया है. विज्ञापन में बाकायदा एमपी पुलिस के डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला, एडीजी मधुकुमार और उज्जैन एसपी मनोहर एस. वर्मा की तस्वीर भी प्रकाशित की गई है. इस विज्ञापन को देखकर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी परेशान हो गए. बाद में पुलिस ने अखबार के प्रधान संपादक और कार्यकारी संपादक के खिलाफ मुकदमा लिख दिया.

डीएवीपी विज्ञापनों के लिए फर्जीवाड़ा, दिल्ली-लखनऊ के 277 पब्लिकेशन फंसे

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सरकारी विज्ञापनों के लिए आवंटित राशि हासिल करने की खातिर कथित तौर पर ‘फर्जीवाड़े और गबन’ में शामिल होने को लेकर 277 प्रकाशनों के खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज कराने और कानूनी कार्रवाई शुरु करने का फैसला किया है. विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) द्वारा मौके पर की गयी जांच में प्रकाशन एवं प्रसार संबंधी आंकड़ों में व्यापक अनियमितताएं मिलने के बाद लखनऊ और दिल्ली के करीब 277 प्रकाशन मंत्रालय के निशाने पर हैं.

संपादक पर ठगी के विज्ञापन का दायित्व क्यों न हो?

Vishnu Rajgadia : संपादक पर ठगी के विज्ञापन का दायित्व क्यों न हो? किसी राज्य में भूख से किसी एक इंसान की मौत होने पर राज्य के मुख्य सचिव को जवाबदेह माना गया है। जबकि मुख्य सचिव का इसमें कोई प्रत्यक्ष दोष नहीं। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने सीधे मुख्य सचिव पर दायित्व सौंपा है ताकि राज्य की मशीनरी दुरुस्त रहे।

डीएवीपी की विज्ञापन नीति में ये कैसा संशोधन!

विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) की विज्ञापन नीति में पहले भारत सरकार की ओर से देश की तीन बड़ी संवाद समितियों को वरीयता दी गई थी, साथ में सभी समाचार पत्र-पत्रिकाओं से कहा गया था कि इन तीन में से किसी एक की सेवाएं लेना अनिवार्य है। जैसे ही यह निर्देश डीएवीपी की वेबसाइट …

हीरो मोटर के इस विज्ञापन पर टीवी पत्रकार नवीन कुमार गंभीर आपत्ति, जानिए क्या है मामला

Navin Kumar : इन दिनों टीवी पर एक विज्ञापन ख़ूब चल रहा है। हीरो मोटर कॉर्प का। यह विज्ञापन बहुत परेशान करने वाला है। यह दिखाता है कि घर का लड़का देर रात तक घर नहीं लौटा है। सब इंतज़ार कर रहे हैं। मां, पिता, छोटे-छोटे बच्चे और एक कुत्ता। नई-नई बीवी इंतज़ार करते-करते खाने के टेबल पर सो गई है। तभी बाइक की हेडलाइट दरवाज़े पर चमकती है। कैमरा दिखाता है कि कुत्ता दौड़ पड़ा। पिता मुस्कुरा उठे। बच्चे भी भागे। फिर बीवी कहां गई? सोती हुई बीवी हलचल होते ही सबसे पहले आईने के सामने भागती है। अपने बाल-मेकअप ठीक करने लगती है। और पूरी तरह संवरकर ही पति के सामने जाती है। गौर कीजिए यह आधी रात के बाद का दृश्य है। आखिर में एक लाइन का संदेश आता है गाड़ी संभलकर चलाइए क्योंकि कोई आपका इंतज़ार कर रहा है।

सीपीएम के मुखपत्र ‘गणशक्ति’ में मोदी सरकार की दो वर्ष की उपलब्धि का फुल पेज विज्ञापन

Shikha : सीपीएम के दैनिक मुखपत्र अखबार “गणशक्ति” के प्रथम पृष्ठ पर मोदी सरकार की दो वर्ष की “उपलब्धि” का फुल पेज विज्ञापनl क्या अब सीपीएम के “इमानदार” कार्यकर्ताओं को (यदि कोई बचे हैं तो) अपने पार्टी मुख्यालयों पर धावा बोलकर अपने गद्दार नेत्रित्व के हाथ से लाल झंडा छीनकर उनसे किनारा नहीं कर लेना चाहिए? और कितना कलंकित करेगी यह पार्टी महान लाल झंडे को?

शर्मनाक : उत्तर प्रदेश सरकार ने मुंबई के मराठी दैनिक में प्रकाशित कराया यह घटिया विज्ञापन

मुंबई के एक मराठी दैनिक लोकमत में ७ फरवरी को प्रकाशित उत्तर प्रदेश सरकार का एक सरकारी विज्ञापन मुंबई में रहने वाले उत्तर भारतीयों को काफी चुभ रहा है। इस मराठी दैनिक में दिये विज्ञापन में उत्तर प्रदेश सरकार ने लोगों से यूपी आने का आग्रह किया है और आग्रह के लिये जो विज्ञापन तैयार कराया गया है उसमें एक फेरीवाले को दिखाया गया है जो गुलाब जामुन बेच रहा है। इस विज्ञापन में स्लोगन दिया गया है ‘गुलाब जामुन खाईयेगा, चासनी भी मत छोड़ियेगा, यूपी जरूर आईयेगा’।

टीवी पर सबसे ज्यादा विज्ञापन देने वाले उद्योगपति बने बाबा रामदेव

नई दिल्ली। योगगुरु बाबा रामदेव योग के मामले में तो आगे हैं ही, अब चैनल्स को सबसे ज्यादा विज्ञापन देने वाले विज्ञापनदाता भी बन गए हैं। ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बीएआरसी) की रिपोर्ट के अनुसार की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड सबसे बडी एफएमसीजी एडवर्टाइजिंग कंपनी बन गई है। काउंसिल की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक पतंजलि ब्रांड ने 23 से 29 जनवरी के बीच कैडबरी (16 हजार कमर्शियल्स) को पीछे छोड़ते हुए 17000 से भी अधिक बार टीवी कमर्शियल्स प्रसारित। पतंजलि ब्रांड के अंतर्गत आने वाले प्रॉडक्ट्स के टीवी कमर्शियल्स की संख्या कैडबरी, पार्ले और पॉन्ड्स जैसे दिग्गज ब्रैंड्स के विज्ञापनों से भी ज्यादा रही।

मोबाइल टावर्स लगाने का लालच और विज्ञापन के भूखे लालची अखबार… पढ़िए एक युवा ने क्यों कर लिया सुसाइड

Vinod Sirohi : जरूर शेयर करें —मोबाइल टावर्स लगाने का लालच और विज्ञापन के भूखे लालची अखबार — आप पर कोई बंदिश नहीं है आप इस मैसेज को बिना पढ़े डिलीट कर सकते हैं। अगर आप पढ़ना चाहें तो पूरा पढ़ें और पढ़ने के बाद 5 लोगों को जरूर भेजें।

मेरा नाम राहुल है। मैं हरियाणा के सोनीपत जिले के गोहाना का रहने वाला हूँ। आप भी मेरी तरह इंसान हैं लेकिन आप में और मुझमें फर्क ये है कि आप जिन्दा हैं और मैंने 19 अगस्त, 2015 को रेल के नीचे कटकर आत्महत्या कर ली।

यूट्यूब की तरह फेसबुक भी वीडियो अपलोड करने वालों को देगा कमाई करने का मौका

जैसे यूट्यूब पर लोग वीडियो अपलोड करके पैसे कमाते हुए, उसी तरह फेसबुक पर भी ओरिजनल वीडियो अपलोड करने वाले कमाई कर सकते हैं. फेसबुक एक नया फीचर जोड़ने जा रहा है. इसके तहत अगर आप अपनी टाइमलाइन या फेसबुक पेज पर कोई वीडियो अपलोड करते हैं तो फेसबुक उस पर एड चलाएगा और इससे होने वाली आमदनी को आपके साथ शेयर भी करेगा. वीडियो ओरिजनल होना चाहिए और उस पर किसी का कॉपीराइट नहीं होना चाहिए.

जुआ खेलकर रक़म जीतने का लालच देता ये विज्ञापन भड़ास को शोभा नहीं देता!

यशवंत सिंह जी

संपादक, भड़ास4मीडिया

भड़ास को हम सब पत्रकार बहुत गंभीरता से लेते हैं… पर एक ऐसा विज्ञापन देखा कि आपको पत्र लिखने को मजबूर हुआ.. लिखने को तो दस पेज भी लिख सकता हूँ.. मगर आप बुद्धिजीवी हैं… इसलिए पूरा यकीन है कि कम लिखे को ज़्यादा ही समझेंगे… इस मेल के साथ में एक तस्वीर अटैच की है, उसे देखिए… इसमें जो ऑफर है, वो किसी भी नज़रिये से स्वस्थ नहीं कहा जा सकता… जुआ खेलने का ऑफर देकर रक़म जीतने की उम्मीद या लालच देता ये विज्ञापन भड़ास को शोभा नहीं देता… आशा करता हूं कि आप इस पर ध्यान देंगे.

धन्यवाद.

आसिफ खान

Asif Khan

kasif.niaz@gmail.com

क्रिकेट का अंध जुनून और राष्ट्र भक्ति के कृत्रिम भाव

क्रिकेट को हथियार बनाकर जिस तरह से देशी भावनाओं से विदेशी पूंजीपति कम्पनियां और व्यवसायिक मीडिया खेल रहा है वह गम्भीर चिंता पैदा करने वाला है। एक गहरी साजिश के चलते क्रिकेट के प्रति अंध जनून पैदा कर भारतीय युवा को मानसिक दिवालीएपन की ओर धकेलने की कोशिश हो रही है। ग्लैमर,मीडिया और शौहरत के इस आडम्बर में कम्पनियां अपने तेल, शैम्पू, कपड़े, इत्र सब बेच रही हैं और वहीं बेरोजगारी, मुफलिसी और अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा युवा अपनी तमाम समस्याओं को भुलाकर उनको अपना रोल मॉडल माने बैठा है। विडम्बना तो यह है कि आमजन की पीड़ा से बिल्कुल भी सरोकार न रखते हुए यह कृत्रिम हीरो बिकाऊ घोड़ों की तरह नीलाम होकर कम्पनियों के जूते, चप्पल बेचने में व्यस्त हैं।

‘आप’ ने ढूंढ़ा बिकाऊ मीडिया पर खर्च का पूरा लाभ पाने का तरीका

 

Sanjaya Kumar Singh : आम आदमी पार्टी ने ढूंढ़ा बिकाऊ मीडिया पर खर्च का पूरा लाभ पाने का तरीका। फर्जी सर्वेक्षणों का बाप है यह तरीका। इसे कहते हैं आईडिया। यह विज्ञापन इस तरह आ रहा है जैसे रेडियो चैनल खुद सर्वेक्षण कर रहा हो। इसमें किसी व्यक्ति से पूछा जाता है पिछली बार आपने किसे वोट दिया था। वह चाहे जो कहे दूसरा सवाल होता है इस बार किसे देंगे– आम आदमी पार्टी को। और क्यों में, आम आदमी के पक्ष में कारण बताया जाता है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव एफएम रेडियो पर : भाजपा की बुजुर्ग महिला का जवाब खुद केजरीवाल ने यूं दिया

Sanjaya Kumar Singh : दिल्ली विधानसभा चुनाव एफएम रेडियो पर अच्छा चल रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने रेडियो पर एक विज्ञापन चलाया जो इस प्रकार है, “गलती मेरी ही थी। आम आदमी, आम आदमी कहकर धोखा दे दिया। बड़े-बड़े वादे। पानी मुफ्त कर देंगे। आंसू दे गया। घर के काम छोड़कर उसके लिए मीटिंग करवाई, मोहल्लों में। पर बदले में क्या मिला। सब छोड़कर भाग गया। इनके अपने आदमी तक चले गए। गैर जिम्मेदारी का बदला लेंगे। अब इस नाकाम आदमी को वोट न देंगे। पूर्ण बहुमत से बदलें दिल्ली के हालात। चलो चलें मोदी के साथ।”

डीआई पीआर में 4 पेज के अखबार को राज्यस्तरीय बनाने वाला कौन है?

: राजस्थान के डीआई पीआर में अखबारों की मान्यता का फर्जीवाड़ा : 4 पेज के अखबार को राज्यस्तरीय दर्जा, लाखों का चूना : जोधपुर। राजस्थान के सूचना एवं जन सम्पर्क निदेशालय के आला अधिकारी अखबारों की मान्यता की कार्यवाही मे बड़े स्तर पर घपला कर सरकार को चूना लगा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जोधपुर में फर्जी प्रिंट लाईन से छप रहे 4 पेज के अखबार दैनिक प्रतिनिधि का। दैनिक प्रतिनिधि का मालिक खुद को राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी का रिश्तेदार बताता है। उक्त समाचार पत्र का एक ही संस्करण जोधपुर में छप  रहा है। इस चार पेज के अखबार के पीछे  प्रिन्ट लाईन में नियम तोड़ कर प्रिन्टिंग प्रेस के पते की सूचना तक दर्ज नहीं की जा रही हैं जबकि प्रेस एक्ट में मुद्रणालय के पूरे पते की सूचना आवश्यक रूप से दी जाती है। जिस भण्डारी ऑफसेट से यह अखबार छपना बताया जा रहा है इस नाम की कोई प्रिंन्टिंग प्रेस अस्तित्व में नही है।

टीवी विज्ञापन का गिरता स्तर : क्या संपादकों के पास आंख दिमाग नहीं है?

आप टीवी खोल कर देखिए. टीवी का पत्रकार (एंकर) लोकत्रंत का रक्षक बन कर सामने खड़ा होगा. जो नैतिकता और इमानदारी का पुतला होगा. वह हर किसी से सवाल करेगा. उसे शर्मिंदा करेगा. कहेगा देश जानना चाहता है. आप जवाब दो. जवाब दो. अगर आपको उससे कोई सवाल पूछना हो या शिकायत करनी हो तो टी वी ब्रोडकास्टर एशोसिएशन को पत्र लिखें. जिस का पता नीचे पट्टी पर कभी कभी दिखलाया जाता है. अब उससे सवाल कौन पूछे?

Dainik Hindustan Advt Scam : next hearing date 13 January

New Delhi : 200 crore Dainik Hindustan Government Advertisement  scandal, the Supreme Court has listed the Special Leave Petition (Criminal) No.1603/2013 (Shobhana Bhartia Vs State of Bihar & another) for  hearing on January thirteen, 2015 next. Meanwhile, the  Superintendent of Police,Munger(Bihar), Mr.Varun Kumar Sinha has submitted the Counter-Affidavit on behalf of the Bihar Government to Mr.Rudreshwar Singh, the counsel  for the Bihar Government in the Supreme Court in the Special Leave Petition (Criminal) No. 1603 of 2013 .Now, the Counsel for the Bihar Government, Mr. Rudreshwar Singh  has to  file the Counter-Affidavit  in the Supreme Court and has to argue on behalf of the Bihar Government in this case.

मनोरंजन टीवी के फर्जीवाड़ा ‘चेहरा पहचानो इनाम जीतो’ का एक शिकार मैं भी हूं

विषय : Fraud of Manoranjan TV

निदेशक
मनोरंजन टीवी
आदरणीय सर

आपके चैनल Manoranjan TV पर आने वाले ‘चेहरा पहचानो इनाम जीतो’ विज्ञापन के जरिए लोगों को पागल बनाने का काम किया जाता है. इसका एक शिकार मैं भी हुआ हूं. मेरे पास आज दिनांक 09 दिसंबर को फोन आया कि आपको 12 लाख 50 हजार रुपए इनाम में मिलने वाला है. इसे पाने के लिए मेरे से अभी तक इनाम देने वालों ने 86 हजार रुपए तक वसूल लिए हैं.

अपराधी मीडिया मालिक छुट्टा घूम रहे, विज्ञापन एजेंट को तीन साल की जेल हो गई

किसी अखबार या चैनल मालिक को आपने पेड न्यूज या छंटनी या शोषण या चोरी के मामले में जेल जाते आपने नहीं सुना होगा लेकिन एक विज्ञापन एजेंट को तीन साल की जेल की सजा इसलिए हो गई क्योंकि उसने अखबार में विज्ञापन छपवाकर उसका पेमेंट जमा नहीं कराया. विज्ञापन छपवा कर पैसे न जमा कराना अपराध है. उचित ही सजा मिली. लेकिन ऐसी सजाएं बड़े लोगों को अपराध में क्यों नहीं होती.

दैनिक भास्कर : राजस्थान में अखबार ने मृत्यु के शोक संदेश पर दे दी बधाई!

राजस्थान का सबसे बड़ा अखबार होने का दावा करने वाला दैनिक भास्कर अब भगवान भरोसे ही चल रहा है। अखबार के हर संस्करण में खबरों में तो खामियों की भरमार है ही, मगर अब तो विज्ञापनों में भी ये लोग कुछ भी छाप दे रहे हैं। ताजा मामला भास्कर के चितौड़गढ़ संस्करण का है जिसमें 11 दिसंबर को चितौड़गढ़ भास्कर में पेज नंबर 2 पर एक शोक संदेश का विज्ञापन छपा था।

साधना न्यूज पर रात 11 बजते ही शुरू हो जाता है सेक्स रोग, सेक्स और दवा के नाम पर भद्दा मार्केटिंग खेल।

रांची : साधना न्यूज की हालत इन दिनों बड़ी अजीब हो गई है। बिहार- झारखंड को बेस्ड करके यह चैनल जिस तरीके से शुरू हुआ था, उसने अपने खबरों के माध्यम से हलचल मचा दी थी। तभी इसके टीआरपी भी बढ़े थे। अच्छे समाचार और समाचारों के प्रति ईमानदारी से लगे इसके पत्रकार ने अपने बलबूते कई खबरों को ब्रेक कराया। चैनल हिट होने लगा तो पत्रकारों का ग्रुप मालिक और चैनल को फायदा दिलाने की बजाए खुद मुद्रा मोचन और डील में लग गए। इसका अहसास होते ही चैनल संचालक ने पत्रकारों को भी झटका देना, जो शुरू किया, वह भी जारी है।

माखनलाल में मेरी पांच साल की पढ़ाई और आज की विज्ञापनी पत्रकारिता

सम्पादकीय पर विज्ञापन इस कदर हावी है कि लगता ही नहीं कहीं पत्रकारिता हो रही है। ये दौर ऐसा है कि हर कुछ को चाटुकारिता की चाशनी में बार-बार डुबाया जाता है और इसे ही सच्चा बताकर पेश किया जाता है। पत्रकार बनने का सपना लिए हमने 5 साल माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल में गुजारे। काफी गुर भी सीखे। पत्रकारिता की बारीकियों को हमारे गुरुओं ने हमें दम भर सिखाया। इंटर्नशिप ट्रेनिंग के लिए हमें दिल्ली आजतक भी भेजा। लेकिन पढ़ा था कि विज्ञापन और सम्पादकीय दो अलग चीजें होती हैं। लेकिन जब सच्चाई का सामना हुआ तो दिल के टुकड़े हजार भी हुए। हर समय विज्ञापन हावी रहा सम्पादकीय पर।

‘प्रभात खबर’ ने लालू यादव को राबड़ी देवी और राबड़ी देवी को लालू यादव बना दिया!

प्रभात खबर का एक और कारनामा… इसने रातोंरात अपने अखबार में लालू यादव को राबड़ी देवी और राबड़ी देवी को लालू यादव घोषित कर दिया…. ऐसा विज्ञापन में किया गया है. न्यूट्रल पब्लिशिंग हाउस नामक कंपनी प्रभात खबर अखबार का प्रकाशन करती है.  कभी ‘अखबार नहीं आंदोलन’ और आज के दिनों में ‘बिहार जागे…देश आगे’ स्लोगन देकर यह अखबार बेचा जाता है. इस हिन्दी दैनिक ‘प्रभात खबर’ के बिहार संस्करण में विज्ञापन के नाम पर एक और कारनामा सामने आया है.  ‘प्रभात खबर’ के गया एडीशन में एक विज्ञापन छपा जो काफी चौकाने वाला है.

‘प्रभात खबर’ ने छापा कुख्यात अपराधी का ‘शुभकामना संदेश’

पटना से प्रकाशित हिन्दी दैनिक ‘प्रभात खबर’ ने अखबार और विज्ञापन की सारी सीमाओं और मर्यादा को तोड़ते हुए बुधवार को प्रकाशित अंक में एक ऐसे विज्ञापन को प्रकाशित किया है जो हैरत में डाल देने वाला है। 28 अक्टूबर को प्रकाशित इस अखबार के 5वें पृष्ठ पर फतुहा के टुनटुन यादव की तस्वीर के साथ छठ पर्व के अवसर पर एक बड़ा सा शुभकामना संदेश छपा है जिसमें टुनटुन यादव को फतुहा विधान सभा क्षेत्र का समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता बताया गया है।

इत्ता सारा सफ़ेद धन आवे कहाँ से जो हर अख़बार टीवी ख़रीद लेवे?

Om Thanvi : इसके बावजूद समर्थन के लिए दोस्तों और दुश्मनों के सामने याचक बने बैठे हैं? … और मितरो, इतना (सफेद) धन आवे कहाँ से है?

पैसे कमाने की होड़ में विज्ञापनों का धंधा करने वालों के साथ इंडियन एक्सप्रेस भी जुड़ गया है

Sanjaya Kumar Singh : पत्नी बीमार हैं और दो महीने में तीसरी बार अस्पताल में हैं। तीमारदारी करते हुए अस्पताल में समय काटने के लिए नकद देकर अखबार खरीदता और पढ़ता हूं। इसी क्रम में पिछले दिनों ‘द हिन्दू’ खरीदा तो पता चला कि आजकल आठ रुपए का आ रहा है। आपमें से बहुतों को पता नहीं होगा कि रोज घर आने वाला अखबार कितने का होता है। महीने भर का बिल देने वालों के लिए यह कोई खास बात नहीं है।

गोरा रंग, कमर-घुटनों का दर्द, सेक्स पावर, नशा छुड़ाने और अभिमंत्रित ताबीज जैसे भ्रामक विज्ञापनों का प्रसारण न करें चैनल : मंत्रालय

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी चैनलों को भ्रामक और झूठे विज्ञापनों का प्रसारण नहीं करने की सलाह दी है. गोरा रंग बनाने की गारंटी, कमर -घुटनों का दर्द छूमंतर करने, सेक्स पावर बढ़ाने, नशा छुड़ाने और अभिमंत्रित ताबीज से मन की मुरादें पूरी करने वाले विज्ञापन देकर आम जनता को भ्रमित करने वाले विज्ञापन सच्चाई से कोसों दूर हैं. इन विज्ञापनों की सच्चाई के लिए उपभोक्ता शिकायत परिषद और विज्ञापन स्टैंर्डड परिषद ने अध्ययन किया तो ये विज्ञापन सच्चाई से बहुत दूर नजर आए और इन्हें कानून का उल्लंघन माना गया.