Connect with us

Hi, what are you looking for?

उत्तर प्रदेश

योगी डाल-डाल तो भ्रष्ट अफसर पात-पात!

Ashwini Kumar Srivastava : योगी डाल-डाल तो भ्रष्ट अफसर पात-पात! राज्य में एक विभाग है प्रदूषण नियंत्रण विभाग। हर उद्योग या प्रोजेक्ट के लिए वहीं से एनओसी लेनी पड़ती है, तभी जाकर प्रोजेक्ट मंजूर माना जाता है। योगी आदित्यनाथ जानते हैं कि यह विभाग महाभ्रष्ट है और हर एनओसी के लिए मोटी रकम घूस में लेता है, और न मिलने पर एनओसी या तो रद्द कर देता है या फिर महीनों या बरसों तक लटकाए रखता है।

लिहाजा उन्होंने विभाग को निर्देश दिया कि एनओसी की प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी जाए। साथ ही, 45 दिन के भीतर ही एनओसी दी जाए या फिर रद्द करके उसका कारण बताया जाए। अब भ्रष्ट अफसर अगर ऐसी चाक-चौबंद व्यवस्था में सेंध न लगा पाएं तो बरसों की कठिन पढ़ाई लिखाई और कठिन प्रतियोगिता पार करके यहां तक पहुंचने की उनकी मेधा पर ही सवाल उठने लगेंगे। लिहाजा

Advertisement. Scroll to continue reading.

उन्होंने उस दफ्तर के बाहर दलाल खुले छोड़ दिये, जो उस अफसर/कर्मी तक एनओसी के इच्छुक व्यक्ति को ले आएं। और उन्हें यह बताएं कि रुपया लाओ, और एनओसी ले जाओ। यदि कोई इनकार करेगा तो उसे एक तो यही समझ नहीं आएगा कि एनओसी लेने की प्रक्रिया क्या है या ऑनलाइन फॉर्म भरना कैसे है। फिर भी कोई नहीं माना और वेबसाइट के जरिये फॉर्म भरने की कोशिश करेगा भी तो फॉर्म को ही इतना जटिल बना दिया गया है कि अच्छे-अच्छे अपना सर खुजाते रह जाएंगे लेकिन फॉर्म पूरा भर ही नहीं पाएंगे।

और यदि फिर भी कोई जिद पे अड़ गया और रो गाकर किसी तरह फॉर्म भरने की कवायद में जुट भी गया तो फॉर्म के कुछ पेजेज में उन्होंने यह तकनीकी सेटिंग करवा दी है कि फॉर्म भले ही भर डालो लेकिन सेव करने के वक्त वह सर्वर अनवैलबल या कोई और दिक्कत बताकर आपके सारे किये धरे पर पानी फेर देगा।

Advertisement. Scroll to continue reading.

अब ऐसे में योगी जी महाराज कहाँ-कहाँ और क्या-क्या देखें। कुल मिलाकर लब्बोलुआब यह कि भ्रष्टाचार यूपी की नस नस में व्याप्त है। योगी आदित्यनाथ भले इंसान हैं…और उनकी मंशा यूपी को पूरी तरह से सुधारने की है। इसलिए वह दिन-रात एक किये हुए हैं। मगर जो चीज यहां इस कदर गहराई तक पैठ चुकी है कि हर चाक चौबंद व्यवस्था में सेंध लगाकर सारा विभाग एकजुट होकर भ्रष्टाचार को बचाने की कवायद में लगा हुआ हो तो फिर योगी आदित्यनाथ के बस का नहीं है कि वह यूपी में सुधार ला पाएं।

पत्रकार से रियल इस्टेट उद्यमी बने लखनऊ निवासी अश्विनी कुमार श्रीवास्तव की एफबी वॉल से.

Advertisement. Scroll to continue reading.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement