Anil Sinha : रात दस बजे टीवी खोला तो एनडीटीवी पर खबर देखी कि देश भर से आए बेरोजगार दिल्ली में मोर्चा निकाल रहे हैं और हरियाणा के किसानों को सरसों का समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है। हिंदी में खबर देखने के बाद अंग्रेजी की ओर आया तो इंडिया टुडे पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का इंटरव्यू चल रहा था।
सोचा उपचुनावों के बाद जी और दूसरे चैनलों पर उन्हें देख चुका हूं, दूसरे चैनल देख लूं। वहां भी अमित शाह बैठे थे। नाविका कुमार जरूरत से ज्यादा विनम्र थीं। इतनी विनम्र वह हैं नहीं। दूसरी पार्टियों के साथ तो बेहद बदसलूकी करती हैं। उनके सवाल भी मजेदार थे-राहुल गांधी यह कहते हैं और सोनिया गांधी वह कहती हैं। उनका अपना कोई सवाल नहीं था।
आगे न्यूज 18 पर राइजिंग इंडिया समिट को दोहराया जा रहा था और वहां स्मृति ईरानी सोशल मीडिया के नियमन की बात कर रही थीं। रिपब्लिक पर महाभारत की द्रौपदी रामनवमी पर बात कर रही थीं। एक अन्य चैनल पर भाजपा के प्रवक्ता आधार पर ग्यान बघार रहे थे।
मैं बेरोजगारी और किसानों की समस्या भूल गया। समझ में आ गया कि रविवार के दिन टीवी पर भाजपा-पर्व क्यों चल रहा है और अंग्रेजी वाले हिंदी में क्यों इंटरव्यू चला रहे हैं!
पत्रकार अनिल सिन्हा की एफबी वॉल से.