सूखे से तप रहे यूपी के बेहाल बुंदेलखंड में किसान के पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं है शायद! इस मृतक किसान को नातिन की शादी करनी थी। धन का प्रबन्ध नही कर पाया तो ‘मेरा चोला हो लाल बसंती, सूख रही बुन्देली धरती’ कहते फांसी पर झूल गया! इसने बैंक से क्रेडिट कार्ड का 50 हजार का कर्ज लिया था जो चुकता नहीं हुआ!
झाँसी के समथर क्षेत्र के इस किसान की मौत पर भारतीय किसान यूनियन (भानु) के शिवनारायण सिंह परिहार (बुंदेलखंड अध्यक्ष) कहते है कि 16 अप्रैल को इसके नातिन की शादी है, दुर्भाग्य है इस किसान का शव ऐसे ही 5 घण्टे लटका रहा मगर स्थानीय प्रसाशन नहीं आया… देखिये यह फंदा आजाद देश के महान कृषि प्रधान अन्नदाता ने गले में डाला है, वो आप सबका मेक इन इंडिया करने की मांग कर रहा है.
बुंदेलखंड के सोशल एक्टिविस्ट आशीष सागर के फेसबुक वॉल से.