Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

जबरन सेल्फी लेने वाले मनचले को जेल भिजवाने वाली डीएम चंद्रकला के पीछे क्यों पड़ा है दैनिक जागरण?

बी. चंद्रकला (जिलाधिकारी, बुलंदशहर)

नीचे चार आडियो टेप हैं. ये टेप करीब तीन महीने पहले सामने आये थे. बुलंदशहर के करोड़ों रुपये के आईटीआई परीक्षा घोटाले से संबंधित इन टेपों के जरिए पता चला कि इस पूरे घोटाले में दैनिक जागरण, बुलंदशहर के ब्यूरो चीफ सुमन करन भी किसी न किसी रूप में संलिप्त हैं. जागरण प्रबंधन ने सब कुछ जानकर भी अपने दागी ब्यूरो चीफ को पद से नहीं हटाया. बुलंदशहर की जिलाधिकारी बी. चंद्रकला ने जब अपने संग जबरन सेल्फी लेने वाले एक मनचले युवक को जेल भिजवाया तो जागरण के इसी दागी पत्रकार ने उनसे जले पर नमक छिड़कने वाले अंदाज में सवाल पूछा जिसके बाद चंद्रकला ने भी पत्रकार को कायदे से समझाया.

बी. चंद्रकला (जिलाधिकारी, बुलंदशहर)

नीचे चार आडियो टेप हैं. ये टेप करीब तीन महीने पहले सामने आये थे. बुलंदशहर के करोड़ों रुपये के आईटीआई परीक्षा घोटाले से संबंधित इन टेपों के जरिए पता चला कि इस पूरे घोटाले में दैनिक जागरण, बुलंदशहर के ब्यूरो चीफ सुमन करन भी किसी न किसी रूप में संलिप्त हैं. जागरण प्रबंधन ने सब कुछ जानकर भी अपने दागी ब्यूरो चीफ को पद से नहीं हटाया. बुलंदशहर की जिलाधिकारी बी. चंद्रकला ने जब अपने संग जबरन सेल्फी लेने वाले एक मनचले युवक को जेल भिजवाया तो जागरण के इसी दागी पत्रकार ने उनसे जले पर नमक छिड़कने वाले अंदाज में सवाल पूछा जिसके बाद चंद्रकला ने भी पत्रकार को कायदे से समझाया.

Advertisement. Scroll to continue reading.

आप सोच सकते हैं कि इस पुरुष प्रधान देश में जब एक डीएम महिला के साथ जबरन सेल्फी लेते हुए अभद्रता की कोशिश हो सकती है तो आम महिलाओं की क्या स्थिति होगी. किसी के जख्मों पर अगर नमक डाला जाये तो कैसा महसूस होता है. जाहिर है दर्द ही होता. लोकतन्त्र के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले मीडिया माध्यम के प्रतिनिधि ने बुलंदशहर की जिलाधिकारी बी. चन्द्रकला से उनकी पीड़ा को इसी मानसिकता से जानने की कोशिश की जिसके बाद चन्द्रकला ने उस व्यक्ति को हकीकत का आईना दिखाया. सोशल मीडिया पर इस बातचीत से संबंधित ऑडियो के वायरल होने के बाद बुलंदशहर की महिलाओं ने जिलाधिकारी के इस स्वाभिमानी व सख्त रवैये की सराहना की और बताया कि पत्रकार हो या समाज का कोई वर्ग उन्हें अबला न समझे.


बुलंदशहर के आईटीआई परीक्षा घोटाले से संबंधित कुछ टेप जिसमें दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ का नाम आया था….

Advertisement. Scroll to continue reading.

टेप नंबर एक

टेप नंबर दो

Advertisement. Scroll to continue reading.

टेप नंबर तीन

टेब नंबर चार

Advertisement. Scroll to continue reading.

कुछ महीने पहले की याद कीजिए. ये वही देश है जिसने निर्भया के हत्यारे एक नाबालिग को कानून से इतर फांसी की सजा की मांग की थी. महिलाओं की सुरक्षा की मांग के सामने सरकार झुकी और कानून में बदलाव हुआ. जाहिर है निर्भया के लिए हुए आंदोलन में मीडिया की बड़ी भूमिका थी. लेकिन बुलंदशहर में डीएम बी. चन्द्रकला के सेल्फी मामले में मीडिया के एक वर्ग का मापदंड बदल दिया गया. मीडिया माध्यम ने बहस छेड़ी कि महिला डीएम की सेल्फी लेने वाले युवक को उसकी अभद्रता के बाद भी माफ कर दिया जाना चाहिए था. घटना के एक दिन बाद इस मीडिया माध्यम के प्रतिनिधि ने डीएम की उस बातचीत को निजता कानून का उल्लंघन करते हुए न केवल रिकॉर्ड किया, बल्कि उसे सार्वजनिक भी कर दिया. बी. चन्द्रकला ने मीडिया माध्यम को करारा जबाब देते हुए बताया है कि महिलाओं की संवेदनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए.

दरअसल, डीएम बी. चन्द्रकला के साथ हुई यह घटना 1 फरवरी की शाम की है और जागरण के रिपोर्टर से बातचीत वाला ऑडियो उसके करीब 24 घंटे बाद रिकॉर्ड की गयी है. जिलाधिकारी के जिस जवाब को मीडिया माध्यम में छापने के लिए उन्हें फोन किया गया, उसका उन्होंने जिक्र तक अगले दिन की खबर में नहीं किया. शहर की महिलाओं का कहना है कि मीडिया माध्यम आधी आबादी की आवाज दबाने का काम कर रहा है. जिलाधिकारी ने अपने आत्मसम्मान की रक्षा करते हुए बिल्कुल ठीक जवाब दिया है. अब अगर कोई इसे तूल देता है तो ये देश के चौथे स्तंभ का दुर्भाग्य है. 

Advertisement. Scroll to continue reading.

सभी लोग यह सवाल करें कि बुलंदशहर की डीएम बी चन्द्रकला के साथ जबरन सेल्फ़ी लेने वाले को सज़ा देने पर हंगामा क्यों? अब कुछ बात बयानबाजियों पर. पता चला है कि राकेश टिकैत जी ने भी डीएम के खिलाफ बयान दिया है. उनसे ऐसी हल्की बात की उम्मीद नहीं थी. आज स्वर्गीय महेंद्र सिंह टिकैत की याद आ गयी. वो लड़कियों और महिलाओं की कितनी इज़्ज़त करते थे. क्या अब मेरठ मुज़फ्फरनगर की माता बहनों की जबरदस्ती सेल्फ़ी खींची जाने लगेंगी और पेपरों में छपने लगेंगी? लोग खुश होकर चटखारे लेकर फोटो देखेंगे और खबर पढ़ेंगे तो अच्छा लगेगा?

‘लेडी सिंघम’ कहलाने वाली डीएम बी चन्द्रकला के बारे में जिन्हें नहीं पता वे फिर से जान लें. एक ऐसी शख्सियत जो प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ सालों से लड़ती चली आ रही हैं. मात्र 23 साल की उम्र में राजस्थान से अपने करियर की शुरुआत करने वाली डीएम चन्द्रकला जहाँ गयीं वहां लोगों के दिल में बस गयी, महिला सशक्तीकरण की चर्चा आज उनका नाम लिए अधूरी मानी जाएगी. देश के दस साहसी अधिकारियों की लिस्ट में उनका नाम आना कोई इत्तेफ़ाक़ नहीं है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

खैर कहते हैं जब कोई ईमानदार कोतवाल चार्ज लेता है तो इलाके के सभी चोर डर कर मौसेरे भाई हो जाते हैं. यह केस भी कुछ ऐसा है. बुलंदशहर एक एक गाँव में जब विकास की योजनाओं के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण मीटिंग चल रही थी, तब फ़राज़ नाम का एक मनचला सभा के बीच में ही घुस कर डीएम के साथ बदतमीज़ी की और जबरदस्ती सेल्फ़ी लेने की कोशिश करने लगा. वो पहले भी एक कार्यक्रम के दौरान डीएम साहिबा के साथ सेल्फ़ी की मांग कर चुका था, तब चन्द्रकला ने उसे तस्वीर लेने का मौका दे दिया था. पर इस बार जब एक महत्वपूर्ण सभा के दौरान उसने ऐसा करना चाहा तब पुलिस ने फ़ौरन उसकी इस हरकत को देख शांतिभंग के आरोप में उसे अंदर कर दिया. हालांकि वह अगले ही दिन जमानत पर बरी हो गया, पर राजनीतिक उद्देश्य से इस मामले को मीडिया के कुछ लोगों ने बेशर्मी से पेश किया.

देश के एक बड़े मीडिया ग्रुप दैनिक जागरण के एक पत्रकार मनोज झा लिखते हैं- ‘शौक ही तो था, पूरा कर लेने देना चाहिए था’. ये शब्द क्या किसी पत्रकार के हैं? एक महिला के साथ जबरदस्ती सेल्फ़ी लेने को शौक बताने वाले पत्रकार यहीं नहीं रुके. इस खबर की हेडलाइन में वो लिखते हैं- ‘अब लोकतंत्र पर खतरा मंडराने लगा है’. बाल की खाल खींचने वाले ऐसे ही लोग ऐसे मनचलों को बढ़ावा देते हैं. जब इंटरलॉक टाइल्स से बनी घटिया सड़क पर चन्द्रकला ने ठेकेदार समेत सभी अधिकारियों को फटकार लगाई थी तब ये कहाँ थे? जब क्लीन-यूपी अभियान के तहत उन्होंने लगातार 36 घंटे सफाई करने का कीर्तिमान बनाया था तब ये कहाँ थे?

Advertisement. Scroll to continue reading.

भारत पितृसत्तात्मक समाज के लिए जाना जाता है और आज भी कुछ लोग इस सोच से उबर नहीं पाये हैं. आशा करते हैं कि भगवान उन्हें जल्दी ही सद्बुद्धि देगा और वो बेवजह चन्द्रकला जैसी निर्भीक डीएम का विरोध बंद करेंगे. कानून सबके लिए एक है और अनुशासन सबके लिए जरूरी. हिंदुस्तान की समस्त जागरूक जनता डीएम बी चंद्रकला के साथ है और उनसे ऐसे ही निर्भीकता से काम करते रहने की उम्मीद रखता है.

एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement