सुरेश चिपलुनकर-
विश्व प्रसिद्ध संस्था “अर्न्स्ट एंड यंग” ने चित्रा और रहस्यमयी बाबा के ईमेल की जांच 2015 में ही कर ली थी और यह जानकारी SEBI से लेकर वित्त मंत्रालय को थी, जिसके अनुसार चित्रा रामकृष्ण लगातार NSE के सांगठनिक ढाँचे, गुप्त जानकारियाँ, आर्थिक रिजल्ट, नीतियाँ आदि एक बाहरी ईमेल आईडी rigyajursama@outlook.com (चार वेदों में से तीन वेदों के नाम पर स्थापित) के साथ शेयर कर रही है.
फिर सेबी ने भी अपने स्तर पर जांच की और पाया कि चित्रा आंटी उस संदिग्ध स्वामी जी के ईमेल का आशीर्वाद लेकर NSE में कर्मचारियों की भर्ती, प्रमोशन, पोस्टिंग और बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर तक की नियुक्ति करती हैं.
सेबी और एनएसई में सभी लोग मानते हैं कि आनंद सुब्रह्मण्यम ही वह रहस्यमयी बाबा है, जिसके प्रभाव में चित्रा थी… लेकिन सेबी फिलहाल लीपापोती और जांच जारी है करते हुए चार साल निकाल चुकी है… देश की सबसे महत्त्वपूर्ण आर्थिक संस्था के साथ ऐसे खिलवाड़ चल रहे थे… और हमारे तत्कालीन वित्त मंत्री जेटली महोदय (अब निर्मला महोदया) पता नहीं कहाँ थे?? आज की तारीख में वित्त मंत्रालय और सेबी के अलावा कोई नहीं जानता कि NSE से कितनी महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ लीक हुई हैं??
सुचेता दलाल जैसी दिग्गज पत्रकार ने यह मांग की है कि शेयर मार्केट में NSE का IPO (पब्लिक इश्यु) आने से पहले यह पता किया जाए कि NSE में पिछले पांच साल में किस-किस निवेशक ने, कब-कब निवेश किया है… तथा चित्रा रामकृष्ण से लेकर आनंद सुब्रह्मण्यम तथा चित्रा के सचिव नवाज़ को तत्काल गिरफ्तार करके ED और CBI से जांच की जाए…
PayTM, Zomato सहित हालिया कई मामलों के IPO में बुरी तरह ठगाए गए मध्यमवर्गीय निवेशक यह मांग भी कर रहे हैं कि गहन जांच में यह भी पता लगाया जाए कि IPO से पहले ऐसी डूबती जा रही कम्पनियों में किन-किन लोगों ने पैसा लगाया और मार्केट में लिस्ट होते ही मुनाफ़ा कमा लिया, ताकि आम जनता इसमें फंस जाए… NSE की सारी अंदरूनी जानकारियाँ रखने वाले इस कथित स्वामी के पीछे कौन बड़ा खिलाड़ी बैठा है?? उसकी जानकारी के बिना तो इतना अरबों-खरबों रूपए का खेल हो ही नहीं सकता…

प्रस्तुत चित्र में रहस्यमयी हिमालयीन स्वामी जी चित्रा से सेशल्स चलने को कह रहा है… किसी और को न्यूजीलैंड भेज रहा है तो किसी को सिंगापुर भेजने को कह रहा है… दुनिया भर के आर्थिक अखबार इस अविश्वसनीय (लेकिन खतरनाक) घटना की जांच को लेकर SEBI और वित्त मंत्रालय की खिल्ली उड़ा रहे हैं… वैसे भारत के सबसे बड़े बैंक घोटाले को लेकर पूरे पांच साल जांच करने के बाद ऋषि अग्रवाल के खिलाफ FIR करने को लेकर पहले ही जांच एजेंसियां संदेह के घेरे में हैं…
और हम केवल इस बात पर खुश हैं कि महाराष्ट्र में “सौ करोड़ की वसूली” से लेकर नवाब मलिक जैसों की SEBI-NSE की तुलना में मामूली चिन्दीचोरी को हमने पकड़ लिया…