Connect with us

Hi, what are you looking for?

सियासत

जयललिता, हरे टोटके और अधूरा राष्ट्रगान

नायिका से नेत्री बनी जयललिता भले ही पांचवीं बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बन गईं हों. लेकिन हर बार किसी न किसी कारण से विवाद में घिर जाने वाली इस आयरन लेडी ने शपथ के साथ ही राष्ट्रगान के अपमान के विवाद को जन्म दे दिया है। 

नायिका से नेत्री बनी जयललिता भले ही पांचवीं बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बन गईं हों. लेकिन हर बार किसी न किसी कारण से विवाद में घिर जाने वाली इस आयरन लेडी ने शपथ के साथ ही राष्ट्रगान के अपमान के विवाद को जन्म दे दिया है। 

ईश्वर के प्रति आस्था गर्व की बात है, होनी भी चाहिए क्योंकि इससे अनुशासन, न्याय और सम्मान का भाव जागृत होता है । ऐसा माना जाता है कि अज्ञात ईश्वरीय शक्ति के प्रति आस्था से स्वफूर्त जवाबदेही बनती है जो सर्वजनहिताय, सर्वजनसुखाय के साथ आदर एवं सद्मार्ग दिखाती है। क्या जयललिता ने जब उसी ईश्वर के नाम पर शपथ ली तो मुहूर्त के चक्कर में 32 सेकेण्ड बचाने के लिए यह भी भुला दिया कि जिस राज्य और देश ने उन्हें इतना मान दिया, पद प्रतिष्ठा दिलाई उसके प्रति भी तो आदर भाव होना चाहिए, जिसके चलते ही उनका अस्तित्व है, महज 20 सेकेण्ड में छोटा राष्ट्रगान !

Advertisement. Scroll to continue reading.

राष्ट्र सम्मान अनादर निवारक अधिनियम 1971 की धारा 69 में अपमान के रोकथाम के लिए विधान हैं। राष्ट्रगान को शॉर्ट वर्जन के रूप में 20 सेकेण्ड भी बजाया जा सकता है लेकिन उसके लिए भी स्पष्ट अनुदेश हैं। इस संबंध में गृहमंत्रालय के भी स्पष्ट आदेश हैं। आदेश के भाग क्रमांक 1 के बिन्दु 2 में साफ लिखा है कुछ अवसरों पर राष्ट्रगान की पहली तथा अंतिम पंक्तियों का संक्षिप्त पाठ भी गाया अथवा बजाया जाता है। इसका पाठ इस प्रकार है –

जन-गण-मन अधिनायक जय हे

Advertisement. Scroll to continue reading.

भारत भाग्य विधाता ।

जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे ।।

Advertisement. Scroll to continue reading.

संक्षिप्त पाठ को गाने अथवा बजाने में 20 सेकेण्ड का समय लगना चाहिए। पूरे राष्ट्रगान में 52 सेकेण्ड लगते हैं। बिन्दु क्रमांक 2 में ही लिखा है- राष्ट्रगान का संक्षिप्त पाठ किसी के सम्मान में पेय पान करते समय बजाया जाएगा। इसी आदेश में बिन्दु 3 पर लिखा है जिन अवसरों पर राष्ट्रगान का पूर्ण गान अथवा संक्षिप्त पाठ गाया जाएगा उसका संकेत इन अनुदेशों में समुचित स्थलों पर कर दिया गया है। इसी आदेश के भाग 2 में राष्ट्रगान के वादन किए जाने की सूची दी गई है जिसमें पूरा पाठ और संक्षिप्त पाठ के गान को स्पष्ट किया गया है। बिन्दु क्रमांक 3 में लिखा है, किसी भी ऐसे अन्य अवसर पर राष्ट्र गान बजाया जाएगा जिसके लिए भारत सरकार ने विशेष आदेश जारी किए हों। जबकि बिन्दु क्रमांक 4 में कहा गया है सामान्यतः प्रधानमंत्री के लिए राष्ट्रगान नहीं बजाया जाएगा तथापि विशेष अवसर पर प्रधानमंत्री के लिए भी इसे बजाया जा सकता है। इसी आदेश में बैण्ड के साथ किस तरह श्रोताओं को पहले से ज्ञान करा दिया जाएगा फिर बजाया जाएगा ताकि राष्ट्रगान का सम्मान होए इसको स्पष्ट किया गया है।  आदेश के भाग 3 में राष्ट्रगान के सामूहिक गायन के लिए भी स्पष्ट निर्देश हैं।  इसी भाग के बिन्दु  में पूरी स्पष्टता से लिखा है – जिन अवसरों पर राष्ट्र गान के गायन की ; गान को बजाने से भिन्न अनुमति दी जा सकती है, उनकी संपूर्ण सूची देना संभव नहीं किन्तु राष्ट्र गान को इसे सामूहिक रूप से गाए जाने के साथ-साथ श्रध्दापूर्वक गाया जाए तथा गायन के समय उचित शिष्टता से पालन किया जाए ।

ऐसा नहीं है कि राष्ट्रगान के अपमान के आरोप से घिरने वाली जयललिता पहली राजनेता हैं। पूर्व केन्द्रीय मंत्री शशि थरूर भी घिर चुके हैं। लेकिन उनका मामला अलग था। उन्होने  16 दिसंबर 2008 को कोच्चि में एक सभा के दौरान जनसमूह से कहा था कि दाहिने हाथ को सीने पर रखकर राष्ट्रगान गाया जाए क्योंकि इस तरह की परंपरा अमेरिका में है। जिस पर मामला केरल उच्चन्यायालय तक भी गया। शशि थरूर के विरुध्द  राष्ट्र सम्मान अनादर निवारक अधिनियम 1971 की धारा 3 के तहत कोच्चि में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में सुनवाई जारी रखने के आदेश केरल उच्चन्यायालय ने दिए थे। 

Advertisement. Scroll to continue reading.

राष्ट्रगान को उचित सम्मान न दिए जाने का मामला सितंबर 2014 में तिरुवनंतपुरम् से भी आया था जिसमें एक सिनेमा हॉल में राष्ट्रीय गान गाने के सम्मान में एक युवक अपनी जगह खड़ा नहीं हुआ था । 25 वर्षीय सलमान पर सिनेमा हॉल में राष्ट्रीय गान के दौरान बैठे रहने और हूटिंग करने के आरोप के साथ ही तिरंगे का अपमान और फेसबुक पर अशोभनीय टिप्पणी का मामला दर्ज किया गया जिस पर अदालत ने जमानत की याचिका खारिज कर दी  और कहा कि युवक का व्यव्हार राष्ट्र के खिलाफ है। उस पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 124 ए के तहत मामला कायम हुआ था।

इसी वर्ष 26 जनवरी को राजपथ पर उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी के राष्ट गान के वक्त सैल्यूट न करने को लेकर भी खूब हंगामा हुआ और सोशल नेटवर्किंग साइट पर लोगों ने विरोध जताया। हुआ ये था कि उप राष्ट्रपति हाथ नीचे किए सावधान की मुद्रा में खड़े थे । उनकी यह तस्वीर चर्चा में आ गई । बाद में उनके कार्यालय से सफाई दी गई जब उप राष्ट्रपति प्रमुख हस्ती होते तो सलामी लेते। लेकिन राजपथ पर जब राष्ट्रपति के अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर भी सैल्यूट की मुद्रा में थे तब उप राष्ट्रपति नहीं थे। बाद में मामले को बढ़ता देख उप राष्ट्रपति के ओएसडी गुरदीप सिप्पल ने कहा कि प्रोटोकाल के तहत जब राष्ट्रगान बजता है तब प्रमुख हस्तियों व सैन्य अफसरों सलामी देनी होती है जो कि गणतंत्र दिवस परेड में राष्ट्रपति को बतौर सुप्रीम कमांडर लेनी होती है। प्रोटोकाल के तहत उप राष्ट्रपति को केवल सावधान की मुद्रा में खड़े होने की जरूरत है। 

Advertisement. Scroll to continue reading.

जयललिता ने शपथ के समय जो टोटका भी किया वो भी खूब चर्चा में है। जैसे हरी साड़ी, हरी अंगूठी, हरा पेन, राज्यपाल द्वारा भेट गुलदस्ता भी हरा, उनकी दोस्त शशिकला भी हरे रंग की साड़ी में प्रवेश द्वार और तोरण द्वार भी हरा। सब जगह हरियाली क्यों न हो, जब जयललिता का चुनाव चिन्ह भी हरा है। लेकिन हरियाली के बीच अधूरा राष्ट्रगान और मुहूर्त के लिए केवल 32 सेकेण्ड की बचत ये जरूर सबकी समझ से बाहर है। 

लेखक-पत्रकार ऋतुपर्ण दवे से संपर्क : [email protected]

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

0 Comments

  1. ramawtar gupta

    May 28, 2015 at 12:53 pm

    lekh me photo bahut badi lagi hai .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement