अश्विनी कुमार श्रीवास्तव-
120 बिलियन डॉलर मार्केट कैप वाली टॉप 10 crypto करेंसी में से एक लूना और उसकी स्टेबल करेंसी UST के रातों- रातों ज़ीरो हो जाने से Crypto बाजार में इस समय कोहराम मचा हुआ है। लाखों- करोड़ों लोग लूना क्रैश के चलते अचानक कंगाल हो गए हैं।
इस भयंकर क्रैश ने एक बार फिर crypto बाजार में बिटकॉइन और एथेरियम को छोड़कर किसी और crypto करेंसी में इन्वेस्टमेंट को ज़ीरो या हीरो जैसा खतरनाक इन्वेस्टमेंट साबित कर दिया है। वैसे भी, आमतौर पर सुरक्षित इन्वेस्टमेंट तलाशने वाले ज्यादातर लोग crypto में केवल बिटकॉइन और इथेरियम पर ही दांव लगाने को तरजीह देते हैं।
जबकि जिन्हें रातों रात करोड़पति बनने की चाह होती है या फिर अपने इन्वेस्टमेंट पर रिस्क उठाने से जिन्हें परहेज नहीं होता है , वे crypto में तमाम अन्य coins/ tokens पर दांव लगाते हैं।
बहरहाल, लूना में अचानक आया यह क्रैश क्या इस कॉइन के डेवलपर्स का कोई घोटाला है या फिर इसके पीछे कोई और खिलाड़ी हैं, यह अभी साफ नहीं हो पाया है। लेकिन चर्चा यह है कि डेवलपर्स ने बड़े पैमाने पर बिटकॉइन खरीद रखे थे और उनके स्टेबल कॉइन UST की लिक्वडिटी इन्हीं बिटकॉइन से थी।
डेवलपर्स ने बड़े पैमाने पर ये बिटकॉइन बेच दिए, जिसके चलते UST क्रैश हुआ, फिर UST की liquidity वाले लूना का भाव भी शून्य के करीब पहुंच गया।
बिनांस ने अपने एक्सचेंज से UST और लूना, दोनों को ही delist कर दिया है। इसके चलते लूना के रिकवर होने के चांसेज और भी धुंधला गए हैं।