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राष्ट्रीय सहारा देहरादून का मार्केटिंग विभाग हुआ खाली

कहावत है कि 12 साल में तो घूरे (कूड़े के ढेर) के दिन भी सुधर जाते हैं, लेकिन राष्ट्रीय सहारा देहरादून के दिन फिरने का नाम नही ले रहा है। एक के बाद एक झटके देहरादून सहारा को कमजोर कर रहा है। आपसी खींचतान के चलते सहारा देहरादून यूनिट में बचे-खुचे लोगों का भी काम करना दुश्वार हो रहा है।

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कहावत है कि 12 साल में तो घूरे (कूड़े के ढेर) के दिन भी सुधर जाते हैं, लेकिन राष्ट्रीय सहारा देहरादून के दिन फिरने का नाम नही ले रहा है। एक के बाद एक झटके देहरादून सहारा को कमजोर कर रहा है। आपसी खींचतान के चलते सहारा देहरादून यूनिट में बचे-खुचे लोगों का भी काम करना दुश्वार हो रहा है।

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ताजी सूचना यह है कि सहारा की देहरादून यूनिट मार्केटिंग विहीन हो चुकी है। लम्बे समय से विज्ञापन विभाग संभाले डीडी शर्मा ने अपना त्याग-पत्र संस्थान को सौंप दिया है। इतना ही नहीं, शर्मा ने अपने टीम के वरिष्ठ साथी चंदन रस्तोगी व अमित ममगई का त्यागपत्र भी दिलवा दिया है। फिलहाल सहारा का मार्केटिंग विभाग इस समय बिना कप्तान का जहाज बना हुआ है। डीडी शर्मा व उनकी टीम संस्थान छोड़कर कहां जा रहें हैं, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है।

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0 Comments

  1. abc

    February 29, 2016 at 6:53 am

    मार्केटिंग तो खाली हुआ ही साथ में शिड्यूलिंग के साथ आर्ट सेक्शन भी खाली हुआ, शुनील परमार जो की शिड्यूलिंग के इंचार्ज थे उन्हें सहारा ने सेलरी की माग करने पर सेवा समाप्त का पत्र थमा दिया था और राजेश राणा ने भी हताशा में अपना इस्तीफा थमा दिया, आर्ट से अश्वनी और खिलाफ की भी जाने की खबर है.

  2. mini

    March 1, 2016 at 5:22 am

    ये सहारा का दुर्भाग्य है कि काम करने वाले लोग संस्थान छोड़ कर जा रहे हैं और चापलूस निकम्मे वही पर कुंडली मारे बैठे हैं ….और सायद ऐसे पुराने मेहनती वर्कर अब मिलेंगे भी की नहीं ??????

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