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डीएलसी बरेली ने हिंदुस्तान प्रबंधन से कहा- ”सुप्रीम कोर्ट से बढ़कर कोई नहीं”

बरेली में मजीठिया वेज बोर्ड के वेतनमान के अनुसार एरियर के दाखिल क्लेम (हिंदुस्तान समाचार पत्र के सीनियर कॉपी एडिटर मनोज शर्मा के 33,35,623 रुपये, सीनियर सब एडिटर निर्मल कान्त शुक्ला के 32,51,135 रुपये, चीफ रिपोर्टर डॉ. पंकज मिश्रा के 25,64,976 रुपये) पर शुक्रवार को सुनवाई के दौरान उप श्रमायुक्त बरेली रोशन लाल ने हिंदुस्तान प्रबंधन की ओर से मौजूद बरेली के एचआर हेड व विधि सलाहकार को चेताया कि सुप्रीम कोर्ट से बढ़कर कोई नहीं है।

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बरेली में मजीठिया वेज बोर्ड के वेतनमान के अनुसार एरियर के दाखिल क्लेम (हिंदुस्तान समाचार पत्र के सीनियर कॉपी एडिटर मनोज शर्मा के 33,35,623 रुपये, सीनियर सब एडिटर निर्मल कान्त शुक्ला के 32,51,135 रुपये, चीफ रिपोर्टर डॉ. पंकज मिश्रा के 25,64,976 रुपये) पर शुक्रवार को सुनवाई के दौरान उप श्रमायुक्त बरेली रोशन लाल ने हिंदुस्तान प्रबंधन की ओर से मौजूद बरेली के एचआर हेड व विधि सलाहकार को चेताया कि सुप्रीम कोर्ट से बढ़कर कोई नहीं है।

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उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान प्रबंधन क्लेमकर्ता तीनों कर्मचारियों से सौहार्दपूर्ण वार्ता करे और क्लेम का किश्तों में भुगतान लेने के लिए राजी कर लें। उधर, क्लेमकर्ता निर्मल कान्त शुक्ला ने बहस करते हुए डीएलसी के सामने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि इस मामले में न तो कोई सबूत रखने, न कोई बहस करने और न ही किसी तर्क-वितर्क की आवश्यकता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के क्रम में श्रम विभाग को कोर्ट से मिले आदेश के तहत उनके बकाया एरियर क्लेम को दिलाने के लिए बरेली हिंदुस्तान प्रबंधन की आरसी काटी जाए क्योंकि 22 फरवरी को दाखिल क्लेम को देने पर आज जब दस दिन बाद भी हिंदुस्तान बरेली के प्रबंधन ने कोई विचार नहीं किया है तो प्रबंधन दस साल में भी कोई निर्णय नहीं लेगा। लिहाजा इस मामले में प्रबंधन को कोई और मौका देने की आवश्यकता नहीं है। उनके प्रार्थनापत्र के क्रम में हिंदुस्तान बरेली प्रबंधन के विरुद्ध आरसी जारी की जाय।

उपश्रमायुक्त बरेली ने 17 मार्च की तिथि अगली सुनवाई के लिए नियत की है। यूपी के श्रमायुक्त से मजीठिया के अनुसार वेतन न मिलने की बरेली हिंदुस्तान से चीफ कॉपी एडिटर सुनील कुमार मिश्रा, सीनियर सब एडिटर रवि श्रीवास्तव, सीनियर सब एडिटर निर्मल कान्त शुक्ला, चीफ रिपोर्टर पंकज मिश्रा, पेजिनेटर अजय कौशिक ने शिकायत भेजी थी। श्रमायुक्त ने बरेली डीएलसी को प्रकरण निस्तारित करने का आदेश दिया, जिस पर डीएलसी बरेली सुनवाई कर रहे हैं।

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