कानपुर : डीएम डा. रौशन जैकब का शहर को तम्बाकू मुक्त करने के लिये चलाया जा रहा अभियान पूरे जोरों पर है, दूसरी तरफ इस अभियान को यहां पैसे का भूखा प्रिंट मीडिया खूब पलीता लगा रहा है। शहर के आलाधिकारियो के प्रयासो पर अखबारों में छप रहे विज्ञापन पानी फेरने में लगे हुए हैं।
ये कोई नई बात नहीं है। इस अभियान के दौरान ही अपने 18 मई के अंक में हिन्दुस्तान ने पान मसाले का विज्ञापन छाप डाला और वो भी मुख्य पृष्ठ पर। इन अखबार वालों को शहर में चलाये जा रहे अभियानों से कोई सरोकार नहीं है। ये बड़े मीडिया हाउस दोधारी छुरी होते हैं। ये शहर को तंबाकू फ्री बनाने वाली खबरें भी छापते हैं और तंबाकू उत्पादों का विज्ञापन भी छापते हैं।
ये मामला एक शहर का नहीं है। मीडिया चाहे प्रिंट हो या फिर इलेक्ट्रानिक, सभी में धूम्रपान करने वाले विज्ञापनों की धूम है। इलेक्ट्रानिक मीडिया तो इनसे भी दो कदम आगे है। नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले चैनलों में शराब उत्पादों के विज्ञापन बेरोकटोक चलाये जा रहे हैं। जैसे बेगवाइपर, रायल स्टेग, रायल चैलेंजर आदि ब्रांड म्यूजिक सीडी के नाम से प्रमोशन कर रहे हैं। अब जनता भी जानती है ये ब्रांड म्यूजिक सीडी बनाती हैं या फिर कुछ और।
ये बड़े मीडिया हाउस सिर्फ पैसों की भाषा समझते हैं। जिस तरह खुलेआम शराब का सेवन समाज अच्छा नहीं मानता है उसी तरह इन विज्ञापनों के प्रसारण को भी जुर्म की श्रेणी में रखा जाना चाहिए। अखबारों का ये दोगलापन अब बंद होना चाहिए।
लेखक एवं भारतन्यूज24 के प्रधान संपादक नितिन कुमार से संपर्क : 9793939399