कानपुर : स्वतंत्रता दिवस पर शहर में कांग्रेसी नेता अम्बुज शुक्ला द्वारा लगवाई गई त्रुटि पूर्ण होर्डिंग्स के बारे में खबर प्रकाशित करने पर ‘जन सामना’ के सम्पादक श्याम सिंह पंवार को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी है। शुक्ला ने कहा है कि ‘जन सामना’ समाचार पत्र का लाइसेन्स जब्त करवा दूंगा। पत्रकार को अपने घर बुलाकर जूते से मारने की दी धमकी।
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कानपुर प्रेस क्लब पोलखोल : महामंत्री के बयान में सच को छिपाने की कोशिश
कानपुर प्रेस क्लब के वर्तमान स्वयंभू महामंत्री अवनीश दीक्षित ने अपने और अपने साथियों के अपराध को छिपाने के लिए कुछ ऐसे बयान दे दिए, जिन्होंने प्रेस क्लब की विश्वसनीयता पर ही प्रश्न चिन्ह खड़े कर दिए।
समाचार पत्र वितरकों को मिलेगा दुर्घटना सहायता, पेंशन, स्वास्थ्य बीमा सेवाओं का लाभ
कानपुर : श्रमायुक्त शालिनी प्रसाद ने गत दिनो समाचार पत्र वितरकों को एक मीटिंग में बताया कि अब उनको भी केंद्र सरकार की दुर्घटना सहायता, पेंशन, स्वास्थ्य बीमा सेवाओं का लाभ मिलेगा। वितरकों ने इसके लिए अभियान चलाया था। कानपुर शहर में साढ़े तीन हजार से अधिक समाचार पत्र वितरक हैं।
कानपुर में समाचारपत्र वितरकों एवं पत्रकारों को योजना की शुरुआत की जानकारी देतीं श्रमायुक्त शालिनी प्रसाद
कानपुर प्रेस क्लब की करतूतों का महामंत्री ने किया खुलासा
कानपुर प्रेस क्लब के फर्ज़ीवाड़ा प्रकरण में क्लब के महामंत्री अवनीश दीक्षित द्वारा एस.आर.न्यूज़ के मुख्य प्रबन्ध सम्पादक बलवन्त के शिकायती पत्र पर जवाब देने के लिए डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचे। उन्होंने डिप्टी रजिस्ट्रार को अपने जवाब सौंप दिया, जिसकी एक कॉपी एस.आर.न्यूज़ के प्रतिनिधि बृजेन्द्र कुमार मिश्र को भी दी गयी।
दिल्ली जाकर 50 हजार करोड़ का मालिक बन गया कनपुरिया मसाला फरोश, चार हवाई जहाज खरीद लिए
आप ज़िन्दगी भर की कमाई के बाद एक अदद छत नहीं सर पर डाल सके और कानपुर का एक पान मसाला कंपनी का सेल्स मैनेजर दिली आकर 50, 000 करोड़ का मालिक बन गया. आप कभी BMW में पैर नही रख पाए और उसने एक नही, दो नही, चार चार हवाई जहाज खरीद लिए। थोड़े से बरस में ये कैसे मुमकिन है ? ये कौन सा बिज़नेस फार्मूला है ? सारा जहाँ इन्ही पर मेहरबान क्यों हो गया ? या फिर नेताओं का दामन पकड़कर दलाली से दुनिया रातों रात बदली जा सकती है ?
प्रबंधन के झांसे में दगाबाज निकले पटना और कानपुर के सहारा कर्मी, मास्टर एडिशन छाप दिया
शनिवार रात राष्ट्रीय सहारा की नोएडा, लखनऊ, देहरादून, गोरखपुर, वाराणसी यूनिटों में तो हालात असामान्य रहें, अखबार कर्मियों ने कार्य बहिष्कार जारी रखा लेकिन कानपुर और पटना यूनिट के सहारा कर्मियों ने दगाबाजी कर दी। कानपुर और पटना के न्यूज रूम में प्रबंधन की चाल कामयाब रही। मीडिया कर्मियों ने स्थानीय स्तर पर खबरें संकलित-संपादित कर मास्टर एडिशन छाप दिया। इससे डूबते प्रबंधन को तिनके का सहारा मिल गया।
कानपुर में पत्रकार को दो गोलियां मारी गईं, हालत गंभीर
कानपुर में एक पत्रकार को गोली मार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कानपुर में चार पत्रकारों पर हमला, कार से धक्का मारकर जान लेने की कोशिश
कानपुर : महानगर के स्टॉक एक्सचेंज चौराहे पर गत दिनो ‘हिंदुस्तान; में कार्यरत हैदर नकवी, फोटो जर्नलिस्ट मनोज यादव समेत चार पत्रकारों पर कुछ लोगों ने हमला कर जान लेने की कोशिश की। उनके साथ जमकर मारपीट करने के साथ ही उनके ऊपर गाड़ी चढ़ाने का दुष्प्रयास किया गया।
कानपुर प्रेस क्लब पोलखोल (4) : खुलासों से बौखलाए स्वयंभू पत्रकार नेता, दे रहे धमकियां और गालियां
प्रेस क्लब पर फ़र्ज़ी स्वयंभू पत्रकार नेताओं ने कब्ज़ा किया लेकिन उसके 6 महीने बाद ही अचानक सभी पत्रकारों को एक मेल से सूचना मिली कि श्याम नगर में नया प्रेस क्लब रजिस्टर्ड हो गया है जिसके अध्यक्ष कृष्ण कुमार गौड़, उपाध्यक्ष मयंक शुक्ला, और महामंत्री आलोक कुमार है। पत्रकारों में भ्रम फ़ैल गया कि शहर में दो कानपुर प्रेस क्लब कैसे बन गए?
विजय त्रिपाठी बने कानपुर अमर उजाला के संपादक, हरिश्चंद्र का देहरादून तबादला
कानपुर अमर उजाला के संपादक हरिश्चंद्र सिंह का स्थानांतरण देहरादून हो गया है। उनके स्थान पर देहरादून अमर उजाला के संपादक विजय त्रिपाठी अब कानपुर यूनिट के संपादकीय प्रमुख होंगे।
कानपुर प्रेस क्लब पोलखोल (3) : गलत शपथ पत्र से रजिस्ट्रार को गुमराह किया
कानपुर प्रेस क्लब कानपुर महानगर के वर्तमान स्वयंभू महामंत्री अवनीश दीक्षित ने गलत शपथ पत्र और प्रार्थना पत्र दे रजिस्ट्रार को गुमराह किया। शपथपत्र और प्रार्थना पत्र के साथ सारे प्रपत्र फ़र्ज़ी लगाये गये थे।
कानपुर प्रेस क्लब पोलखोल (2) : फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों से कराया गया था नवीनीकरण
कुछ स्वयंभू पत्रकारों ने स्वार्थ पूरा करने के लिए एक सम्मानित संस्था ( एनजीओ ) कानपुर प्रेस क्लब कानपुर महानगर पर धोखाधड़ी कर और क्लब के संस्थापक सदस्यों को दर किनार कर न सिर्फ कब्ज़ा किया बल्कि फ़र्ज़ी कागजों के दम पर उसका नवीनीकरण करा कर 7 के स्थान पर 17 लोगों की फ़र्ज़ी कार्यकारिणी बना दी। आरटीआई में प्राप्त कागजों से कानपुर प्रेस क्लब कानपुर महानगर का फर्जीवाड़ा खुल रहा है।
कानपुर में पत्रकार को गोली मारने वाले दो हमलावर पुलिस ने दबोचे
कानपुर में पत्रकार दीपक मिश्रा को गोली मारने वाले दो हमलावरों दो आरोपियों सचिन पांडेय और मोहनीश उर्फ जीतू पांडेय को पुलिस ने नौबस्ता के हंसपुरम क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। तीसरे आरोपी राजा पांडेय को पुलिस तलाश रही है।
कानपुर में जिलाधिकारी के तंबाकू विरोधी अभियान का धुंआ निकाल रहे विज्ञापन के भूखे अखबार वाले
कानपुर : डीएम डा. रौशन जैकब का शहर को तम्बाकू मुक्त करने के लिये चलाया जा रहा अभियान पूरे जोरों पर है, दूसरी तरफ इस अभियान को यहां पैसे का भूखा प्रिंट मीडिया खूब पलीता लगा रहा है। शहर के आलाधिकारियो के प्रयासो पर अखबारों में छप रहे विज्ञापन पानी फेरने में लगे हुए हैं।
खबर छापने पर bhadas4media को मिले पांच हजार के नोट !
ये तो बड़ी अजीब सी बात, कि हम आप के लिए खबर लिखें और उसके बदले लिफाफे में पांच हजार रुपए डाल कर हमे उसे कोरियर से भेजें। कुछ ऐसा ही वाकया गुजरा आज भड़ास4मीडिया के साथ। ये चौंकाने वाला घटनाक्रम है, 18 मई, 2015 को भड़ास4मीडिया पर प्रकाशित ‘कानपुर ‘लाल इमली महाघोटाले’ पर हाईकोर्ट के रुख से वस्त्र मंत्रालय हिला’ शीर्षक समाचार के संबंध में।
कानपुर ‘लाल इमली महाघोटाले’ पर हाईकोर्ट के रुख से वस्त्र मंत्रालय हिला
कानपुर (उ.प्र.) : वस्त्र मंत्रालय (भारत सरकार) के अधीन बीआईसी कानपुर (उ.प्र.) के पुनरुद्धार में हुए लगभग हजार करोड़ के भूखंडीय महाघोटाले ने लाल इमली के लगभग ढाई हजार अधिकारियों, कर्मचारियों की रोजी रोटी पर ऐसी डाकाजनी की है कि उनकी कमर ही टूट गई है। बताते हैं कि हाईकोर्ट के फैसलों के बावजूद इतना बड़ा घोटाला आजतक कानपुर से दिल्ली तक सुर्खियों में न आ पाने की खास वजह है, पर्दे के पीछे इस खेल में एक बड़े मीडिया घराने का मुख्य रूप से संलिप्त होना। सूत्रों के मुताबिक इस मामले पर कोई ठोस कदम उठाने के लिए हाल में ही 8 मई 2015 को दिल्ली में पीएमओ में संयुक्त सचिव स्तर की बैठक में बीआईसी के एमडी श्रीनिवासन पिल्लई के स्थान पर निर्मल सिह्ना को लाये जाने का निर्णय लेना पड़ा है। मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी विचाराधीन है। इस समय सारी हड़बड़ी इसलिए है कि हाईकोर्ट की जवाब तलबी की पूर्व निर्धारित समय सीमा भी पार हो चुकी है।
कानपुर में बदमाशों ने एक और पत्रकार को लूटा
कानपुर नगर : बर्रा थानाक्षेत्र में देर रात शास्त्री चौक चौराहे के निकट एक पत्रकार से बदमाशों ने मोबाइल और पैसे लूट लिए। लुटेरों ने पत्रकार को मारपीट कर गंभीर रूप से घायल भी कर दिया। जिले में इससे पहले भी कई पत्रकार लुट चुके हैं लेकिन हर बार की तरह पुलिस का रवैया शायद वही पुराना ढाक के तीन पात जैसा निकले।
अखंड प्रताप सिंह को अमर उजाला कानपुर का भी प्रभार
अमर उजाला प्रबंधन ने अपने वाराणसी यूनिट के हेड महाप्रबन्धक अखंड प्रताप सिंह को कानपुर का भी प्रभार दे दिया है। श्री सिंह अभी अमर उजाला वाराणसी और गोरखपुर यूनिट के हेड हैं। वह अब 16 मई से कानपुर बैठेंगे और वहीं से इन तीनों यूनिटों का कार्यभार संभालेंगे।
कानपुर में बदमाशों ने ईटीवी के रिपोर्टर को तड़के लूटा, कटर से अंगूठी भी काटकर ले उड़े
कानपुर में तड़के टेम्पो के इंतजार में खड़े ईटीवी के रिपोर्टर को तमंचा दिखाकर बदमाशों ने बाइक सवार बदमाशों ने उनकी चेन, पर्स आदि लूट लिया। दुस्साहसी लुटेरे पत्रकार की अंगुली से अंगूठी को भी कटर से काट ले गए।
कानपुर अमर उजाला से लखनऊ नभाटा पहुंचे शेखर त्रिपाठी
कानपुर : शेखर त्रिपाठी ने अमर उजाला कानपुर को बॉय-बॉय बोल टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप से अपनी नई पारी शुरू कर दी है। उन्होंने लखनऊ में नवभारत टाइम्स में बतौर सीनियर सब एडिटर ज्वाइन भी कर लिया।
पांच माह से सैलरी न मिलने पर कानपुर सहारा के संपादक और रिपोर्टर में गाली-गलौज
कानपुर : दैनिक राष्ट्रीय सहारा की अन्य यूनिटों की तरह यहां भी सैलरी न मिलने को लेकर मीडिया कर्मियों में तनाव की सूचनाएं हैं। बताया गया है कि इसी मसले पर पिछले दिनो संपादकीय प्रभारी मनोज तिवारी और रिपोर्टर सुरेश त्रिवेदी के बीच दफ्तर में ही गाली-गलौज हो गया।
कानपुर में पत्रकार के संरक्षण में गरीब मरीजों की जेब पर सरेआम डाका
कानपुर (उ.प्र.) : मामला कानपुर के स्वरुप नगर स्थित गैस्ट्रोलीवर हॉस्पिटल का है, जहाँ प्रेस क्लब और एक बड़े अखबार से जुड़े पत्रकार के संरक्षण में इलाज के नाम पर सरेआम मरीजों की जेब पर डाका डाला जा रहा है। पुलिस और नेता भी हास्पिटल प्रबंधन से मिले हुए हैं।
भाड़ में जाए जनसत्ता की नौकरी, ठान लिया कि कानपुर लौट जाएंगे
(आज उन्हीं भवानी बाबू यानी भवानी प्रसाद मिश्र का जन्म दिन है।) 1983 में जब दिल्ली आया तो शुरू-शुरू में राजघाट के गेस्ट हाउस में रहा करता था। जनसत्ता के संपादक दिवंगत प्रभाष जोशी ने मेरा, राजीव शुक्ल और सत्यप्रकाश त्रिपाठी के रहने का इंतजाम वहीं पर करवा दिया था। उस गेस्ट हाउस की खास बात यह थी कि वहां पर लंच व डिनर में अरहर की दाल भी मिलती थी। यह दाल हमारी सबसे बड़ी कमजोरी थी।इतनी अधिक कि हम जनसत्ता की नौकरी छोड़ वापस कानपुर जाने की ठान रखे थे। और तब चूंकि दिल्ली के ढाबों में छोले-भटूरे व मां-चने की दाल के सिवाय कुछ नहीं मिलता था इसलिए हमने ठान लिया था कि हम कानपुर लौट जाएंगे। भाड़ में जाए यह जनसत्ता की नौकरी जो नवभारत टाइम्स व हिंदुस्तान से कम वेतन देता था।
विद्यार्थीजी के शहर कानपुर में गिफ्ट और डग्गे की पत्रकारिता
कलम की ताकत हमेशा से ही तलवार से अधिक रही है और ऐसे कई पत्रकार हैं, जिन्होंने अपनी कलम से सत्ता तक की राह बदल दी। गणेशशंकर विद्यार्थी का नाम ऐसे ही पत्रकारों में गिना जाता है। देश के तमाम बुद्धिजीवी विद्यार्थी जी को कानपुर शहर की पहचान का प्रतीक मानते हैं। लेकिन उनकी कर्मस्थली पर अब गिफ्ट और डग्गे की पत्रकारिता हो रही है। डंके चोट पर अखबार मालिक तक जमीनों के सौदे में लिप्त हैं और ज्यादातर पत्रकारों के पास खेमेबाजी के चटखारों के सिवा जैसे पत्रकारिता से रत्तीभर वास्ता नहीं।
कानपुर में एक और प्रेस क्लब का गठन, कृष्ण कुमार सिंह अध्यक्ष बने
गणेश शंकर विद्यार्थी की कर्मस्थली कानपुर में पत्रकारों ने मिलकर कानपुर प्रेस क्लब का गठन किया. प्रेस वार्ता के दौरान अध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंह गौर और उपाध्यक्ष मयंक शुक्ला ने बताया हमारा उद्येश सभी पत्रकारों के सम्मान, सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा के लिए संग़ठन से आगे एक परिवार की तरह काम करना है. कानपुर प्रेस क्लब अन्य सभी पत्रकार संगठनों के साथ मिलकर पत्रकारपुरम के लिए मुख्यमंत्री को जल्द ही ग्यारह सूत्री ज्ञापन सौंपेगा. अगली बैठक में जल्द ही सभी पत्रकारों के साथ मिलकर कानपुर प्रेस क्लब का विस्तार किया जाना सुनिश्चित किया गया है.