पीलीभीत : गैंगरेप की घटना को लेकर अमर उजाला में तीन कॉलम की खबर छपी। पूरी खबर में महिला के साथ गैंगरेप का कहीं भी ज़िक्र नहीं है। खबर में सिपाही के साहस पर ज्ञान दिया गया है। आख़िर में एक जगह लिखा गया है कि दुष्कर्म की शिकार महिला ने शोर मचाकर साहस न दिखाया होता तो शायद अपराधी न पकड़े जाते।
क्या है पूरा मामला
12 नवंबर की शाम को बरखेड़ा थाना क्षेत्र की एक महिला बीसलपुर से एक ऑटो में सवार हुई। महिला का आरोप है कि ऑटो ड्राइवर और उसके एक साथी की रास्ते में नीयत खराब हो गई।
चलते आटो में पहले तो ऑटो चालक का साथी उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा। उसके बाद दानों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। महिला ड्राइवर और उसके साथी से बचने के लिए शोर मचाया, बरखेड़ा थाने का एक सिपाही और होमगार्ड के साथ गश्त पर निकला था।
उन्होंने जब महिला की चीख सुनी तो दोनों ने ऑटो का पीछा किया। पुलिस वालों ने महिला को ऑटो वालों के चंगुल से छुड़ाया और उन्हें थाने ले आए।
पुलिस ने घटना छिपाने के लिए तहरीर में खेल कर दिया। महिला कह रही थी कि उसके साथ चलते आटो में ड्राइवर और उसके साथी ने दुष्कर्म किया है। पुलिस ने महिला पर दबाव बनाकर छेड़खानी की तहरीर ले ली और दोनों आरोपियों के विरुद्ध छेड़छाड़ की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया।
सुबह एसओ बरखेड़ा ने घटना की जानकारी अपने उच्चाधिकारियों को दी। एसओ ने बाद में महिला के साथ छेड़छाड़ के मुकदमे मे गैंगरेप की धारा बढ़ा दी और दोनों अरोपियों को जेल भेज दिया।
एसपी ने सिपाही और होमगार्ड को दिया इनाम
जब एसपी पीलीभीत को जानकारी हुई की एक सिपाही और होमगार्ड ने साहस का परिचय देते हुए एक महिला को ऑटो ड्राइवर के चंगुल से छुड़ाया है तो उन्होंने सिपाही और होमगार्ड को 25 हजार रुपए देने की घोषणा कर दी।
इसी खबर को अमृत विचार के क्रइम रिपोर्टर वैभव शुक्ला ने “गैंगरेप को छेड़छाड़ बनाया, 25 हजार इनाम पाया“ शीषक से खबर लिखी। वैभव ने साइड स्टोरी ‘खुलासा ही खोल रहा बरखेड़ा पुलिस की करतूत’ शीषक से प्रकाशित की।
कुछ दिन पहले हत्या के मामले को हादसा बता दिया था अमर उजाला ने
व्यापारी की गला रेत कर हत्या को अमर उजाला ने हादसा मे बदल दिया। मामला शनिवार रात का बताया जा रहा है। अमर उजाला ने 4 नंबर पेज पर हत्या को हादसा बताते हुए खबर प्रकाशित कर दिया। अमृत विचार ने खबर को प्रथम पृष्ठ पर ‘बीसलपुर में पोल्ट्री फार्म मालिक की हत्या’ शीर्षक से प्रकाशित किया। ये खबर को रविवार को पीलीभीत से लेकर बीसलपुर तक आम जनता में चर्चा का विषय बन गई। पीएम रिपोर्ट में व्यापारी की गला रेत कर हत्या की पुष्टि हुई। अमर उजाला जैसे प्रतिष्ठित अखबार में इतनी बड़ी गलतियां छपने की वजह से पीलीभीत में अमर उजाला अखबार की प्रतिष्ठा को ठेस लग रही है।
ज्ञात हो कि अमर उजाला पीलीभीत में चार महीने पहले बरेली गेट को लेकर एक खबर प्रकाशित हुई थी। इसमें बरेली गेट के निर्माण का वर्ष और निर्माण करने वाले व्यक्ति का नाम गलत प्रकाशित कर दिया गया। इसकी शिकायत स्थानीय लोगों ने संपादक से लेकर मालिकों तब से की।
संपादक ने सर्वेश शर्मा को फ़ोर्स लीव पर भेज दिया। ब्यूरो प्रभारी वैभव शुक्ला से मौखिक जवाब तलब कर लिया था। उसके बाद अगले दिन ही सर्वेश शर्मा ऑफिस पहुँच गए। सर्वेश के ऑफिस पहुंचने के बाद ही ब्यूरो वैभव शुक्ला ने ऑफिस आना बंद कर दिया। कुछ दिनों बाद ही रिपोर्टर सुनील यादव ने भी इस्तीफा दे दिया। वैभव के इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद ही क्राइम रिपोर्टर सौरभ सिंह ने भी इस्तीफा संस्थान को दे दिया। ऑफिस के दो चपरासियों ने भी संस्थान को अलविदा कह दिया था। इस समय पीलीभत अमर उजाला में ब्यूरो राकेश गुप्ता और संबाद से फोटोग्राफर सर्वेश ही काम कर रहे है।