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छत्तीसगढ़

पत्रकारों के लिए बीमा, पेंशन, वेज बोर्ड आदि मांगों को लेकर राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पत्रकारों के लिए बनी बीमा एवं सम्मान निधि (पेंशन योजना) की तकनीकी खामियों को दूर करने एवं वेतन बोर्ड की सिफारिशों को प्रदेश स्तर पर लागू करवाने की मांग को लेकर आज एक प्रतिनिधिमंडल आईएफडब्ल्यूजे के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ब्रजेश चौबे, छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अवस्थी, जिला अध्यक्ष मोहन तिवारी, रामजी साहू के नेतृत्व में राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन से मिलकर ज्ञापन सौंपा। राज्यपाल ने विषय को लेकर पूरी जानकारी ली।

<p>रायपुर। छत्तीसगढ़ के पत्रकारों के लिए बनी बीमा एवं सम्मान निधि (पेंशन योजना) की तकनीकी खामियों को दूर करने एवं वेतन बोर्ड की सिफारिशों को प्रदेश स्तर पर लागू करवाने की मांग को लेकर आज एक प्रतिनिधिमंडल आईएफडब्ल्यूजे के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ब्रजेश चौबे, छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अवस्थी, जिला अध्यक्ष मोहन तिवारी, रामजी साहू के नेतृत्व में राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन से मिलकर ज्ञापन सौंपा। राज्यपाल ने विषय को लेकर पूरी जानकारी ली।</p>

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पत्रकारों के लिए बनी बीमा एवं सम्मान निधि (पेंशन योजना) की तकनीकी खामियों को दूर करने एवं वेतन बोर्ड की सिफारिशों को प्रदेश स्तर पर लागू करवाने की मांग को लेकर आज एक प्रतिनिधिमंडल आईएफडब्ल्यूजे के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ब्रजेश चौबे, छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अवस्थी, जिला अध्यक्ष मोहन तिवारी, रामजी साहू के नेतृत्व में राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन से मिलकर ज्ञापन सौंपा। राज्यपाल ने विषय को लेकर पूरी जानकारी ली।

ज्ञापन में बताया गया कि सम्मान निधि (पेंशन योजना) में सेवानिवृत्त पत्रकार इसलिए पात्र नहीं माने जा रहे है क्योंकि विभिन्न समाचार पत्रों में काम करने के बाद भी जनसंपर्क विभाग में उनकी अधिमान्यता नहीं रही है। जबकि अधिमान्यता एक समाचार पत्र से कुछ निश्चित संख्या में सदस्यों का हो पाता हैं। ऐसे में सेवानिवृत्त हो चुके वे पत्रकार जिन्होंने 30 से 40 साल तक पत्रकारिता की है लेकिन उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं।

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बीमा योजना में भी कई तकनीकी खामियां हैं। शासकीय बीमा के लिए कुल 162 रुपये खर्च हो रहे है जिसमें पत्रकार को 40 रुपये 25 पैसे देना है और शपथ पत्र बनाने में 100 रुपये खर्च हो रहे है। कुल 140 रुपये 25 पैसे पत्रकार को देय होगा, जबकि सरकार सिर्फ 120 रुपये खर्च कर रही है। यदि किसी कंपनी में ग्रुप बीमा कराया जाता है तो 190 रुपये में 5 लाख के बीमा का लाभ बीमाधारक को मिलता हैं। श्रमजीवी पत्रकार संघ के द्वारा 1 लाख का बीमा पत्रकारों का कराया जा रहा है जिसमें 60 रुपये मात्र खर्च हो रहे है। बीमा योजना के लिए प्रेस परिचय पत्र की जगह अलग से नियुक्ति पत्र मांगा जा रहा है जो कि सदस्यों के पास उपलब्ध नहीं हैं, यहां तक कि ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करने वाले पत्रकार साथी आंशिक भुगतान या कमीशन के आधार पर कार्य करते हैं उन्हें कोई नियुक्ति पत्र नहीं दी जाती। उक्त तमाम खामियों के चलते प्रदेश के अधिकांश प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकार साथी शासन की योजना का लाभ लेने से वंचित हो रहे हैं। वेतन बोर्ड के सिफारिशों को प्रदेश में लागू करवाने छत्तीसगढ़ शासन के श्रम विभाग के द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई हैं, इसका लाभ भी पत्रकारों व प्रेस कर्मचारियों को नहीं मिल पा रहा हैं। राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन को प्रतिनिधिमंडल ने छत्तीसगढ़ में श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रस्तावित राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रण भी दिया। इसके लिए राज्यपाल ने शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए धन्यवाद दिया।

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