Hareprakash Upadhyay-
अग्रजो व प्रिय मित्रो, आप सबों के उलाहनों, तगादों और मुहब्बत का ही यह सबब है कि मेरी यह तीसरी किताब फरवरी के दूसरे सप्ताहांत तक आप लोगों के हाथों में होगी।
पहला कविता संग्रह भारतीय ज्ञानपीठ से सन 2009 में आया था- खिलाड़ी दोस्त तथा अन्य कविताएं। वह संग्रह भी अब अनुपलब्ध है। इस बीच 2014 में उपन्यास आया- बखेड़ापुर।
और अब पहले कविता संग्रह के प्रकाशन के बारह साल बाद नया कविता संग्रह- नया रास्ता। उम्मीद है, हमेशा की तरह आपकी मुहब्बत बनी रहेगी। फिर वही दिल लाया हूँ…