विक्रम सिंह चौहान-
अडानी का साम्राज्य तबाह करने वाले नाथन एंडरसन के विषय में जितना पढता जा रहा हूँ कौतुहल और बढ़ता जा रहा है. अडानी से पहले 36 बड़े फ्राड कंपनियों का काम तमाम कर चुके हैं नाथन. जिसके पीछे पड़ते हैं पूरा खोद कर निकाल देते है. कंपनी में घुस जाते हैं, पैसा भी लगाते हैं और फिर एक्सपोज़ करते हैं.

हिंडनबर्ग रिसर्च को लांच करने से पहले एंडरसन, हैरी मार्कोपोलोस के साथ काम कर रहे थे.हैरी मार्कोपोलोस सेक में अधिकारी रह चुके हैं.जैसे भारत में सेबी होती है वैसे ही अमेरिका में सेक होता है. हैरी मार्कोपोलोस बर्नी मेडॉफ की फ्रॉड स्कीम का पर्दाफाश कर खूब चर्चा में आए थे. नाथन एंडरसन, हैरी मार्कोपोलोस को अपना गुरू मानते हैं. गुरू अपने चेले से खूब प्रभावित हैं.
मार्कोपोलोस कहते हैं कि एंडरसन कुछ भी खोद कर निकाल सकते हैं. अगर उन्हें किसी भी घपले की भनक लग जाए तो वो उसे बेपर्दा करके ही दम लेते हैं.उन्होंने एम्बुलेंस ऐसे ही किसी पड़ताल के लिए पैसे कम होने पर चलाया और उस पैसे से कई खुलासे किये.क्या इंसान है, जूनून है सच सामने लाने का.
बेहद लो प्रोफाइल लाइफ जीने वाले नाथन के 10 सहयोगी पिछले वर्षो में ही जुड़े है इससे पहले वे अकेले ही खुलासा करते थे.रिसर्च की विश्वसनियता इतनी कि विश्व के सभी बड़े मीडिया समूह में उनके रिसर्च की धूम है. एक ऐसा खोजी आदमी इस देश में नहीं है. यहाँ के पत्रकारों को जो अडानी के पैरों में गिरे पड़े है शर्म से डूब मरना चाहिए. यहाँ अडानी ही तबाह नहीं हो रहा है देश के कई बैंक और एलआईसी भी तबाह होगा.