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हितेश शंकर जैसी स्पष्टता बीजेपी के लिए काम कर रहे पत्रकारों / प्रचारकों में कभी नहीं देखी

Prashant Rajawat : किसी भी राजनीतिक दल के मुखपत्र, अख़बार, पत्रिकाएं और वेबसाइट। इनमे काम करने वाले पत्रकार निश्चित ही अपने दल के लिए प्रचारक की भूमिका निभाते हैं। इसमें गलत भी कुछ नहीं यहीं इन पत्रकारों का कर्तव्य है। पर जब ये स्वतंत्र पत्रकार की भूमिका में खुद को प्रस्तुत करते हैं पार्टी सेवा से इतर तब पचता नहीं मुझे। इस मामले में पाञ्चजन्य सम्पादक हितेश शंकर जी का जवाब नहीं। वर्ष 2013 में नौकरी की तलाश करते हुए पाञ्चजन्य पहुंचा था वहां जगह निकली थी।

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Prashant Rajawat : किसी भी राजनीतिक दल के मुखपत्र, अख़बार, पत्रिकाएं और वेबसाइट। इनमे काम करने वाले पत्रकार निश्चित ही अपने दल के लिए प्रचारक की भूमिका निभाते हैं। इसमें गलत भी कुछ नहीं यहीं इन पत्रकारों का कर्तव्य है। पर जब ये स्वतंत्र पत्रकार की भूमिका में खुद को प्रस्तुत करते हैं पार्टी सेवा से इतर तब पचता नहीं मुझे। इस मामले में पाञ्चजन्य सम्पादक हितेश शंकर जी का जवाब नहीं। वर्ष 2013 में नौकरी की तलाश करते हुए पाञ्चजन्य पहुंचा था वहां जगह निकली थी।

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बड़े सम्मान से हितेश जी ने बिठाया, चाय पानी पिलाया। और अंत में स्पष्ट कहा की हम पत्रकार नहीं प्रचारक हैं। आप युवा हो अभी पाञ्चजन्य की पत्रकारिता आपके हित में नहीं क्योंकि पाञ्चजन्य संघ का मुखपत्र है और हम एक पक्षीय पत्रकारिता करते हैं। अभी आप अन्य संस्थानों में काम करिये। दिलचस्प और बेबाक़ बोल हितेश जी के। आज भी दिल खुश कर देते हैं। अरे जो है वो है। जो है उसे स्वीकारने में परेशानी क्या। इतनी स्पष्टता बीजेपी के लिए काम कर रहे पत्रकारों (प्रचारकों) में कभी नहीं देखी।

युवा पत्रकार प्रशांत राजावत की एफबी वॉल से.

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