Connect with us

Hi, what are you looking for?

उत्तर प्रदेश

यूपी में जंगलराज : गरीबी, कर्ज और भूख से त्रस्त किसान झिनकू पेड़ से लटक मरा

(उपरोक्त तस्वीर पर क्लिक कर संबंधित वीडियो देखें)


-रामजी मिश्र ‘मित्र’-

सीतापुर : कैसे कोई गरीब किसान झिनकू पेड़ पर लटक कर मर जाने में ही मुक्ति देख पाता है, इसे जानना हो तो आपको उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में आना पड़ेगा। यहां झिनकू की मौत अफसरों, नेताओं, सिस्टम से ढेर सारे सवालों का जवाब मांग रही है लेकिन सब भ्रष्टाचारी चुप्पी साधे मामले को दबाने में लगे हैं। किसान अन्नदाता होता है। झिनकू भी अन्नदाता था। लेकिन गरीबी, कर्ज और भूख ने उसे ऐसे बेबस किया कि पूरा सिस्टम उसे आत्महत्या की ओर ले जाने लगा।

(उपरोक्त तस्वीर पर क्लिक कर संबंधित वीडियो देखें)


-रामजी मिश्र ‘मित्र’-

Advertisement. Scroll to continue reading.

सीतापुर : कैसे कोई गरीब किसान झिनकू पेड़ पर लटक कर मर जाने में ही मुक्ति देख पाता है, इसे जानना हो तो आपको उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में आना पड़ेगा। यहां झिनकू की मौत अफसरों, नेताओं, सिस्टम से ढेर सारे सवालों का जवाब मांग रही है लेकिन सब भ्रष्टाचारी चुप्पी साधे मामले को दबाने में लगे हैं। किसान अन्नदाता होता है। झिनकू भी अन्नदाता था। लेकिन गरीबी, कर्ज और भूख ने उसे ऐसे बेबस किया कि पूरा सिस्टम उसे आत्महत्या की ओर ले जाने लगा।

यूं तो अन्नदाता सबका पेट भरता है लेकिन झिनकू के पेट की फिकर किसी ने नहीं की। जिले के महोली ब्लाक के मूड़ाहूसा का किसान आखिर फांसी पर झूल ही गया और इसके साथ ही उसने तमाम सरकारी वादों को खोखला साबित कर दिया। बुधवार बीस अप्रैल को हुई किसान की मौत पर भले शासन प्रशासन मौन हो लेकिन मीडिया में लगातार खबरें आने से मामला तूल पकड़ता जा रहा है। 

Advertisement. Scroll to continue reading.

दरअसल झिनकू की मौत यूं ही नहीं हुई। उसकी कहानी बेहद दर्द भरी दास्तान है जिसमें संघर्ष की सारी सीमाएं टूट गईं। आपको बताते चलें कि हर दिन भूख सहना और फसल पकने पर अच्छे दिनों की राह अन्य किसानों की तरह झिनकू के सपने भी ऐसे ही थे। बारह साल पहले उसकी पत्नी आखिरकार कमजोर होकर बीमार हो गई। नतीजन झिनकू ने बहुत सारा कर्जा लेकर पत्नी को बचाने का पूरा प्रयास किया। झिनकू कर्जी भी हुआ और पत्नी भी हाथ से निकल गयी।

झिनकू की एक बिटिया अब शादी लायक हो चुकी थी। आखिर उसने सन 2009 में उसने अपनी बड़ी बेटी नीलम की शादी कर दी। वह पत्नी की बीमारी में लगे धन से हुए कर्जे को अब तक अदा नहीं कर पाया था। बेटी के ब्याह में उस पर तैंतीस हजार का सरकारी कर्ज भी हो गया। दिन रात भूख की फिकर छोड़कर झिनकू को कर्ज की फिकर सताने लगी। पिछले साल उत्तर प्रदेश के किसानों पर मौसम का ऐसा कहर बरसा की उनकी पूरी फसल चौपट हो गयी। लोगों ने बताया झिनकू गरीबी के चलते पटवारी को पैसे न दे पाया जिस पर उसके फसल के नुकसान की जानकारी पटवारी ने नहीं बनाई और उसे सरकारी मुवावजा भी नहीं मिल सका। वह कई बार तहसील गया अधिकारियों से गिड़गिड़ाया लेकिन उसकी शिकायत न ही दर्ज की गई और न ही उसे किसी प्रकार की सहायता दी गयी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

झिनकू का एक बेटा महेंद्र शादी के बाद निशक्त हो गया। आखिर लोग उससे कर्जा लेने के लिए उसके बैल खेत में पहुँचकर रोक लेते। उसे गालियां मिलती, धमकियाँ मिलती। घर का खर्चा बहुत अधिक था। वह भूखा रहकर भी कर्ज के बोझ से दबा का दबा रह गया। अब अगर फसल का पैसा वह कर्ज अदायगी में दे भी देता तब भी भूख औरे घर के अन्य खर्चे से उसे मुक्ति मिलती नहीं दिख रही थी। आखिर झिनकू ने फांसी पर झूल कर धरतीपुत्र कहे जाने वाले मुलायम के पुत्र के राज्य में किसानों के साथ हो रहे अत्याचार की बड़ी कहानी को बयान कर डाला।

अधिकारियों ने इस मामले पर मौत के बाद भी झिनकू की कोई मदद नही की। इधर मौत के पाँच दिन बाद भी स्थानीय मीडिया इसे लगातार कवर कर रही है लेकिन अधिकारी मामले के थमने की राह देख रहे हैं। झिनकू के परिवार में एक बेटी बबली (16 वर्ष) और अनुज (12 वर्ष) निशक्त बेटा महेंद्र और उसकी पत्नी है। इन सबकी जिंदगी में हल किसके कंधे पर होगा, सवाल यह भी है। एक मौत ने कई ज़िंदगियों को अंधेरे में ढकेल दिया है। झिनकू के बैल मालिक के रहते सूखा पैरा चबाने को पा जाते थे लेकिन अब उन्हें वह भी नसीब होते नहीं दिख रहा। खूँटे से बंधे बैल पाँच दिन बाद भी मालिक की राह देखते जान पड़ते हैं। वहीं झिनकू के बच्चे और परिवार के लिए गाँव के लोग अब भी सरकारी सहायता के लिए आस लगाए बैठे हैं। 

Advertisement. Scroll to continue reading.

संबंधित वीडियो देखने के लिए नीचे क्लिक करें…

Advertisement. Scroll to continue reading.

https://www.youtube.com/watch?v=rfk0PgMB8AQ

सीतापुर से रामजी मिश्र ‘मित्र’ की रिपोर्ट.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement