BhimShankar Sahu : माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल के सहायक प्राध्यापक सुरेन्द्र पाल सर का आज सुबह चंडीगढ़ में निधन हो गया। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें। शोक संतृप्त परिवार को प्रभु इस अपार दु:ख को सहने की शक्ति प्रदान करें।
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तेरे बाद भी इस दुनिया मेंं जिंदा तेरा नाम रहेगा! अलविदा पर्रिकर साहब!!
देश के पहले आईआईटियन मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर साहब आपके असमय निधन से मर्माहत हूं. लेकिन जाने के बाद भी फक्र इस बात की है कि आप जैसे व्यक्तित्व कभी भुलाये नहीं भुला सकते. आप मरकर भी अमर हो गए. ना ओहदे का गुरुर था आपको ना था कुर्सी का अभिमान. पूरी जिंदगी ही सादगी और …
कैंसर ने जौनपुर के वरिष्ठ पत्रकार शेष नारायण पाठक को भी हराया
अधिवक्ता के साथ दो दशक तक रहे राष्ट्रीय सहारा के ब्यूरो प्रमुख… राजनीतिज्ञों, समाजसेवियों, अधिवक्ताओं, पत्रकारों ने दी श्रद्धांजलि… जौनपुर। जनपद के वरिष्ठ पत्रकार शेष नारायण पाठक एडवोकेट का सोमवार को निधन हो गया जिसकी जानकारी होने पर पत्रकारिता जगत सहित पूरे जनपद में शोक की लहर दौड़ गयी। देखते ही देखते नगर के मधारे …
युवा टीवी पत्रकार रात में सोया तो सुबह उठ न सका… परिचित, दोस्त-मित्र और सहकर्मी स्तब्ध!
कुंवर सीपी सिंह युवा टीवी पत्रकार कुंवर सीपी सिंह के बारे में सूचना मिल रही है कि उनका निधन हो गया. बताया जाता है कि वे रात में सोए तो सुबह उठे ही नहीं. माना जा रहा है कि उनका निधन हार्ट फेल की वजह से हुआ. कुंवर सीपी को जानने वाले उनके पत्रकार मित्र …
दैनिक जागरण के पूर्व क्षेत्रीय प्रसार प्रबंधक मुहम्मद यामीन अंसारी का निधन
Chandrakant Tripathi : नहीं रहे दैनिक जागरण के पूर्व क्षेत्रीय प्रबंधक (प्रसार) मुहम्मद यासीन अंसारी। दैनिक जागरण बरेली मुरादाबाद व नैनीताल संस्करणों के पूर्व क्षेत्रीय प्रबंधक (प्रसार) 68 वर्षीय मुहम्मद यासीन अंसारी का आज मध्य रात्रि नोएडा में एक संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया। सेवानिवृति के पश्चात वह अपने पुत्र शानुल हुदा के …
Acinetobacter baumannii बैक्टीरियम के हमले से जूझ रहीं वरिष्ठ पत्रकार नीरेंद्र नागर की मां नहीं बच सकीं
Nirendra Nagar : मां नहीं रहीं। मां को बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती करना पड़ता। दो सप्ताह की कोशिशों के बावजूद डॉक्टर उन्हें बचाने में नाकामयाब रहे। Acinetobacter baumannii नामक बैक्टीरियम ने लाखों की तादाद में माँ के फेफड़ों पर हमला कर दिया था। इन जीवाणुओं का एक ही तोड़ था – Colistin …
टीवी जर्नलिस्ट अश्विनी के पिताजी गए तो छह माह बाद उसी राह मां भी चल पड़ीं
Ashwini Sharma : माँ ने भी परिवार का साथ छोड़ दिया… 6 महीने पहले पिता का निधन हुआ था और आज माँ भी चली गई.. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें.. विगत ढाई सालों से मां अपने असीम आत्मबल की दम पर ही जीवित थीं.. अनगिनत बार डायलेसिस हुई.. जाने कितनी सूइयां शरीर में घोपी …
नोएडा में अकेले रह रहीं महिला पत्रकार की लाश फ्लैट में सड़ती मिली
नोएडा के सेक्टर 99 की एक सोसायटी से 52 वर्षीय महिला पत्रकार बबिता बसु का शव मिला है. पुलिस का कहना है कि मौत करीब 25 दिन पहले हुई. बबिता बसु पश्चिम बंगाल की रहने वाली थीं. वे टाइम्स ऑफ इंडिया के न्यूज पोर्टल में कार्यरत थीं. पति से तलाक के बाद फ्लैट में अकेले …
युवा टीवी पत्रकार रोहित परमार का हार्ट अटैक से निधन
बेहद युवा टीवी पत्रकार रोहित परमान नहीं रहे. उनका निधन हार्ट अटैक से हो गया. रोहित बिहार के मधेपुरा के रहने वाले थे. वे नेटवर्क18 मीडिया में कार्यरत थे. उनके अचानक चले जाने से उनके सब जानने वाले स्तब्ध हैं.
दैनिक जागरण वाराणसी के क्राइम रिपोर्टर विजय उपाध्याय का अल्पआयु में निधन
दैनिक जागरण वाराणसी के क्राइम रिपोर्टर विजय उपाध्याय की उम्र मात्र 32 वर्ष थी. उन्हें पैंक्रियाज डैमेज होने के चलते बीते दिनों सर सुन्दरलाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी तबियत खराब होने की सूचना मिलते ही उन्हें देखने राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी सहित काशी के बड़े नेता पहुंचे थे.
72 साल के बूढ़े पिता ने इकलौते पत्रकार पुत्र को मुखाग्नि देकर दिल्ली छोड़ दिया, मदद की अपील
ज़िंदगी के रंग : जब सेहतमंद थे रमेश… और जब दुर्घटनाग्रस्त होकर भर्ती हुए…. जिंदा दिल, साहसी व कर्मठ पत्रकार रमेश कुमार के निधन से उनके जानने वाले पत्रकार, नेता, समाजसेवी, सरकारी अधिकारी बेहद दुखी हैं. 72 वर्षीय बूढ़े पिता विजय कुमार सिंह ने 3 अक्टूबर की रात 9 बजे अपने एकलौते नौजवान बेटे को …
दुर्घटना में घायल नवदोय टाइम्स के पत्रकार रमेश कुमार को बचाया नहीं जा सका
नवोदय टाइम्स के वरिष्ठ पत्रकार रमेश कुमार 16 अगस्त 2018 को एक सड़क दुघर्टना में घायल हो गए थे। उनका इलाज राम मनोहर लोहिया अस्पताल, नई दिल्ली में हुआ था और वो घर पर आ गए थे। अचानक छाती और पेट में दर्द को लेकर वो विम्हांस में एडमिट हुए। इंफेक्शन की वजह से उन्हें …
दैनिक जागरण रिटेल गुरुज के यूपी हेड नीरज सेठ की सड़क दुर्घटना में मौत
कानपुर से दुखद खबर है. दैनिक जागरण के रिटेल गुरुज सिगमेंट के यूपी हेड नीरज सेठ सड़क हादसे में चल बसे. उनकी उम्र 52 साल की थी.
38 साल के टीवी पत्रकार की हार्ट अटैक से मौत, प्रखर प्रकाश मिश्रा की माताजी का निधन
अंबाला से खबर है कि जनता टीवी के पत्रकार अजय गोस्वामी की हार्ट अटैक से मौत हो गई। उन्होंने आखिरी सांस नागरिक अस्पताल अम्बाला में ली। उनकी उम्र मात्र 38 साल थी। अजय गोस्वामी अंबाला के निर्भीक पत्रकारों में शुमार किए जाते थे। अम्बाला के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथी अपने जुझारू पत्रकार अजय गोस्वामी के …
नवभारत टाइम्स लखनऊ के मुख्य उपसंपादक अभिषेक शुक्ला का निधन
सकड़ हादसे में घायल नवभारत टाइम्स लखनऊ के मुख्य उपसंपादक अभिषेक शुक्ला की केजीएमयू में मौत की खबर है। वे केजीएमयू ट्रामा सेंटर में चार दिनों से भर्ती थे. उनका अंतिम संस्कार सीतापुर जिले के सिधौली में किया गया।
रायबरेली के दो वरिष्ठ पत्रकारों का निधन
25 सितंबर 2018 ने रायबरेली की पत्रकारिता से बहुत कुछ छीन लिया। वरिष्ठ पत्रकार श्री कपिल अवस्थी और श्री दिलीप सिंह अब इस दुनिया में नहीं रहे।
‘भारत समाचार’ के कैमरामैन की सड़क हादसे में मौत, चैनल और सरकार ने दी आर्थिक मदद
Ashwini Sharma : लखनऊ में भारत समाचार के कैमरामैन प्रदीप की सड़क हादसे में मौत से उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.. प्रदीप के असमय निधन की खबर से मैं भी सदमे में हूं.. लेकिन सीएम योगी की ओर से आर्थिक मदद की खबर से राहत महसूस कर रहा हूं..
युवा पत्रकार हकीकत कादयान नहीं रहे
हमेशा मुस्कुराने वाले, खुशमिजाज़, मिलनसार और ज़िंदादिल दोस्त पत्रकार हकीकत कादयान हमारे बीच नहीं रहे। सोमवार रात बहादुरगढ़ के सेक्टर-2 स्थित घर की सीढ़ियों में पैर फिसला और जानलेवा चोट उन्हें हम सबसे दूर ले गई। हकीकत कादयान महज 35 साल के थे। खुशमिजाज, मिलनसार और निडर होने के चलते इतनी कम उम्र में उन्होंने …
बनारस के सांध्य दैनिक ‘गांडीव’ के संपादक राजीव अरोड़ा का निधन
बनारस से लंबे समय से छपने वाले सांध्य दैनिक गांडीव के संपादक राजीव अरोड़ा के बारे में सूचना आ ही है कि उनका निधन हो गया है. वे काफी दिनों से वो बीमार थे. मुख्यमंत्री योगी ने वाराणसी से प्रकाशित गांडीव के संपादक राजीव अरोड़ा के निधन पर ट्वीट कर शोक जताया.
नवभारत मुंबई प्रबंधन की प्रताड़ना के शिकार मजीठिया क्रांतिकारी विमल मिश्र की मौत
मुंबई : चार साल से नवभारत प्रबंधन की प्रताड़ना से जंग लड़ रहे नवभारत के रिपोर्टर विमल मिश्र का निधन हो गया। नवभारत प्रबंधन ने उन्हें न तो ट्रांसफर किया था, ना ही सस्पेंड किया और ना ही टर्मिनेट किया। इसके बावजूद वेतन नहीं दे रहा था। तकरीबन 4 साल पहले श्री मिश्र ने नवभारत …
एनडीटीवी के तेजतर्रार कैमरामैन जितिन भूटानी का निधन
Ravish Kumar : कैमरामैन जितिन भूटानी के साथ रवीश कुमार… शुरुआती दिनों की मेरी अनगिनत रिपोर्ट इसी बाइलाइन से ख़त्म होती थी। स्टोरी सामान्य हो या विशिष्ट कैमरामैन सबमें बराबर काम करता है। इसलिए मैं उसके साथ शूट की हुई हर स्टोरी में उसका नाम ज़रूर जोड़ता था। जितिन के साथ जाने कहाँ कहाँ गया।
नहीं रहे पूर्णिया के वरिष्ठ पत्रकार कमल आनंद
सीमांचल के वरिष्ठ पत्रकार कमल आनंद (71) जी नहीं रहे। सोमवार की शाम करीब 5.20 बजे कोलकाता के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। 3 अगस्त की शाम उन्हें पैरालाइसिस का अटैक आया था। इसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए कोलकाता ले जाया गया। वहां पर हार्ट अटैक आने से …
प्रखर श्रीवास्तव के पिताजी और अनिल रॉयल की माताजी का निधन
टीवी पत्रकार प्रखर श्रीवास्तव के पिताजी के निधन की खबर है. प्रखर इंदौर के रहने वाले हैं और इन दिनों न्यूज24 चैनल के नोएडा आफिस में आउटपुट हेड के पद पर कार्यरत हैं. Prakhar Shrivastava ने पिताजी के निधन को लेकर फेसबुक पर जो सबके साथ सूचना साझा की है, वह इस प्रकार है-
जनसत्ता अखबार और आजतक चैनल से जुड़े रहे वरिष्ठ पत्रकार सुमित मिश्रा का निधन
खबर आ रही है कि जनसत्ता अखबार और आजतक न्यूज चैनल से लंबे समय से जुड़े रहे वरिष्ठ पत्रकार सुमित मिश्रा का निधन हो गया है. बताया जा रहा है कि वे काफी अरसे से बीमार चल रहे थे. उनके पुत्र प्रथम मिश्रा ने अपने जानने वालों को पिता के निधन के बाद जो संदेश …
एनडीटीवी के मालिक प्रणय राय की बेटी की मौत
एक बुरी खबर एनडीटीवी समूह से आ रही है. चैनल के मालिक प्रणय राय की बेटी का निधन हो गया. उनका नाम अश्रिका राय था. वे 45 बरस की थीं. वे अपने पीछे दो बेटियां छोड़ गई हैं.
तेजिंदर गगन का जाना
वरिष्ठ पत्रकार प्रभाकर चौबे के दिवंगत होने की खबर का अभी एक पखवाड़ा भी नहीं हुआ था की खबर आई, तेजिंदर गगन नहीं रहे। मुझे याद है तेजिंदर गगन से मेरी पहली मुलाकात एक कार्यक्रम में हुई थी। वह एक राज्य संसाधन केंद्र के द्वारा आयोजित कार्यक्रम था। जिसमें वह बतौर साथी वक्ता पहुंचे थे।
नवभारत, बिलासपुर के सम्पादक निशान्त शर्मा की हार्ट अटैक से मौत
स्वर्गीय निशांत शर्मा Pran Chadha : जान की बाजी लगा कर पत्रकारिता! दैनिक भास्कर के ग्रुप एडिटर कल्पेश याग्निक की मृत्यु की खबर के दो दिन बाद आज नवभारत बिलासपुर के सम्पादक निशान्त शर्मा की हार्ट अटैक से मौत हो गयी।वो 59साल के थे। उनको नर्मदा नगर में उनके निवास पर आज दोपहर दिल का …
पश्चिम बंगाल के टीवी पत्रकार ओमप्रकाश गुप्ता का हृदयाघात से निधन
बराकर। पश्चिम बंगाल के कुल्टी निवासी स्थानीय टीवी पत्रकार ओमप्रकाश गुप्ता का 11 जुलाई देर संध्या देहांत हो गया। हृदयाघात से उनकी मृत्यु बुधवार को हो गयी। पिछले कई दिनों से पत्रकार ओपी गुप्ता अस्वस्थ चल रहे थे और बुधवार को अचानक तबियत बिगड़ने के बाद दुर्गापुर स्थित निजी अस्पताल ले जाया गया जहां उनका …
सहारनपुर के टीवी पत्रकार धर्मेंद्र चौधरी पंचतत्व मे विलीन
सहारनपुर। समाचार प्लस न्यूज चैनल के सहारनपुर जिला प्रभारी धर्मेंद्र चौधरी जीवन से लंबी लड़ाई लड़ते हुए आखिरकार हार गए। चंडीगढ़ PGI में चले इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गयी। पत्रकार धर्मेंद्र चौधरी के शव को चंडीगढ़ से सहारनपुर उनके पैतृक निवास लाया गया। शवयात्रा हकीकत नगर शमशान घाट पहुंची। कल शाम उनके बड़े …
ब्रेन ट्यूमर से जूझ रहे पत्रकार संदीप पिंटू का निधन
स्वर्गीय संदीप पिंटू यकीन नहीं हुआ भाई Sanndeep Pintu अब नहीं रहे. ज्योतिबाफुले नगर में 2012 तक अमर उजाला के सिटी इंचार्ज थे। 2012 में जब उन्हें नई दिल्ली के सफदर गंज हॉस्पिटल में इलाज़ के लिए ले जाया गया तब अमर उजाला आफिस के कुछ लोग उन्हें नौकरी से बाहर कराने में जुट गए. …
मुंगेर के वरिष्ठ पत्रकार काशी प्रसाद का निधन
बिहार के मुंगेर जिले के वरिष्ठ पत्रकार, अधिवक्ता और शिक्षक काशी प्रसाद का निधन बीती देर रात लगभग 12 बजे मंगल बाजार स्थित निवास पर हो गया। वे विगत दो माह से हृदय रोग से जूझ रहे थे। वे 94 वर्ष के थे। वे अंतिम सांस तक अंग्रेजी दैनिक द टाइम्स आफ इंडिया से संवाददाता …
पायनियर दिल्ली के बिजनेस एडिटर राकेश बिहारी झा का निधन, किडनी के इनफेक्शन से पीड़ित थे
स्वर्गीय राकेश बिहारी झा
Satyendra PS : बीएचयू में मेरे सहपाठी रहे राकेश बिहारी झा नहीं रहे। वह मेरे ऑफिस के बगल में ही आईटीओ दिल्ली में पायोनियर अखबार में बिजनेस एडिटर थे। उनके पत्रकारिता का कैरियर पायोनियर में ही शुरू हुआ जहां उन्होंने सब एडिटर से लेकर बिजनेस हेड तक का सफर तय किया। लंबे समय से फोन पर बातचीत भी नहीं हुई थी। अचानक यह सूचना मिली, जो हतप्रभ कर देने वाली है। राकेश बिहारी झा पिछले 3 साल से वह किडनी के संक्रमण से पीड़ित थे। हँसमुख स्वभाव के राकेश अपने मित्रों, सहकर्मियों के अभिभावक के रूप में ही रहते थे। सहपाठी होने के बावजूद उन्हें मैं राकेश भैया ही कहता था।
हमारी-आपकी चुप्पियों के बीच एक वरिष्ठ पत्रकार का यूं अचानक चले जाना (देखें वीडियो)
वरिष्ठ पत्रकार पुनीत कुमार पचास की उमर में चल बसे… वो सहारा समय में नेशनल हेड रह चुके हैं. काफी समये से वो फ्री लांस जर्नलिज्म कर रहे थे. आईआईएमसी से पासआउट और कई चैनलों में वरिष्ठ पदों पर रहे पुनीत की मृत्यु कुछ दिन पहले हुई लेकिन चर्चा बस पुनीत की एफबी वॉल तक …
राजेश शर्मा के निधन से भड़ास ने एक सच्चा शुभचिंतक खो दिया
राजेश शर्मा चले गए. दिवाली की रात. हार्ट अटैक के कारण. उमर बस 44-45 के आसपास रही होगी. वे इंडिया न्यूज यूपी यूके रीजनल चैनल के सीईओ थे. राजेश भाई से मेरी जान पहचान करीब आठ साल पुरानी है. वो अक्सर फोन पर बातचीत में कहा करते- ”यशवंत भाई, तुम जो काम कर रहे हो न, ये तुम्हारे अलावा कोई दूसरा नहीं कर सकता. मैंने मीडिया इंडस्ट्री को बहुत करीब से देखा है. यहां सब मुखौटे लगाए लोग हैं. भड़ास के जरिए तुमने आजकल की पत्रकारिता को आइना दिखाया है.”
इंडिया न्यूज यूपी-यूके रीजनल चैनल के सीईओ राजेश शर्मा का हार्ट अटैक से निधन
दीपक चौरसिया और रवि शर्मा के साथ सबसे बाएं राजेश शर्मा
एक दुखद खबर आ रही है दिल्ली से. इंडिया न्यूज समूह के रीजनल न्यूज चैनल इंडिया न्यूज यूपी यूके के सीईओ राजेश शर्मा का ऐन दिवाली की रात हार्ट अटैक से निधन हो गया. उनकी उम्र 45 वर्ष के आसपास रही होगी. जिंदादिल स्वभाव वाले राजेश बेहद मेहनती और निष्ठावान शख्सियत थे. यही कारण है कि इंडिया न्यूज में एंट्री के बाद उन्होंने लगातार तरक्की की.
निष्ठुर एचटी प्रबंधन ने नहीं दिया मृतक मीडियाकर्मी के परिजनों का पता, अब कौन देगा कंधा!
नई दिल्ली। अपने धरनारत कर्मी की मौत के बाद भी निष्ठुर हिन्दुस्तान प्रबंधन का दिल नहीं पिघला और उसने दिल्ली पुलिस को मृतक रविन्द्र ठाकुर के परिजनों के गांव का पता नहीं दिया। इससे रविन्द्र को अपनों का कंधा मिलने की उम्मीद धूमिल होती नजर आ रही है।
एचटी बिल्डिंग के सामने सिर्फ एक मीडियाकर्मी नहीं मरा, मर गया लोकतंत्र और मर गए इसके सारे खंभे : यशवंत सिंह
Yashwant Singh : शर्म मगर इस देश के मीडिया मालिकों, नेताओं, अफसरों और न्यायाधीशों को बिलकुल नहीं आती… ये जो शख्स लेटा हुआ है.. असल में मरा पड़ा है.. एक मीडियाकर्मी है… एचटी ग्रुप से तेरह साल पहले चार सौ लोग निकाले गए थे… उसमें से एक ये भी है… एचटी के आफिस के सामने तेरह साल से धरना दे रहा था.. मिलता तो खा लेता.. न मिले तो भूखे सो जाता… आसपास के दुकानदारों और कुछ जानने वालों के रहमोकरम पर था.. कोर्ट कचहरी मंत्रालय सरोकार दुकान पुलिस सत्ता मीडिया सब कुछ दिल्ली में है.. पर सब अंधे हैं… सब बेशर्म हैं… आंख पर काला कपड़ा बांधे हैं…
पत्रकार विभूति भूषण चौधरी का सड़क हादसे में निधन
न्यूज24 के एसोसिएट प्रोड्यूसर कामता सिंह को जहर देकर और गला घोंटकर मारा गया था!
इसी साल मार्च महीने में न्यूज24 के एसोसिएट प्रोड्यूसर कामता सिंह की रहस्यमय हालात में मौत हो गई थी. जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई है उसमें बताया गया है कि उन्हें जहर देकर और गला घोंटकर मारा गया. कामता चैनल से ड्यूटी करके रात 12 बजे सोने चले गए थे. साथ में पत्नी भी सो रही थीं. सुबह छह बजे वे नहीं उठे और न हलचल कर रहे थे. तब पत्नी उन्हें अस्पताल ले गईं. वहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था. फिलहाल बिसरा रिपोर्ट का आना अभी बाकी है.
वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी. सिंह के पिताजी लालता प्रसाद सिंह का निधन
स्वर्गीय लालता प्रसाद सिंह
अमर उजाला, इंडिया टुडे, चौथी दुनिया समेत कई अखबारों मैग्जीनों में वरिष्ठ पद पर काम कर चुके वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी. सिंह के पिता जी लालता प्रसाद सिंह का मास्को में निधन हो गया. वे 92 वर्ष के थे. उनका काफी समय से इलाज चल रहा था और हर बार वह स्वस्थ होकर घर लौट आते थे. इस बार वह अस्वस्थ हुए तो अस्पताल से वापस नहीं लौट पाए. वह अपने पीछे दो पुत्र और एक पुत्री समेत नाती-पोतों का भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं. इन दिनों वह मास्को में अपने छोटे बेटे के यहां रह रहे थे.
लखनऊ के फोटो जर्नलिस्ट संजय त्रिपाठी का निधन
लखनऊ के वरिष्ठ छायाकार संजय त्रिपाठी का आज भोर में दिल का दौरा पड़ने से असामयिक निधन हो गया. उनका अंतिम संस्कार आज दिन में दो बजे बैकुंठ धाम में किया गया. संजय के पुत्र शुभम 4PM अखबार में छायाकार हैं. 4पीएम के संपादक संजय शर्मा ने वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट संजय त्रिपाठी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया. उन्होंने बताया कि संजय जी बहुत अच्छे छायाकार थे. परमपिता परमेश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और परिवार को दुख सहने की क्षमता दे.
Legendary journalist, author and novelist Arun Sadhu passes away
We are very sad to inform you that a legendary journalist, author and novelist Arun Sadhu passed away on Monday morning due to illness at a city hospital. He was 76. Known for his expansive work in journalism, commentary on current affairs and politics, Sadhu has authored award winning political novel like Simhasan which was later made into a film that is still relevant and treated as a cult classic. His social novel Mukhavata, and his first novel Mumbai Dinank are considered top class.
लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार अरविंद नारायण सिंह का निधन
Sad news. journalist Arvind Narayan Singh, who had been associated with Nav Bharat Times, Rashtriya Sahara and Hindustan, died at his Indira Nagar, Lucknow residence on Sept. 7, Thursday. RIP
Devesh Singh : वरिष्ठ पत्रकार अरविंद नारायण सिंह हमारे बीच नहीं रहे। आज हम सब के बीच वरिष्ठ पत्रकार अरविंद नारायण सिंह नहीं रहे। प्रातः तकरीबन सवा चार बजे उन्होंने अन्तिम सांस ली। लंबे समय से वह हिपेटाइटिस से जूझ रहे थे। अन्तोगत्वा आज मौत के आगे जिंदगी ने घुटने टेक दिये। यूं तो मीडिया जगत में उनकी लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है। हिन्दुस्तान अखबार से अलग होने के बाद वह कुछ बुझे-बुझे से रहने लगे थे। कभी उन्होंने अपने दर्द को बयां नहीं किया।
मनोज भी दरवीश ही की तरह कैंसर में गिरफ़्तार होकर चल बसे!
Asad Zaidi : मनोज पटेल का अचानक चले जाना अच्छा नहीं लग रहा है। हिन्दी में दुनिया भर की समकालीन कविता के अनुवाद की जो रिवायत अभी बन रही है, वह उसके बनाने वालों में एक थे। वह कविता के अत्यंत ज़हीन पाठक थे, नफ़ीस समझ रखते थे, और उनकी पसन्द का दायरा व्यापक था।
बेहतरीन अनुवादक और ब्लागर मनोज पटेल नहीं रहे
Amitaabh Srivastava : बेहतरीन अनुवादक, ब्लॉगर, फेसबुक मित्र मनोज पटेल का यूँ अचानक चले जाना! क्या कहें सिवाय इसके कि जीवन बहुत अनिश्चित है, समय बहुत क्रूर. पुस्तक मेले की मुलाकात याद आयी और मन भर आया. हम जैसों के लिए तो उनके अनुवाद एक नयी दुनिया की खिड़कियों का काम करते थे. उनका ब्लॉग पढ़ते-पढ़ते पढ़कर ही कई नामों से परिचय हुआ था. बहुत अफ़सोस है मन में, बड़ा मनहूस दिन रहा आज. विनम्र श्रद्धांजलि
टीवी पत्रकार शिवेंद्र प्रताप सिंह के पिताजी का बनारस में निधन
बनारस से मिली जानकारी के मुताबिक टीवी पत्रकार शिवेंद्र प्रताप सिंह के पिताजी राजेंद्र प्रताप सिंह का निधन हो गया है. वे 62 साल के थे और बनारस के शिवपुर के निवासी थे. पिछले 4 महीने से राजेंद्र प्रताप सिंह की तबियत खराब चल रही थी. उन्हें ब्रेन ट्यूमर हुआ था जिसका इलाज चल रहा था. 20 जुलाई को उन्होंने अंतिम सांस ली. बनारस के मणिकर्णिका घाट पर परिजनों और शुभचिंतकों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार हुआ.
नवगछिया के वरिष्ठ पत्रकार सुनील कुमार झा उर्फ सुनील झा नहीं रहे
शुक्रवार को चार बजे सुबह पटना के आईजीआईएमएस में ली अंतिम सांस… बिहार के भागलपुर जिले के बिहपुर के दयालपुर ग्राम के निवासी सुनील कुमार झा का शुक्रवार को पटना के आईजीआईएमएस में इलाज के दौरान निधन हो गया. वे कैंसर से पीड़ित थे. कुछ दिनों पूर्व जब उन्हें परेशानी हुई तो उन्हें इलाज के लिए भागलपुर के जेएलएनएमसीएच में भर्ती कराया गया था. उन्होंने अन्न जल लेना पूरी तरह से बंद कर दिया था.
वेद उनियाल यानि एक ‘संघर्ष’ का ‘संघर्षमय’ अंत…
Yogesh Bhatt : एक ‘संघर्ष’ का ‘संघर्षमय’ अंत. आज की पीढ़ी में बहुत कम लोग होंगे जो वेद भाई (वेद उनियाल) के नाम से परिचित होंगे। वेद भाई संघर्ष का वो नाम है , जो जिया भी संघर्ष में और विदा भी संघर्ष करते करते हुआ। वेद उनियाल उत्तराखंड राज्य आंदोलन का वो नाम है, जिसने इस आंदोलन को उम्र भर जिया। न कोई कारोबार, न कोई सियासत, न कोई रोजगार, सिर्फ और सिर्फ संघर्ष। राज्य आंदोलन के दौर में वह सिर्फ प्रथम पंक्ति के योद्धा ही नहीं, बल्कि चिंतक, विचारक और प्रमुख रणनीतिकार भी रहे। अस्सी-नब्बे के दशक के दौरान जनांदोलनों, जन सरोकारों से जुड़े लोग बखूबी वेद उनियाल से वाकिफ हैं।
कवि-गद्यकार अजित कुमार का निधन
‘चांदनी चन्दन सदृश’: हम क्यों लिखें? / मुख हमें कमलों सरीखे / क्यों दिखें? / हम लिखेंगे: / चांदनी उस रुपये-सी है / कि जिसमें / चमक है, पर खनक ग़ायब है.” नयी कविता के ग़ैर-रूमानी मिज़ाज की ऐसी प्रतिनिधि पंक्तियां लिखनेवाले कवि-गद्यकार श्री अजित कुमार हमारे बीच नहीं रहे. आज सुबह 6 बजे लम्बी बीमारी से संघर्ष करते हुए 84 साल की उम्र में दिल्ली के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया.
मुम्बई के जाने माने प्रेस फोटोग्राफर राजू उपाध्याय का दुर्घटना में निधन
मुम्बई के जाने माने फ़िल्म प्रेस फोटोग्राफर राजू उपाध्याय का वाराणसी से सटे गोपीगंज थाना इलाके के छतमी में एक ट्रक से हुई दुर्घटना में गुरुवार की सुबह निधन हो गया। वो मूलतः भदोही जिले के रहने वाले थे। वो सोमवार को भदोही आए थे। उनकी पत्नी यहां सीतामढ़ी में शिक्षिका हैं। हादसे के वक्त राजू सीतामढ़ी स्थित आवास से दवा लेने के लिए बाइक द्वारा गोपीगंज बाजार जा रहे थे।
पठानिया जी का अंतिम संदेश- ”जिंदगी बहुत खूबसूरत है, लेकिन अपनों के बिना तू अच्छी नहीं लगती”
भला ऐसे भी कोई जाता है… : जिंदगी बहुत खूबसूरत है, लेकिन अपनों के बिना तू अच्छी नहीं लगती। मेरे व्हाट्सएप पर वरिष्ठ पत्रकार पठानिया जी का अंतिम संदेश यही था। पत्रकारिता में अपना जीवन खपा देने वाले बड़े भाई समान मित्र राकेश पठानिया अंतिम समय में मुझे याद करते रहे। (जैसा पारिवारिक सदस्यों ने आज अल सुबह बताया)। पता नहीं दोस्ती के कई कर्ज चुकाने बाकी रह गए।
नहीं रहे धर्मशाला के वरिष्ठ पत्रकार राकेश पठानिया
(स्व. राकेश पठानिया)
एक कलमकार की मौत और सौ सवाल : कहने को तो अब हिमाचल प्रदेश का शहर धर्मशाला प्रदेश की दूसरी राजधानी है और स्मार्ट सीटी भी बनने जा रही है, मगर आज से दो दशक पहले भी धर्मशाला की प्रदेश की राजनीति में काफी अहमियत थी। तब की पत्रकारिता आज के दौर से कहीं अलग और काफी मुश्किल भरा टास्क थी। कुछ गिनी चुनीं अखबारें प्रदेश के बाहर से छपकर आती थीं और इनके पत्रकारों के तौर पर घाघ लोगों का कब्जा था। किसी नए खबरनवीस के लिए अखबार में जगह तलाशना कोयले के खान में हीरा तलाशने जैसा मुश्किल काम था। सीनियर भी ऐसे थे, जो उस समय के दौर में मिलने वाली तबज्जों और आवभगत के चलते किसी को करीब फटकने नहीं देते थे, और शागिर्द की बात करें तो ऐसा सांप सूंघ जाता था कि मानो वह एकलव्य बनकर उनके लक्ष्य को भेदने को तैयार हो।
लोकस्वामी मैग्जीन के संपादक रजनीकांत वर्मा का निधन
लोकस्वामी समूह के ग्रुप एडिटर रजनीकांत वर्मा नहीं रहे. हार्ट अटैक के कारण उनका निधन हो गया. वे पचपन साल के थे. वे पिछले कुछ समय से बीमार भी चल रहे थे जिसके कारण उनका इलाज चल रहा था. उत्तराखंड के हल्द्वानी (नैनीताल) के रहने वाले रजनीकांत ने करियर का काफी लंबा अरसा इंदौर में व्यतीत किया.
सन्मार्ग अखबार के संपादक आनंद बहादुर सिंह का बनारस में निधन
वाराणसी। राजा टोडरमल के वंशज और पत्रकारिता के युग पुरुष सन्मार्ग अखबार के संपादक अनंदबहादुर सिंह का इलाज के दौरान शनिवार को तड़के 4 बजे निधन हो गया। उनके निधन से पत्रकारिता क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। श्री सिंह की 87 वर्ष कीअवस्था थी। उनके निधन की जानकारी जैसे ही समाज के बुद्धिजीवी, पत्रकारों और उनके शुभचिंतकों को लगा जो जैसे था उनके भदैनी स्थित आवास की ओर दौड़ पड़ा। श्री सिंह का जन्म 29 अगस्त 1930 (लोलार्कछठ) के दिन हुआ था। वह शुरु से धार्मिक प्रवृत्ति और काशी के गंगो-जमुनी यकजहती के संवाहक थे। उनका श्री संकटमोचन मंदिर के महंत परिवार से ताल्लुकात होने की वजह से उनकी रूचि गोस्वामी तुलसीदास जी में रही। वह रामचरित मानस में जबरदस्त पकड़ रखते थे। इतना ही नही वह काशी के इतिहास के बारे में भी अच्छी जानकारी रखते थे।
आगरा-मथुरा के वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्रवाल का निधन
मथुरा के नियति हास्पीटल में आज सुबह करीब सवा आठ बजे वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्रवाल जी ने आंखें मूंद ली। उन्होंने आज अखबार में लंबे समय तक क्राइम रिपोर्टर और फिर सिटी इंचार्ज के तौर पर सेवा दी। इससे पहले उन्होंने विकासशील भारत में बतौर क्राइम रिपोर्टर काम किया। आज अखबार छोड़ने के बाद वे डीएलए से जुड़ गए। यहां उन्होंने बतौर सीनियर क्राइम रिपोर्टर काम किया।
मुंबई की वरिष्ठ फिल्म पत्रकार पिरोज वाडिया का निधन
SAD DEMISE OF SENIOR JOURNALIST PIROJ WADIA
Dear Member,
With great sorrow and regret we have to inform you that Piroj Wadia, a senior film journalist and Press Club member passed away today in Mumbai after a brief illness. Piroj, aged 67 was in journalism for almost four decades with Free Press Journal, The Daily, Indian Express and Cine Blitz.
नहीं रहे लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार केसी खन्ना
लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार और इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्लूजे) के दशकों पुराने सहयोगी केसी खन्ना का निधन हो गया है। अंग्रेजी दैनिक दि पॉयनियर के उप समाचार संपादक रहे केसी खन्ना आईएफडब्लूजे की राष्ट्रीय कार्यकारिणी व यूपी प्रेस क्लब की गवर्निंग बाड़ी के सदस्य रहे थे। दिवंगत पत्रकार केसी खन्ना की रस्म पगड़ी …
बनारस के वरिष्ठ पत्रकार रत्न शंकर व्यास का निधन
Ak Lari : वरिष्ठ पत्रकार रत्न शंकर व्यास का निधन। वह ‘आज’ अखबार से जुड़े थे। वह ‘आज’ अखबार में संपादक रहे लक्ष्मी शंकर व्यास के बड़े पुत्र थे। अवस्था करीब 76 साल थी। रिटायर्ड होने के बाद ‘आज’ अखबार में संम्पादकीय लेखन का दायित्व निभा रहे थे। जानकारी के अनुसार रत्न शंकर जी तीन दिन से कार्यालय नहीं आ रहे थे। अस्वस्थ थे। घर पर ही इलाज चल रहा था।
कैंसर से पीड़ित वरिष्ठ पत्रकार धर्मेंद्रपाल सिंह का निधन
Jaishankar Gupta : करीब चार दशकों की दोस्ती को एक झटके में तोड़ कर धर्मेंद्रपाल सिंह का इस तरह असमय चले जाना भारी दुख दे गया। 1980 में हमारी मुलाकात लोदी एस्टेट में स्थित असली भारत के दफ्तर में हमारी मुलाकात हुई थी। हम वहां संवाददाता सह उप संपादक थे। धर्मेंद्र हिन्दुस्तान अखबार में कार्यरत थे लेकिन हमारे संपादक, पूर्व सांसद और केंद्र सरकार में मंत्री रहे अजय सिंह से करीबी के कारण धर्मेंद्र वहां आते जाते या कहें सलाहकार सहयोगी की भूमिका में थे। 1997 में जब हम हिन्दुस्तान से जुड़े तब वह वहां वरिष्ठ और पुराने सहयोगी के रूप में मिले। कुछ बातों को लेकर मतभेद भी होते थे लेकिन मनभेद कभी नहीं हुए। कम मिलते थे लेकिन निजी रिश्तों में प्रगाढ़ता में कमी कभी नहीं आई। कैंसर से वह जूझ रहे थे। और कुछेक अवसरों पर और खासतौर से आपरेशन के बाद तो लगा कि उन्होंने अपराजेय कहे जानेवाले कैंसर को परास्त कर दिया है लेकिन कल रात वह इस लड़ाई को हार गए। मन बोझिल और सदमें में है। अपने बेलौस ठहाकों के लिए मशहूर मित्र को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि। शोक की इस घड़ी में हमारी सहानुभूति और संवेदना सुषमा जी और उनके परिवार के साथ है।
वाराणसी में हिन्दुस्तान अखबार के वरिष्ठ छायाकार मंसूर आलम का निधन
वाराणसी से एक दुखद खबर आ रही है। यहां हिंदुस्तान अखबार के वरिष्ठ फोटोग्राफर मंसूर आलम का निधन आज सोमवार की सुबह हो गया। वे कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। सूत्रों का तो यहां तक दावा है कि उन्हें काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सर सुन्दर लाल अस्पताल में भर्ती कराया गया। रविवार को मंसूर आलम की हालात एकदम से खराब हो गयी और उन्हें सघन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में ले जाने की जरूरत पड़ गयी लेकिन सघन चिकित्सा कक्ष उस समय खाली नहीं था और अंततः सोमवार की सुबह मंसूर आलम ने दुनिया को हमेशा हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।
जाने-माने फिल्म पत्रकार और अपने किस्म के अदभुत इंसान ब्रजेश्वर मदान नहीं रहे
Prabhat Ranjan : अचानक बहुत दुखी और अकेला महसूस कर रहा हूँ. आज मैंने अचानक वेबसाईट जानकीपुल.कॉम पर एक कमेन्ट देखा. कमेन्ट कल शाम का था. बस एक लाइन लिखी थी- brajeshwar madan is no more! कमेन्ट आदित्य मदान का था, जो उनका भतीजा है. पढ़कर सन्न रह गया. हालाँकि बरसों से उनसे कोई संपर्क नहीं था. आखिरी बार जब उनसे बात हुई थी तो लकवे के कारण उनके मुंह से आवाज नहीं निकल पा रही थी. उनको उस तरह से बोलते देख मैं इतना डर गया कि मैंने फिर कभी उनसे बात करने की कोशिश भी नहीं की. लेकिन मन में यह संतोष था कि वे जीवित हैं. लेकिन इस कमेन्ट को पढने के बाद वह जाता रहा.
(ये तस्वीरें कई बरस पहले मदान साहब की बीमारी के बाद स्वास्थ्य लाभ की है.)
SAD DEMISE OF SENIOR JOURNALIST MANI D’MELLO
Dear Member,
We are extremely sorry to inform you that senior journalist and Mumbai Press Club member, Mani D’Mello, passed away this morning at Holy Family Hospital, Bandra, following a prolonged illness.
पहले प्रदीप संगम, फिर ओम प्रकाश तपस और अब संतोष तिवारी का जाना….
एक दुर्भाग्यपूर्ण संयोग या दुर्योग, जो कहिए… मेरे ज्यादातर प्रिय पत्रकारों का समुदाय धीरे-धीरे सिकुड़ता छोटा होता जा रहा है… दो-तीन साल के भीतर एकदम से कई जनों का साथ छोड़कर इस संसार को अलविदा कह जाना मेरे लिए स्तब्धकारी है… पहले आलोक तोमर, फिर प्रदीप संगम, उसके बाद ओमप्रकाश तपस और अब संतोष तिवारी… असामयिक रणछोड़ कर चले जाना या जीवन के खेल में आउट हो जाना हर बार मुझे भीतर तक मर्माहत कर गया… सारे पत्रकारों से मैं घर तक जुड़ा था और प्यार दुलार का नाता बहुत हद तक स्नेहमय सा बन गया था… इनका वरिष्ठ होने के बाद भी यह मेरा सौभाग्य रहा कि इन सबों के साथ अपना बोलचाल रहन-सहन स्नेह से भरा रसमय था… कहीं पर कोई औपचारिकता या दिखावापन सा नहीं था… यही कारण रहा कि इनके नहीं होने पर मुझे खुद को समझाने और संभलने में काफी समय लगा…
वरिष्ठ पत्रकार और संपादक संतोष तिवारी का निधन
Shambhu Nath Shukla : आज दोपहर रोहतक से पुरषोत्तम शर्मा का फोन आया और उसने जब बताया कि भाई साहब संतोष तिवारी जी नहीं रहे तो शॉक्ड रह गया। जेहन में 41 साल पहले का 1976 यूं घूम गया जैसे कल की ही बात हो। हम तब सीपीआई एमएल के सिम्पैथाइजर थे। हम यानी मैं और दिनेशचंद्र वर्मा। हमने तब श्रीपत राय की कहानी पत्रिका में एक कहानी पढ़ी जिसके लेखक का पता दिनेश के पड़ोस वाले घर का था। वह लेखक थे संतोष तिवारी। हम उस पते पर घर पहुंचे। संतोष के पिताजी ने दरवाजा खोला तो हमने पूछा कि तिवारी जी हैं?
संतोष तिवारी
पिंक सिटी प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष विश्वास कुमार का निधन
जयपुर से खबर है कि पिंक सिटी प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष विश्वास कुमार जी का आज सुबह 9:30 बजे निधन हो गया. उनकी शव यात्रा उनके गांधी नगर स्थित आवास से 2:00 बजे रवाना हुई और लाल कोठी श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. इस मौके पर शहर के गणमान्य लोग मौजूद थे.
नेशनल वायस चैनल के एडिटर इन चीफ बृजेश मिश्र के पिता अवध नारायण मिश्रा का निधन
नेशनल वायस न्यूज चैनल के एडिटर इन चीफ बृजेश मिश्र के पिता अवध नारायण मिश्र का बीते दिनों निधन हो गया. उनके निधन पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत कई वरिष्ठ नेताओं, पत्रकारों, गणमान्य लोगों ने शोक व्यक्त किया है. अवध नारायण मिश्र भी पत्रकारिता के पेशे से लम्बे समय तक जुड़े रहे हैं और अपने लेखन के ज़रिये उन्होंने समाज की तमाम विसंगतियों के खिलाफ संघर्ष किया. उनका कौशाम्बी के कड़ा घाट पर बड़ी संख्या में संभ्रात लोगों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया. मुखाग्नि उनके बड़े शैलेश मिश्र ने दी.
हिंदुस्तान, मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ पत्रकार विजय सिंह का सड़क हादसे में निधन
Sami Ahmad : भाई विजय सिंह कल रात सड़क हादसे में हमसे हमेशा के लिए जुदा हो गए। ज़िंदादिल इंसान। हौसला हमेशा साथ। जब मोतिहारी के ‘तास’ की बात निकलती फ़ौरन दावत देते, आइये ना भैया। मैं भी भैया ही कहता। लेकिन ऐसी खबर पर अब मैं चौंकता नहीं क्योंकि मुज़फ्फरपुर के साथ यह बदकिस्मती बहुत पुरानी हो गयी है। एक तो इस पेशे की मजबूरी है, देर रात लौटने की। जो बचे बस उनकी किस्मत है वरना अपने इलाके में कौन कब सड़क हादसे का शिकार हो जाए और किस पर कब बिजली का तार गिर जाए, कहा नहीं जा सकता। वैसे भी हमारे समाज में ऐसी मौतों को कभी गम्भीरता से नहीं लिया जाता।
किसी को यकीन नहीं हो रहा युवा पत्रकार राजुल निगम अब नहीं रहे
स्व. पत्रकार राजुल निगम की विभिन्न तस्वीरें…
सुल्तानपुर के पत्रकार जगत के महानायक थे राजुल निगम… महान व्यक्तित्व के धनी पत्रकार थे राहुल निगम। इन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में सराहनीय कार्य तो किया ही, पत्रकारिता की लाज बचाने के लिए अतुलनीय कार्य किया। सुल्तानपुर का पत्रकार जगत आज अपने एक महानायक राजुल निगम को खो कर एक खालीपन अधूरेपन अपूर्णता का एहसास कर रहा है। राजुल निगम जी न्यूज सहित कई पत्र-पत्रिकाओं में कार्यरत रहे और अपने कार्यों की बदौलत समाज में अपनी एक प्रतिष्ठित जगह बनायी, साथ ही पत्रकारिता की शुचिता और पत्रकारों के सम्मान के लिए सदैव आगे बढ़कर लड़ाई लड़ी।
भड़ास संपादक यशवंत के बड़े पिता जी श्रीकृष्ण सिंह का निधन
भड़ास4मीडिया के संपादक यशवंत सिंह के बड़े पिताजी श्रीकृष्ण सिंह का कल उनके जिले गाजीपुर स्थित पैतृक गांव में देहांत हो गया. उनकी उम्र 85 साल से ज्यादा थी. उन्हें कोई रोग / शोक नहीं था. उनका निधन हार्ट अटैक के कारण हुआ. वे अपने पीछे चार बेटे, बहुओं और नाती-पोतों का भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं. यशवंत कई रोज से अपने गांव में ही थे. सो, उन्होंने बड़े पिता जी के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार में शिरकत किया. यशवंत ने फेसबुक पर अपने बड़े पिताजी को लेकर एक संस्मरणात्मक राइटअप लिखा है, जिसे नीचे दिया जा रहा है….
पानी और पर्यावरण के लिए लड़ने वाले संत पुरुष अनुपम मिश्र नहीं रहे
आज सुबह व्हाट्सएप पर सुप्रभात संदेशों के साथ एक दु:खद संदेश यह भी मिला कि जाने-माने पर्यावरणविद् और गांधीवादी अनुपम मिश्र नहीं रहे… जिस देश में चारों तरफ पाखंड और बनावटीपन का बोलबाला हो वहां पर एक शुद्ध खांटी और खरे अनुपम मिश्र का होना कई मायने रखता है। सोशल मीडिया से ही अधकचरी शिक्षित हो रही युवा पीढ़ी अनुुपम मिश्र को शायद ही जानती होगी। देश में आज-कल ‘फकीरी’ के भी बड़े चर्चे हैं। लाखों का सूट पहनने और दिन में चार बार डिजाइनर ड्रेस पहनने वाले भी ‘फकीर’ कहलाने लगे हैं, मगर असली फकीरी अनुपम मिश्र जैसे असल गांधीवादी ही दिखा सकते हैं। उनका अपना कोई घर तक नहीं था और वे गांधी शांति फाउंडेशन नई दिल्ली के परिसर में ही रहते थे।
हादसे की तस्वीर लेने गये भास्कर के फोटोग्राफर की सड़क दुर्घटना में मौत
दैनिक भास्कर के फोटोग्राफर आदित्य कुमार सिंह की मौत। भीषण कोहरे में बिहार के हाजीपुर में हुए सड़क हादसे का कवरेज करने जा रहे आदित्य को मुर्गी लदे वाहन ने कुचल दिया। वे हाजीपुर ब्यूरो में कार्यरत थे। फोटो पत्रकार आदित्य कुमार सिंह को मंजन नाम से भी जाना जाता था। उनकी उम्र मात्र 25 साल थी। घटना हाजीपुर में मुजफ्फरपुर जाने वाले वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या77 पर सदर थाना क्षेत्र में एकारा गुमटी के पास हुई।
हिंदी और भोजपुरी के प्रसिद्ध लेखक विवेकी राय का निधन
वाराणसी : हिंदी और भोजपुरी के प्रसिद्ध लेखक विवेकी राय का आज वाराणसी में निधन हो गया. वे 93 वर्ष के थे. उन्होंने तड़के करीब 4.45 बजे अंतिम सांस ली. सांस लेने में दिक्कत की वजह से वाराणसी के निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. उन्होंने 19 नवंबर को ही अपना 93वां जन्मदिन मनाया था. वह मूल रूप से गाजीपुर के सोनवानी गांव के निवासी थे.
Remembering Devendra Upadhyay
Delhi Union of Journalists has expressed its deep shock at the passing away of its veteran member and senior journalist. writer Mr. Devendra Upadhyay. He was 70. He died of massive heart attack late last night (13th Nov. 2016 in Private Hospital, New Delhi).
वरिष्ठ छायाकार हरजिंदर सिंह और पत्रकार अरविन्द श्रीवास्तव का निधन
लखनऊ : एक दुखद खबर है. वरिष्ठ छायाकार हरजिंदर सिंह का निधन हो गया है. उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति ने वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट हरजिंदर सिंह के असामयिक निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है. हिन्दी दैनिक ‘आज’ से बीते कई दशकों से संबद्ध रहे हरजिंदर सिंह का हृदयगति रुकने से निधन हो गया है.
वरिष्ठ पत्रकार गिरीश निकम दिल्ली में छाए प्रदूषण की बलि चढ़ गए!
Gurdeep Singh Sappal : गिरीश निकम चले गए। मौत ने पिछले साल भी उनके दिल पर दस्तक दी थी। तब भी उनकी धड़कन को पूरी तरह जकड़ कर थाम दिया था। लेकिन न्यूयॉर्क की आपात मेडिकल सुविधाओं ने उसे परास्त कर दिया था। मौत, जो सिगरेट और रम के बुलावे पर आयी थी, धीरे धीरे पीछे हटती गई, वेंटिलेटर पर साँसें वापिस सामान्य होती गयी। गिरीश जी उठे और वापिस स्क्रीन पर छा गए।
ब्रेन हैमरेज के बाद SGPGI में भर्ती कराए गए लखनऊ के पत्रकार रीतेश द्विवेदी का निधन
लखनऊ में करीब 15 साल से पत्रकारिता कर रहे पत्रकार रीतेश द्विवेदी का संजय गांधी पीजीआई में निधन हो गया. उन्हें ब्रेन हेमरेज के बाद भर्ती कराया गया था. उनका अंतिम संस्कार लखनऊ के चौक के गुल्लाला श्मशान घाट पर किया गया. लखनऊ में चौपटिया के दिलाराम बारादरी के रहने वाले रीतेश ने राजधानी के कई बड़े मीडिया संस्थानों से जुड़ कर लंबे समय तक पत्रकारिता की.
आजतक के युवा पत्रकार रजत सिंह की दिल्ली के एम्स ट्रामा सेंटर में मौत
आजतक न्यूज चैनल के पत्रकार रजत सिंह का दो दिन पहले एक्सीडेंट हो गया था. नोएडा के बॉटनिकल गार्डन के पास उनकी बाइक को डम्पर ने टक्कर मार दी थी. उनके सिर में गंभीर चोटें आई थी. उन्हें एम्स के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था.
पत्रकार Dhirendra Pundir ने रजत सिंह को याद करते हुए फेसबुक पर कुछ यूं लिखा है :
सड़क हादसे में सुदर्शन न्यूज़ के गेस्ट कोआर्डिनेटर और एसाइनमेंट हेड विवेक चौधरी का निधन
सुदर्शन न्यूज़ के गेस्ट कोआर्डिनेटर और एसाइनमेंट हेड विवेक चौधरी के निधन होने की सूचना मिली है. विवेक पिछले कई सालों से अलग-अलग न्यूज़ चैनलो में अपनी सेवायें दे चुके है. वे श्री न्यूज़, चैनल वन न्यूज़, साधना न्यूज़ आदि चैनलों में गेस्ट कोआर्डिनेटर के तौर पर काम कर चुके हैं. बताया जाता है कि कल रात विवेक का निधन एक सड़क दुर्घटना में हो गया.
यादें शेष : हंसमुख पत्रकार चंद्रप्रकाश बुद्धिराज का यूं पीड़ा लेकर जाना…
सीपी : अब यादें ही शेष….
राजू उर्फ चंद्र प्रकाश बुद्धिराजा उर्फ सीपी. पहले नाम का अर्थ जान लेते हैं, चंद्र के समान प्रकाश हो जिसका, बुद्धि के जो राजा हो। उर्फ सीपी पर भी गौर फरमाएं तो जुबां पर सीेधे विशालकाय अद्भुत, अनोखे दिल्ली की जान, कनॉट प्लेस (सीपी) का नाम दिमाग पर छा जाता है। अतिश्योक्ति न होगी कि सीपी के बिना दिल्ली अधूरी है। नाम को सार्थक करता प्रभाव था हमारे सीपी का, जो दुनिया से चले गए। सच में, तुम्हारे बिना आज तुम्हारे साथियों की दुनिया भी वैसे ही अधूरी है, जैसे ‘सीपी’ बिना दिल्ली।
पत्रकार प्रभात कुमार शांडिल्य और ओम प्रकाश बंसल का निधन
बिहार के गया से सूचना है कि चर्चित पत्रकार, जेपी आंदोलन से जुड़े एक्टिविस्ट व समाजसेवी प्रभात कुमार शांडिल्य का गुरुवार की दोपहर को निधन हो गया. उन्होंने गया शहर के नगमतिया रोड स्थित डॉ उषा लक्ष्मी आवास में अंतिम सांस ली. वह काफी दिनों से बीमार थे. मूल रूप से बक्सर के रहनेवाले शांडिल्य जी का जन्म 24 नवंबर, 1951 को गया जिले के वजीरगंज के रहनेवाले राधेश्याम प्रसाद के घर में हुआ था. उनकी शिक्षा-दीक्षा वजीरगंज में हुई. पटना स्थित बीएन कॉलेज से समाजशास्त्र में एमए उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने कभी नौकरी करने की नहीं सोची और अविवाहित जिंदगी गुजारी. वह ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन में काफी दिनों तक सक्रिय रहे.
उफ्फ… दैनिक जागरण अलीगढ़ और ईनाडु टीवी हैदराबाद में हुई इन दो मौतों पर पूरी तरह लीपापोती कर दी गई
अलीगढ दैनिक जागरण के मशीन विभाग में कार्यरत एक सदस्य की पिछले दिनों मशीन की चपेट में आकर मृत्यु हो गई. न थाने ने रिपोर्ट लिखा और न ही डीएम ने कुछ कहा. शायद सब के सब जागरण के प्रभाव में हैं. यह वर्कर 2 दिन पहले वहां तैनात किया गया था. उसका भाई वहां पहले से कार्यरत था. पंचनामा जबरन कर लाश को उठवा दिया गया. बताया जाता है कि अलीगढ़ दैनिक जागरण में शाफ्ट टूट कर सिर में लगने से मौत हुई.
मुंबई में पत्रकार रामकुमार मिश्र का निधन
मुंबई : हमारा महानगर के पूर्व उपसम्पादक और दबंग दुनिया के उपसंपादक रामकुमार मिश्र का कल देर शाम मुम्बई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे तबियत खराब होने पर केइएम अस्पताल में भर्ती थे। शाम को उनका शव उनके घाटकोपर स्थित निवास पर ले जाया गया जहाँ पत्रकारों और शुभचिंतको ने उन्हें भावभीनी श्रधांजलि दी।
यशोभूमि के पत्रकार अरविन्द सिंह को मातृशोक
मुबई से प्रकाशित हिन्दी दैनिक यशोभूमि के उपसंपादक और वरिष्ठ पत्रकार अरविन्द सिंह की माताजी गुलाबी देवी भुवाल सिंह का मुंबई के शिवड़ी स्थित तिलक इमारत स्थित आवास में निधन हो गया। वे 81 साल की थीं। गुलाबी देवी लंबे समय से बीमार चल रही थीं। वे अपने पीछे पुुत्र अरविन्द सिंह, विनय सिंह और …
प्रख्यात आलोचक एवं साहित्यकार प्रभाकर श्रोतिय का निधन
हिंदी के प्रख्यात आलोचक एवं साहित्यकार प्रभाकर श्रोतिय का गुरुवार की रात दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया. वे 76 वर्ष के थे तथा लंबे समय से बीमार चल रहे थे. वे अपने पीछे पत्नी तथा एक पुत्र एवं पुत्री का भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं. उनका अंतिम संस्कार हरिद्वार में किया जाएगा. प्रभाकर क्षोत्रिय ने हिंदी की कई प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिकाओं का संपादन किया. क्षोत्रिय के निधन से हिंदी साहित्य जगत को गहरा धक्का पहुंचा है.
अलविदा अज्ञात जी, आप तो अशोक थे लेकिन हम अब भारी शोक में हैं
(स्व. अशोक अज्ञात जी)
कभी माफ़ मत कीजिएगा अशोक अज्ञात जी, मेरे इस अपराध के लिए … हमारे विद्यार्थी जीवन के मित्र अशोक अज्ञात कल नहीं रहे। यह ख़बर अभी जब सुनी तो धक् से रह गया । सुन कर इस ख़बर पर सहसा विश्वास नहीं हुआ । लेकिन विश्वास करने न करने से किसी के जीवन और मृत्यु की डोर भला कहां रुकती है। कहां थमती है भला ? अशोक अज्ञात के जीवन की डोर भी नहीं रुकी , न उन का जीवन । अशोक अज्ञात हमारे बहुत ही आत्मीय मित्र थे । विद्यार्थी जीवन के मित्र । हम लोग कविताएं लिखते थे। एक दूसरे को सुनते-सुनाते हुए हम लोग अकसर अपनी सांझ साझा किया करते थे उन दिनों।
…और इस तरह नींद में चले गये अशोक अज्ञात
गोरखपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ हिन्दी पत्रकार अशोक अज्ञात नहीं रहे। इस सत्य को स्वीकार करने के अलावा हमारे पास अब कोई चारा नहीं है। करीब छह-सात साल पहले की बात है। अशोक अज्ञात प्रेस क्लब का चुनाव जीते। उनकी पत्रकार-मंडली का शपथ-ग्रहण समारोह होना था। अज्ञात एक दिन मुझसे टकरा गये। बोले– शपथग्रहण समारोह के लिए मुख्य अतिथि के रूप में किसे बुलाऊँ?
टैक्स गुरु सुभाष लखोटिया कैंसर के ताजा अटैक को मात न दे सके
सुभाष लखोटिया के प्रशंसकों एवं चहेतों के लिए यह विश्वास करना सहज नहीं है कि वे अब इस दुनिया में नहीं रहे। भारत के शीर्ष टैक्स और निवेश सलाहकार के रूप में चर्चित एवं सीएनबीसी आवाज चैनल पर चर्चित शो ‘टैक्स गुरु’ के 500 से अधिक एपिसोड पूरा कर विश्व रिकार्ड बनाने वाले श्री लखोटिया अनेक पुस्तकों के लेखक थे। वे पिछले कई दिनों से जीवन और मौत से संघर्ष कर रहे थे। उनको कैंसर था। डाक्टरों ने बहुत पहले उनके न बचने के बारे में कह दिया था लेकिन अपने विल पावर और जिजीविषा के कारण वे कैंसर व मौत, दोनों को लगातार मात दे रहे थे। पर इस बार जब हालत बिगड़ी तो कई दिनों के संघर्ष के बाद अंततः दिनांक 11 सितम्बर 2016 की मध्यरात्रि में इस दुनिया को अलविदा कह गए।
एक दिन, दो गम
अजय कुमार, लखनऊ
एक साहित्य जगत की महान विभूति थी तो दूसरा संगीत की दुनिया का सम्राट। एक कलम का उस्ताद था तो दूसरे की उंगलियों की थाप लोंगो को सम्मोहित कर लेती थी। दोनों ने एक ही दिन दुनिया से विदा ली। बात तबला सम्राट पंडित लच्छू महाराज और साहित्य की हस्ताक्षर बन गईं महाश्वेता देवी की हो रही है। भगवान भोले नाथ की नगरी वाराणसी से ताल्लुक रखने वाले लच्छू महाराज और बंगाल की सरजमी से पूरे साहित्य जगत को आईना दिखाने वाली ‘हजार चौरासी की मां’ जैसी कृतियां की लेखिका महाश्वेता देवी (90) ने भले ही देह त्याग दिया हो लेकिन साहित्य जगत और संगीत प्रेमिेयों के लिये यह हस्तियां शायद ही कभी मरेंगी। अपने चाहने वालों के बीच यह हमेशा अमर रहेंगी।
वरिष्ठ पत्रकार योगेंद्र कुमार लल्ला का निधन
Jaishankar Gupta : दुखद सूचनाओं का सिलसिला है कि टूटने का नाम ही नहीं ले रहा। अभी अपने से बड़े लेकिन इलाहाबाद के दिनों से ही मित्र नीलाभ अश्क के निधन से उबर भी नहीं सके थे कि लल्ला जी- योगेंद्र कुमार लल्ला उर्फ योकुल के निधन के समाचार ने भीतर से हिलाकर रख दिया। लल्ला जी को जानता तो था मैं उनके धर्मयुग के जमाने से ही, लेकिन उन्हें करीब से जानने- समझने का अवसर कलकत्ता, आज के कोलकाता में आनंद बाजार पत्रिका के हिंदी साप्ताहिक रविवार के साथ जुड़ने के बाद मिला।
योगेंद्र कुमार लल्ला
सबसे माफी मांगते अनंत की ओर चले गये नीलाभ जी
Hareprakash Upadhyay : सबसे माफी माँगते हुए अनंत की ओर चले गये नीलाभ जी। बेहद प्रतिभावान-बेचैन, सहृदय लेखक, कवि- अनुवादक! मुझसे तो बहुत नोक-झोक होती थी, मैं उन्हें अंकल कहता था और वे मुझे भतीजा! अंकल! अभी तो कुछ और दौर चलने थे। कुछ और बातें होनी थी। आप तो सबका दिल तोड़ चले गये। पर शिकायतें भी अब किससे और शिकायतों के अब मानी भी क्या! अंकल, हो सके तो हम सबको माफ कर देना। नमन अंकल! श्रद्धांजलि!
जाने-माने पत्रकार और ‘रंग प्रसंग’ के संपादक नीलाभ अश्क का निधन
नीलाभ नहीं रहे. नीलाभ यानि नीलाभ अश्क. आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली. पिछले कुछ दिनों से वे बीमार चल रहे थे. नीलाभ ‘रंग प्रसंग’ के संपादक थे. फेसबुक पर नीलाभ के कई जानने वालों ने उनके निधन की खबर पोस्ट की है. पत्रकार और समालोचक संगम पांडेय ने लिखा है- ”अभी-अभी ‘रंग प्रसंग’ के संपादक नीलाभ जी के अंतरंग रूपकृष्ण आहूजा ने बताया कि नीलाभ जी नहीं रहे।”
WHEN SAUMIT SINGH NEEDED HELP, NONE OF YOU WERE THERE….
सौमित सिंह की फाइल फोटो
I clearly remember that conversation with Saumit Singh. It was just after Independence Day in 2013. He was goading me to be more aggressive in my writing. “Tu Bohot Soft Hai. This is not journalism. You should say it the way it should be said,” he said.
जिसकी तस्वीरें मुकेश अम्बानी और शाहरुख़ खान जैसों संग जगमगा रही हों, वह शख्स पैसे के अभाव में फांसी के फंदे से झूल गया!
एक था सोमू…. जिसकी तस्वीरें मुकेश अम्बानी, शाहरुख़ खान, आमिर खान जैसी नामी गिरामी हस्तियों और धनकुबेरों के साथ उसके फेसबुक प्रोफाइल पर जगमगा रही हों, वह शख्स पैसे के अभाव में गरीबी से घबरा के यूँ किसी असहाय और अनाथ शख्स की तरह फांसी के फंदे से झूल जाए तो भला कौन यक़ीन कर पायेगा। यही वजह है कि मुम्बई, दिल्ली और लखनऊ के बड़े बड़े अखबारों में बरसों तक वरिष्ठ पत्रकार और कॉलमिस्ट रह चुके बेहद हैंडसम, मिलनसार, जिंदादिल और सौम्य व्यवहार के सौमित सिंह की 40 बरस में उमर में ख़ुदकुशी से हुई मौत पर अभी भी उनके बहुत से मित्रों को यकीन नहीं हो पा रहा।
…यूं ही सौमित सिंह की तरह आत्महत्या कर मरते रहेंगे पत्रकार!
पूर्वी दिल्ली के मधु विहार स्थित अपने आवास पर सोमवार की सुबह एक फ्रीलांस जर्नलिस्ट सौमित सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। खबर को जब मैंने फेसबुक पर इस स्टेटस के साथ शेयर किया…
मुंबई के पत्रकार Saumit Sinh का चालीस साल की उम्र में दिल्ली में निधन
Sad demise of Saumit Sinh
Dear Member,
Mumbai Press Club
With great sorrow and regret we have to inform you that our member, Saumit Sinh, passed away on Monday July 4, 2016 at Delhi.
डीएसपी मुकुल द्विवेदी का यूं जाना खल गया
Vikas Mishra : मुकुल द्विवेदी का यूं जाना खल गया। मेरठ में मैं जब दैनिक जागरण का सिटी इंचार्ज था तब मुकुल द्विवेदी वहां सीओ थे। बेहद मृदुभाषी, पुलिसिया ठसक से दूर। सहज ही अच्छी दोस्ती हो गई। अक्सर मुलाकात होती थी। कभी दफ्तर में तो कभी हम दोनों के साझा मित्र संजय सिंह Sanjay Singh के घर पर मुलाकात होती थी। मेरा एक कनेक्शन इलाहाबाद का भी था, मैं उनसे सीनियर था।
नहीं रहे वरिष्ठ पत्रकार आनन्द राज सिंह
Ramendra Jenwar : हमारे बहुत पुराने मित्र, हास्टल’मेट और पूर्व पत्रकार आनन्दराज सिंह के निधन की खबर अभी अभी एक और पत्रकार मित्र रवि दत्ता जी से प्राप्त हुई.. गहरा आघात लगा… लखनऊ के मित्रोँ को फ़ोन करके जानकारी दी है…. आनन्दराज सिंह ने पत्रकारिता में अपना करियर नेशनल हेराल्ड मेँ कापी होल्डर की पोस्ट से शुरू किया था..फिर प्रूफ रीडर हुए.. फिर हेराल्ड मेँ ही उप संपादक हुए और उसके बाद उन्होंने पीछे मुडकर नहीं देखा… टाइम्स आफ इंडिया से लोकमत टाइम्स होते हुए ओमान डेली आब्जर्वर फिर दुबई मेँ खलीज टाइम्स आदि जाने कितने अंग्रेजी अखबारोँ मेँ काम किया…
दैनिक जागरण में समाचार संपादक शाहिद रजा सोमवार को दुनिया से रुखसत हो गए
मौत चुपचाप दबोच लेती है, चर्चा भी नहीं होता…..दैनिक जागरण में समाचार संपादक शाहिद रजा सोमवार को दुनिया से रुखसत हो गए। एक जनवरी 1960 को जन्मे शाहिद रजा की रुखस्ती एकदम खामोश और गुमनाम रही। करीब ढाई साल पहले लुधियाना यूनिट के प्रभारी पद से हटाकर उन्हें नोएडा सेंट्रल डेस्क पर बुला लिया गया था। यहां वह प्रदेश डेस्क पर काम कर रहे थे। बताया जा रहा है कि वह कुछ दिनों से बीमार थे। उनका दिल्ली के सरगंगा राम अस्पताल में किडनी का इलाज चल रहा था।
यूपी में जंगलराज : गरीबी, कर्ज और भूख से त्रस्त किसान झिनकू पेड़ से लटक मरा
(उपरोक्त तस्वीर पर क्लिक कर संबंधित वीडियो देखें)
-रामजी मिश्र ‘मित्र’-
सीतापुर : कैसे कोई गरीब किसान झिनकू पेड़ पर लटक कर मर जाने में ही मुक्ति देख पाता है, इसे जानना हो तो आपको उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में आना पड़ेगा। यहां झिनकू की मौत अफसरों, नेताओं, सिस्टम से ढेर सारे सवालों का जवाब मांग रही है लेकिन सब भ्रष्टाचारी चुप्पी साधे मामले को दबाने में लगे हैं। किसान अन्नदाता होता है। झिनकू भी अन्नदाता था। लेकिन गरीबी, कर्ज और भूख ने उसे ऐसे बेबस किया कि पूरा सिस्टम उसे आत्महत्या की ओर ले जाने लगा।
सामाजिक स्वीकृति पाने के लिए कई वर्षों तक विनोद बड़थ्वाल और सूर्यकांत धस्माना पैसे देकर सार्वजनिक कार्यक्रमों के मुख्य अतिथि बनते थे!
Rajiv Nayan Bahuguna : शायद 1994 के आसपास कभी, मैं जयपुर से अपने अख़बार की नौकरी से कुछ दिन की छुट्टी पर घर आया था। देहरादून घण्टा घर के चौराहे पर मैंने देखा कि हथियार बन्द पुलिस वाले भले घर के से दिखने वाले दो युवकों को घेर कर ले गए। मैंने साथ खड़े अग्रज मित्र नवीन नौटियाल का आह्वान किया कि हमे हस्तक्षेप करना चाहिए। उत्तरखण्ड आंदोलन के दिन थे। मुझे लगा कि पुलिस इन दोनों को प्रताड़ित करने थाने ले जा रही है।
दिग्गज पत्रकार योगेंद्र बाली और वयोवृद्ध पत्रकार काशीनाथ चतुर्वेदी नहीं रहे
नई दिल्ली / ग्वालियर । वरिष्ठ पत्रकार व लेखक योगेंद्र बाली का गुरुवार सुबह निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से बीमार थे। योगेंद्र के पारिवारिक सूत्रों ने उनके निधन की जानकारी दी। उनके परिवार में पत्नी विजय और बेटियां- कलिका तथा पूर्वा हैं। उनका अंतिम संस्कार यहां लोधी रोड स्थित इलेक्ट्रिॉनिक शवदाह गृह में शाम सात बजे किया जाएगा। अपने लंबे करियर में योगेंद्र ने ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ में बतौर संवाददाता भी सेवा दी। वह ‘द ट्रिब्यून’, ‘करंट वीकली’, ‘प्रोब’, ‘संडे मेल’, ‘द डे आफ्टर’, ‘एशिया डिफेंस न्यूज इंटरनेशनल’ से भी जुड़े रहे। वह ललित कला अकादमी की जनरल काउंसिल के सदस्य थे और इसकी कला, शिक्षा, प्रकाशन तथा अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों से संबद्ध समितियों के भी सदस्य रहे। योगेंद्र द्वारा लिखित पुस्तकों में ‘द कम्यूनल बोगी’, ‘चंद्र शेखर : ए पॉलिटिकल बायोग्रॉफी’, ‘पवन चैमलिंग : डेयरिंग टू बी डिफरेंट’ और ‘श्री सतगुरु राम सिंह जी एंड फ्रीडम मूवमेंट ऑफ इंडिया’ शामिल हैं।
मेरठ के वरिष्ठ पत्रकार सुनील छईयां का निधन
मेरठ के वरिष्ठ पत्रकार सुनील छइयां नहीं रहे. वे कई अखबारों में वरिष्ठ पदों पर रह चुके हैं. उन्होंने मेरठ के सुभारती मेडिकल कालेज में आखिरी सांस ली. आज शाम मेरठ में 4 बजे सूरजकुंड में दाह संस्कार किया जाएगा. सुनील छइयां काफी समय से बीमार चल रहे थे. उनका ब्रेन हैमरेज का इलाज लंबा चला और बाद में काफी स्वस्थ हो गए थे. लेकिन शरारी का काफी हिस्सा इस ब्रेन हैमरेज से प्रभावित हो गया था.
हत्या की स्टोरी कवर करते समय कैमरामेन की हार्टअटैक से मौत
ठाणे। हत्याकांड की रिपोर्टिंग के लिए गए समाचार चैनल के कैमरामैन रतन राधेश्याम भौमिक की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गयी है. भौमिक कल सुबह कासर वडवली हत्याकांड का कवरेज करने सिविल अस्पताल में गए. उसी समय सुबह करीब पौने नौ बजे उन्हें दिल का दौरा पड़ा.
एक बेहद ईमानदार और सरल स्वभाव का युवा पत्रकार जो 32 साल की उम्र में सबको अलविदा कह गया
नहीं रहा ‘अनमोल’ रतन
-दानिश आज़मी-
चेहरे से टपकता हुआ पसीना, पसीने से तरबतर बदन, शरीर पर एक सस्ती कमीज़ और पैंट, बिखरे बाल और हाथ में एक डीवी टेप। 2009 से 2011 तक लगभग हर रोज़ ठाणे से अँधेरी दफ़्तर टेप लेकर आने वाला रतन कुछ इस तरह से ज़ेहन में याद है। अँधेरी ऑफिस में काम करने वालों के लिए वो रतन से ज़्यादा विक्रांत का कैमरामैन के रूप से जाना जाता था और विक्रांत के हिस्से की डाट भी उसे ही पड़ती थी। कभी टेप लेट लेकर आना तो कभी ग्लिच और कभी बाइट नदारद। गलती होती थी विक्रांत की लेकिन रतन मुस्कराता हुआ, डरता हुआ सब सुन लेता था। एक बेहद ईमानदार और सरल स्वभाव का युवा पत्रकार जो 32 साल की उम्र में सबको अलविदा कह गया।
रतन
तीसरे रीटेक में निदा फ़ाज़ली बिफर गए और कुर्सी से उठते हुए चिड़चिड़ाकर बोले- मैं नहीं करता…
Abhishek Srivastava : शायद 2011 की गर्मी का मौसम था जब निदा फ़ाज़ली को रिकॉर्ड करने मैं करोलबाग के एक होटल में पहुंचा था। साथ में कैमरामैन नेगीजी थे। हम लोग कमरे में पहुंचे, तो बनियान में एक शख्स बिस्तर पर बेतरतीब लेटा हुआ था। उसके गले में सोने का एक मोटा सा सिक्कड़ लटक रहा था। नीचे पाजामे का नाड़ा झूल रहा था। जब देह ऊपर उठी, तो दोनों के बीच थोड़ा अस्त-व्यस्त, थोड़ा अचकचाए, अन्यमनस्क से निदा फ़ाज़ली बरामद हुए। बेहद संतुलित मुस्कराहट के साथ उन्होंने हमसे लाउंज में इंतज़ार करने को कहा। उतनी देर में नेगीजी ने गमले के पास कुर्सी रखकर फ्रेम बना लिया।
किसी को फर्क पड़ता है क्या : …पिता ने दिल पर पत्थर रखकर एफआईआर कराने से मना कर दिया होगा
अभी दो दिन पहले शाम को मेरे घर के पास माँट फाटक के समीप एक दो वर्ष की मासूम बच्ची की ट्रक से कुचल कर मौत हो गयी… किसी ने मुझे बताया तो एकदम से काँप उठा मै…. मेरे मुँह से यही निकला कैसे हुआ….पिता बच्ची को डॉक्टर राजेश को दिखा कर स्कूटी से घर जा रहे थे रोड पर जाम लगा हुआ था पिता स्कूटी लेकर लगभग रुक से गए थे तभी किसी का हल्का सा स्कूटी से टकराव हुआ और संतुलन बिगड़ते ही बच्ची गिर गयी और पीछे से आते एक ट्रक से कुचलकर उसकी….
ब्रेन कैंसर के चलते मेदांता अस्पताल में कार्टूनिस्ट सुधीर तैलंग का निधन
नई दिल्ली। प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट सुधीर तैलंग का शनिवार दोपहर गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वह 55 वर्ष के थे। परिजनों का कहना है कि वे लंबे समय से ब्रेन कैंसर से पीड़ित थे। दो वर्षों से इसका इलाज चल रहा था। उन्होंने दोपहर 12.30 बजे के करीब अंतिम सांस ली। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को मयूर विहार स्थित निवास पर लाया गया। उनका अंतिम संस्कार लोधी रोड स्थित शवदाह गृह में रविवार दोपहर 1.30 बजे किया गया।
नेशनल दुनिया प्रबंधन की लापरवाही, फोटो जर्नलिस्ट बेटे की मौत के गम में बूढी मां ने भी दम तोडा
नयी दिल्ली । नोएडा से प्रकाश्ति होने वाले नेशनल दुनिया अखबार के फोटो जर्नलिस्ट ओमपाल की मौत की खबर के सदमें से उसकी बूढी मां इतनी विचलित हुयी कि उनहोने भी अपने प्राण त्याग दिये। युवा फोटो जर्नलिस्ट ओमपाल की मौत 18 जनवरी को हुयी थी, ओमपाल डयूटी से लौटते समय नवंबर 2015 में एक सडक दुर्घटना में घायल हो गये थे। 18 जनवरी 16 को ओमपाल की मौत हो गयी थी, वह काफी समय से कोमा में थे। ओमपाल की मौत के सदमे से आहत उसकी बूढी मां श्रीमति कैला देवी ने 27 जनवरी 16 को पलवल में अपने प्राण त्याग दिये।
उसका नाम था संतोष ग्वाला, अदना-सा पत्रकार, लेकिन गजब शख्सियत, अचानक उसकी मौत हो गयी…
लखनऊ : उसका नाम था संतोष ग्वाला। अदना-सा पत्रकार, लेकिन गजब शख्सियत। अचानक उसकी मौत हो गयी। पत्रकारिता उसका पैशन था। खबर मिलते ही मौके पर पहुंच जाना उसका नशा। घटना को सूंघ कर उसमें पर्त दर पर्त घुस जाना उसकी प्रवृत्ति थी। दीगर पत्रकारों की तरह वह न तो किसी संस्थान में स्थाई मुलाजिम था और न ही सरकार से उसे मान्यता मिली थी। न पेंशन, न मुआवजा, न भविष्य कोष और न ही सरकार से किसी राहत की उम्मीद। पत्रकारिता की पहली सीढी पर ही उसने पूरी जिन्दगी बिता दी। जाहिर है कि अचानक हुई उसकी अकाल मौत से पूरा परिवार और खानदान विह्वल सन्नाटा में आ गया।
इंतज़ार हुसैन का इंतकाल उर्दू साहित्येतिहास के एक अध्याय की समाप्ति जैसा
मशहूर कथाकार इंतज़ार हुसैन का इंतकाल भारत-पकिस्तान की सरहदों के आर-पार फैले उर्दू साहित्येतिहास के एक अध्याय की समाप्ति जैसा है. कल 2 फरवरी को 92 साल की उम्र में लाहौर के एक अस्पताल में उनका निधन हुआ. बस्ती, आगे समंदर है और नया घर के रूप में भारत-पाक बंटवारे पर एक अविस्मरणीय उपन्यास-त्रयी लिखने वाले इंतज़ार हुसैन ने कुल पांच उपन्यास और सात कहानी-संग्रहों के अलावा सफ़रनामे, निबंध और अखबारों के स्तम्भ के रूप में प्रचुर लेखन किया.
टाइम्स आफ इंडिया के मैनेजिंग एडिटर पत्रकार अरिंदम सेनगुप्ता का कैंसर से निधन
द टाइम्स ऑफ इंडिया के मैनेजिंग एडिटर अरिंदम सेन गुप्ता का कैंसर के कारण 61 वर्ष की आयु में निधन हो गया. सेनगुप्ता तीस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय थे. वह पॉयनियर और प्रोब में भी काम कर चुके हैं. सेनगुप्ता ने टाइम्स ग्रुप के साथ अपनी यादगार पारी के दौरान देश की राजनीति, अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे, फिल्म और संगीत समेत कई विषयों पर लिखा. कैंसर से पीड़ित होने के कारण राजधानी दिल्ली में पिछले कई माह से उनका इलाज चल रहा था.
लखनऊ के पत्रकार और साहित्यकार आबिद सुहैल का निधन
लखनऊ : उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति ने जाने माने पत्रकार और साहित्यकार आबिद सुहैल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। आबिद सुहैल का मंगलवार दोपहर में मुंबई में निधन हो गया। उनका संस्कार कपूरथला कब्रिस्तान में किया गया। समिति ने आबिद सुहैल के निधन पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि उनका न रहना न केवल पत्रकारिता जगत बल्कि ऊर्दू साहित्य के लिए भी अपूरणीय क्षति है।
बनारस के वरिष्ठ पत्रकार अमरनाथ सिंह का निधन
वाराणसी : प्रदेश शासन से मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकार और एक प्रात: कालीन हिंदी दैनिक के संरक्षक अमर नाथ सिंह का बुधवार सुबह ककरमत्ता के समीप स्थित एक निजी अस्पताल में हृदयगति रुकने से निधन हो गया. वह मूलत: बड़ागांव ब्लाग के पतेर गांव के निवासी थे और सिगरा स्थित गांधीनगर कालोनी में रहते थे. 25 जनवरी की शाम हार्ट अटैक के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
सहारा मीडिया के सीईओ और एडिटर इन चीफ उपेंद्र राय की माताजी का गाजीपुर में निधन
यूपी के गाजीपुर जिले से सूचना मिली है कि सहारा मीडिया के सीईओ और एडिटर इन चीफ उपेंद्र राय की माता जी का निधन हो गया है. गाजीपुर के शेरपुर कलां स्थित गांव में माताजी ने आज दिन में दो बजे अंतिम सांस ली. उनकी उम्र 74 साल की थी. वे अपने पीछे भरा पूरा …
जनसत्ता के समाचार संपादक रहे अरविंद उप्रेती का निधन
Ambrish kumar : जनसत्ता के समाचार संपादक रहे साथी अरविंद उप्रेती चले गए. वे अपने करीबी रहे. इंडियन एक्सप्रेस एम्प्लाइज यूनियन में भी लगातार पदाधिकारी रहे और संघर्ष करते रहे. पिछली बार जब एक कार्यशाला में मंसूरी के आगे गया था तो वे भी देहरादून से साथ गए थे. रात मंसूरी के आगे कैम्पटी फाल …
दो गुना बढ़ गया था पत्रकार अक्षय का दिल!
व्यापमं घोटाले की रिपोर्टिंग के दौरान आकस्मिक मौत का शिकार बने दिल्ली के पत्रकार अक्षय सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सीबीआई को मिली पीएम रिपोर्ट में अक्षय के दिल का आकार सामान्य से दो गुना बताया गया है। सामान्य दिल का वजन 320 ग्राम होता है जबकि अक्षय का दिल 700 ग्राम पाया गया। हृदय के असामान्य आकार को लेकर विशेषज्ञ कोई कारण तो नहीं बता सके लेकिन मौत की वजह हृदयाघात बताई गई है। रिपोर्ट के मुताबिक दिल और विसरा में किसी प्रकार का जहर नहीं पाया गया है।
पंकज सिंह की याद में… Salute to the unsung hero of contemporary Hindi poetry
”कृष्णजी, मैं दिल्ली आ गया हूँ….” 17 दिसम्बर को Pankaj Singh का दूरभाष आया. वे अपने मुल्क़ मुज़फ़्फ़रपुर से आये थे जहां उन्हें कविता के लिये सम्मानित किया गया था. इस पर मैंने कहा- मैं भी अपने देश जा रहा हूँ, लौटकर मुलाक़ात होती है.
दिल के दौरे से वरिष्ठ पत्रकार और कवि पंकज सिंह का निधन
(पिछले दिनों भड़ास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में वक्तव्य देते पंकज सिंह जी…. अब सिर्फ यादें शेष है.)
जनवादी लेखक संघ हिन्दी के महत्वपूर्ण कवि, पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता पंकज सिंह के आकस्मिक निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करता है. दिल्ली के अपने आवास में 26-12-2015 को दिल के दौरे से उनका निधन हो गया. अभी, अपनी 68 साल की उम्र में, वे पूरी तरह सक्रिय और सृजनशील थे. गुज़रे महीनों में बढ़ती हिंसक असहिष्णुता के ख़िलाफ़ लेखकों के प्रतिरोध-आन्दोलन में उनकी लगातार भागीदारी रही. 30 से अधिक संगठनों के आह्वान पर प्रो. कलबुर्गी को याद करते हुए 5 सितम्बर 2015 को जंतर-मंतर पर जो बड़ा जमावड़ा और सांस्कृतिक प्रतिरोध-कार्यक्रम हुआ, उसके अध्यक्ष-मंडल में वे शामिल थे.
जबलपुर में रेडियो जॉकी ने बाथरूम में मिर्गी का दौरा पड़ने से दम तोड़ा
जबलपुर में एक रेडियो जॉकी की लाश उसके घर के बाथरूम में मिली. इससे शहर में सनसनी फैल गई. रेडियो जॉकी का नाम प्रीति कलवानी है. वह शहर के रेडियो मिर्ची स्टेशन में रेडियो जॉकी के पद पर कार्यरत थीं. मदन मोहन थाना पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है. 21 साल …
अजमेर के जाने-माने पत्रकार और वकील राजेंद्र हाड़ा का असमय निधन
राजस्थान के अजमेर जिले के बेबाक पत्रकार और दबंग वकील राजेंद्र हाड़ा का आज सुबह चार बजे निधन हो गया. घर पर उनके मुंह से झाग आने लगा और वो बेहोश हो गए. जब तक लोग अस्पताल ले जाते, बीस मिनट के भीतर ही उन्होंने दम तोड़ दिया. राजेंद्र हाड़ा के असामयिक निधन की सूचना मिलते ही अजमेर में शोक की लहर दौड़ गई है. पत्रकार, नेता, वकील, समाजसेवी सभी राजेंद्र के घर की तरफ जाने लगे हैं. आज शाम चार बजे राजेंद्र का अंतिम संस्कार किया जाएगा.
भड़ास का एक सच्चा कमांडर अलविदा कह गया… श्रद्धांजलि हाड़ा साब!
(स्व. राजेंद्र हाड़ा)
Yashwant Singh : राजेंद्र हाड़ा जी आज सुबह चल बसे. अजमेर के जाने माने वकील और दबंग पत्रकार थे. पत्रकारिता छोड़कर इसलिए वकालत में आ गए थे क्योंकि पत्रकारिता में धंधेबाजी बहुत ज्यादा थी. हाड़ा साहब भड़ास के अनन्य समर्थक थे. मुझे बहुत प्यार करते. भड़ास के कार्यक्रमों में शिरकत करने दिल्ली आया करते. अजमेर समेत राजस्थान के उन विषयों पर दबा कर कलम चलाते जिसके बारे में लिखने से मीडिया हाउसों व पत्रकारों को डर लगता. खासकर मीडिया के भीतर की चिरकुटई पर जोरदार तरीके से प्रहार करते.
नहीं रहे फोटो जर्नलिस्ट संजय दीक्षित
रायबरेली। विरासत में मिली फोटोग्राफी को संभालने वाले फोटोग्राफर संजय दीक्षित का शनिवार की सुबह हृदयगति रूक जाने की वजह से निधन हो गया। उनके निधन की खबर सुनते ही उनके आवास पर जिले गणमान्य लोगों का अंतिम दर्शन के ताता लग गया। उनके निधन पर पत्रकारों ने शोक जताते हुए दो मिनट …
बदकिस्मत पत्रकार थे राजीव चतुर्वेदी, लखनऊ के थाने में मार डाले गए, लखनऊ के पत्रकार चुप लगा गए
बलात्कार के एक आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता की आत्महत्या पर महीनों गैंगवार करने वाला फेसबुक एक पत्रकार की हत्या पर खामोश क्यों है? दरअसल इसे समझने के लिये रॉकेट साइंस की जरूरत नहीं है. दोनों मामलों को अलग से देखते ही स्थिति स्पष्ट हो जाती है. सामाजिक कार्यकर्ता एक बड़े बौद्धिक गिरोह के सदस्य थे, जिस गिरोह में बड़े संपादक, कई पत्रकार, कई मानवाधिकारी थे. गिरोह जानता था कि आरोप बलात्कार का है और इसका फैसला अदालत करेगी लेकिन इसके बाद भी फेसबुक उत्तेजित कर दिया गया. यह उत्तेजना अखबारी पन्नों से निकलकर प्रेस क्लब तक में बिखर गयी.
मुख्य धारा में हेमेंद्र जैसे नॉन कम्प्रोमाइजिंग ईमानदार पत्रकार के लिए स्थान नहीं रह गया था
Gunjan Sinha : ”बिहार के ग्रामीण इलाकों में वर्ग संघर्ष की वारदातें कवर करके जब लौटते थे हमलोग (हेमेन्द्र, अरुण रंजन, अरुण सिन्हा) तो हेमेन्द्र का रुमाल आंसुओं से भीगा रहता था और सबकी जेबें खाली हो चुकी होती थीं.”
जब अरुण कुमार ने गुंजन सिन्हा से कहा- ”जमकर मुकाबला कीजिये, अपने हाथ में सिर्फ स्ट्रगल है”
Gunjan Sinha : अन्ततः चले गए अरुण जी, असाध्य रोग कभी उनका मनोबल न तोड़ सका और न कभी कम कर सका सामाजिक सरोकारों के प्रति उनकी जबरदस्त प्रतिबद्धता … बहुत सालता है ऐसे जूझारू पुराने साथी का यूँ असमय चले जाना…. अलविदा अरुण जी. हमेशा याद रहेगी आपकी सादगी और उसके पीछे आडम्बर-रहित आग बदलाव और प्रतिरोध की.. संघर्ष तो बहुत लोग करते हैं. कोई शहीदाना मुद्रा में, समाज पर एहसान करते हुए, कोई गिरे हुओं के बीच जैसे एक आदर्श हों, ईश्वर के भेजे दूत, नाक फुलाते हुए…