Prakash K Ray-
न्यूज़ एजेंसी एएनआइ और तमाम कथित मुख्यधारा मीडिया द्वारा फ़ेक न्यूज़ फैलाने की यह ताज़ा घटना निश्चित ही निंदनीय और चिंताजनक है. ऐसी निंदाओं और चिंताओं का लंबा सिलसिला कुछ सालों से जारी है. लेकिन हमें समझना होगा कि फ़ेक न्यूज़ फिर भी एक कमतर चिंता है.
मीडिया में सबसे ख़तरनाक आज जो है, वह है भ्रामक ख़बरें- जंक न्यूज़. यह हमें अहर्निश परोसा जाता है, ख़बरों में और लेखों में. यह भी भयावह है, जो आम ख़बर को बेहद अहम बनाकर पेश किया जाता है.
ख़तरनाक है, रोज़ रोज़ की घटिया बहसें.
किसी ज़रूरी ख़बर को दबाने के लिए किसी बेतुकी सूचना को बड़ी ख़बर बनाना, नफ़रत फैलाना, सरकार की आलोचना करनेवालों और विरोधियों को अमानवीय भाषा और हिंसक तर्कों से टारगेट करना भी भयानक है.
इन सबकी तुलना में फ़ेक न्यूज़ एक घटिया चुटकुला जैसा है.
हमें फ़ेक न्यूज़ का पर्दाफ़ाश करना चाहिए, उसकी निंदा करनी चाहिए, लेकिन इस चक्कर में मीडिया की ज़्यादा ख़तरनाक और नुक़सानदेह हरकतों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए.
Manmohan Sharma
जिस पाकिस्तानी डिप्लोमट आगा हिलाली का एएनआई की रिपोर्ट में उल्लेख है उसकी 2001 मौत हो गई थी फिर वह 18 साल बाद कबर से उठ कर कैसे यह दावा करने आया?
Sanjaya Kumar Singh
2001 में मौत की खबर शायद गलत है या किसी दूसरे हिलाली का बयान है। अल्ट न्यूज ने इसपर विस्तार से खबर की है।
Manmohan Sharma
इस मे यह पेंच है कि आगा हिलाली की तो 2001 मे मौत हो चुकी है। यह बयान उन के बेटे जफर आगा हिलाली का था। मै ने पाकिस्तानी चैनल पर उस का मूल बयान सुना है।उस का कहना था कि भारत ने बालाकोट मे air strikes मै तीन सौ लोगों को मारने का दावा किया था मगर वह किसी को मार नही सके ओर football ground पर बम बरसा कर वापस चले गए। अब उस ने AN I की खबर का खंडन किया है। मै बडे आगा हिलाली को जानता था।वह भारत मे पाकिस्तान के राजदूत रह चुके थे। ALT news को मै ने भी पडा है।
Sanjaya Kumar Singh
बिल्कुल। उनका ट्वीट भी है। वीडियो से छेड़छाड़ हुई है और वह किसने-किसलिए की उसकी जांच होनी चाहिए और एएनआई अगर दोषी हो तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए या उसे फर्जी खबर चलाने के आरोप से बरी होने की कोशिश करनी चाहिए जैसे दूसरे मीडिया संस्थान कर रहे हैं। या स्पष्ट होना चाहिए कि उससे चूक हुई। पर मन की बात करने वाली सरकार को इसकी परवाह कहां है।
Manmohan Sharma
आज कल ANI PTI ओर UNI के SUBSCRIBTION को पाने के लिए मोदी सरकार के इशारे पर नाचने रही है।यह झुठी खबर उस ने सरकारी इशारे पर creed की थी। सरकार इस का राजनीति क लाभ उठाना चाहती थी। उसे यह अंदाजा नहीं था कि मामला उलटा पड जाएंगा।
सौजन्य- फेसबुक