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उत्तर प्रदेश

अपराधियों की पेशी पर कचहरी सील करना आम जन के मौलिक अधिकार का हनन

गाजीपुर (उत्‍तर प्रदेश) : गुरूवार को कचहरी परिसर पुलिस ने सील कर रखा था। लगभग सवा दस बजे पूर्व जिला पंचायत सदस्‍य एवं समग्र विकास इण्डिया के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष ब्रज भूषण दूबे पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने से जिलाधिकारी कार्यालय की ओर जाना चाहे तो उन्‍हें भी रोक दिया गया। कारण् पूछने पर तैनात कतिपय इंस्‍पेक्‍टर व दरोगाओं द्वारा बताया गया कि आज फास्‍ट ट्रैक कोर्ट में बृजेश व त्रिभुवन की पेशी है।

<p>गाजीपुर (उत्‍तर प्रदेश) : गुरूवार को कचहरी परिसर पुलिस ने सील कर रखा था। लगभग सवा दस बजे पूर्व जिला पंचायत सदस्‍य एवं समग्र विकास इण्डिया के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष ब्रज भूषण दूबे पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने से जिलाधिकारी कार्यालय की ओर जाना चाहे तो उन्‍हें भी रोक दिया गया। कारण् पूछने पर तैनात कतिपय इंस्‍पेक्‍टर व दरोगाओं द्वारा बताया गया कि आज फास्‍ट ट्रैक कोर्ट में बृजेश व त्रिभुवन की पेशी है।</p>

गाजीपुर (उत्‍तर प्रदेश) : गुरूवार को कचहरी परिसर पुलिस ने सील कर रखा था। लगभग सवा दस बजे पूर्व जिला पंचायत सदस्‍य एवं समग्र विकास इण्डिया के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष ब्रज भूषण दूबे पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने से जिलाधिकारी कार्यालय की ओर जाना चाहे तो उन्‍हें भी रोक दिया गया। कारण् पूछने पर तैनात कतिपय इंस्‍पेक्‍टर व दरोगाओं द्वारा बताया गया कि आज फास्‍ट ट्रैक कोर्ट में बृजेश व त्रिभुवन की पेशी है।

श्री दूबे ने मुख्‍यमार्ग से आगे जाने की बात किया तो पुलिस कर्मियों ने उन्‍हें किसी भी कीमत पर जाने से मना कर दिया तब तक कई वादकारी आये और अपने मुकदमें की पैरवाी करने के लिये जाने का आग्रह किये किन्‍तु उन्‍हें भी रोक दिया गया। श्री दूबे अपने मौलिक अधिकार के हनन की बात कहते हुये पुलिस अधीक्षक कार्यालय के ठीक सामने चार्ट पेपर लगाकर सत्‍याग्रह पर बैठ गये।

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चार्ट पेपर पर लिखा था कि वीडियो कान्‍फ्रेसिंग के जरिये पेशी कराओ, या जज साहब जेल में जाओ। उनका कहना था कि प्रदेश के आधा दर्जन जेलों में वीडियो कान्‍फ्रेंसिंग की सुविधा है तथा न्‍यायालय में भी, फिर इसका प्रयोग क्‍यों नहीं किया जाता। उन्‍होने यह भी कहा कि यदि पेशी कराना अपरिहार्य ही है तो कचहरी परिसर सील कर आम जन के मौलिक अधिकार का हनन न किया जाय। यह भी कहा कि यदि उचित समझें तो सम्‍बन्धित न्‍यायालय के न्‍यायाधीश अपराधी के निरूद्ध कारागार स्‍थल पर जाकर सुनवाई करें। एेसा करने से जहां पब्लिक मनी का अपव्‍यय रूकेगा वही दर्जनो थानो की पुलिस परेशान नहीं होगी।

श्री दूबे ने कहा कि उन्‍होने इसके लिये माननीय उच्‍च न्‍यायालय के मुख्‍य न्‍यायाधीश, प्रदेश के श्री राज्‍यपाल, मुख्‍यमंत्री सहित जिले के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को मेल किया है। श्री दूबे ने जोर देकर कहा कि संविधान द्वारा प्रदत्‍त आम जन के मौलिक अधिकार के हनन का अधिकार किसी काे नहीं है। यह भी कहा कि वीडियो कान्‍फ्रेंसिंग के जरिये पेशी कराये जाने के लिये उन्‍होने दशकों पूर्व से काफी प्रयास किया है। सत्‍याग्रह के समय अधिवक्‍ताओं, राहगीरों, वादकारियों व स्‍कूली छात्र/छात्राओं को रोकने वाली पुलिस मूक दर्शक बनी रही।

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सत्‍याग्रह में शामिल सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीण तिवारी ने अफसोस जाहिर करते हुये कहा कि वीडियो कान्‍फ्रेंसिंग के जरिये पेशी कराने से समय, धन, भागदौड की बचत के साथ मुकदमें की सुनवाई में विलम्‍ब नहीं होगा तथा शीघ्र न्‍याय पाने की अवधारणा फलीभूत होगी। उक्‍त अवसर पर प्रवीण तिवारी, हसन अब्‍दुल्‍लाह, मनोज जैसवाल, पीयूष कान्‍त पाण्‍डेय एव अवनि कुमार सिंह ने सत्‍याग्रह किया।

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