मोदी राज में श्रम-स्वास्थ्य कानूनों में बदलाव से झेलेगा आम आदमी!

श्रम कानूनों में श्रमिक विरोधी संशोधनों व हेल्थ सेक्टर में जनविरोधी नीतियों के खिलाफ सक्रिय हुआ UPMSRA ग़ाज़ीपुर (उत्तर प्रदेश) : आज दिनाँक 21 जुलाई 2019 दिन रविवार को upmsra ग़ाज़ीपुर इकाई का एक प्रतिनिधिमंडल अपनी 05 सूत्रीय समस्याओं/ मांगो के समर्थन में पत्रक सौंपने वर्तमान संसद सदस्य श्री अफ़ज़ाल अंसारी से उनके आवास पर …

पत्रकार ने खोला ‘नून रोटी ढाबा’, रोजाना दस हजार रुपये कमा रहे!

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से 5 लाख रुपए लेकर शुरू किया कारोबार, सारे मीडियाकर्मियों को लेनी चाहिए प्रेरणा, एक दोपहर अपन ने भी शानदार भोजन का मुफ्त में उठाया लुत्फ… मीडियाकर्मियों के लिए गाजीपुर के एक पत्रकार ने नजीर कायम किया है. इस पत्रकार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत बैंक से 5 लाख रुपए लेकर …

संघ से जुड़े पत्रकार की हत्या से पसीने-पसीने हुए गाजीपुर के पुलिस कप्तान (देखें वीडियो)

गाजीपुर जनपद के करण्डा क्षेत्र में दैनिक जागरण के प्रतिनिधि राजेश मिश्रा की गोलियों से भूनकर हत्या के मामले में परिजन और इलाकाई लोग क्षुब्ध हैं. घटना के दिन पुलिस अधीक्षक सोमेन वर्मा मौके पर पहुंचे और नाराज इलाकाई लोगों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने हत्यारों के जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया. मारे गए पत्रकार के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े होने के कारण मामला ज्यादा गंभीर हो चुका है क्योंकि यूपी की सत्ता में संघ समर्थित भाजपा की सरकार है.

साथी की हत्या से भड़के ग़ाज़ीपुर के पत्रकार सड़क पर उतरे (देखें वीडियो)

यूपी के गाजीपुर जिले में दैनिक जागरण के पत्रकार राजेश मिश्रा की गोली मार कर हत्या किए जाने से पूरे देश के पत्रकारों में उबाल है. देश भर में एक के बाद एक पत्रकारों की हत्याएं हो रही हैं. पत्रकारों पर लगातार हमले हो रहे हैं.  गाजीपुर के पत्रकारों ने आज विरोध जुलूस निकाल कर अपने गुस्से का इजहार किया. जिले भर के पत्रकारों ने गाजीपुर कोतवाली से जुलूस निकाला और जिलाधिकारी कार्यालय तक जाकर अपना मांग पत्र सौंपा. इस दौरान गुस्साए पत्रकार लगातार नारेबाजी करते रहे और हत्यारों के शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की.

अखंड गहमरी ने अमर उजाला के स्थानीय संवाददाता से दुखी होकर प्रधान संपादक को भेजा लीगल नोटिस

हमारे गहमर में एक समाचार पत्र है अमर उजाला जिसके स्‍थानीय संवाददाता को कार्यक्रम में बुलाने के लिए जो मानक है वह मानक मैं पूरा नहीं कर पाता। इस लिए वह न तो हमारे कार्यक्रम की अग्रिम सूचना छापते हैं और न तो दो दिनो तक कार्यक्रम के समाचार। तीसरे दिन न जाने उनको क्‍या मिल जाता है जो आनन फानन में मुझसे बात कर न करके अन्‍य लोगो से व्‍यक्ति विशेष के बारे में सूचना मॉंगते है और मनगढ़त खबर बना कर प्रकाशित कर देते है।

अपराधी को हिरासत से भगाने वाली गाजीपुर पुलिस ने निर्दोष बुजुर्ग का मोबाइल फोन छीन लिया!

Yashwant Singh : ग़ज़ब है यूपी का हाल। अपराधी भाग गया हिरासत से तो खिसियानी पुलिस अब बुजुर्ग और निर्दोष को कर रही परेशान। मेरे बुजुर्ग चाचा रामजी सिंह का फोन ग़ाज़ीपुर की नन्दगंज थाने की पुलिस ने छीना। बिना कोई लिखा पढ़ी किए ले गए। अब बोल रहे फोन हिरासत में लिया है। शर्मनाम …

पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सिंह के बयान से नाराज भाजपाइयों ने पुतला फूंका, भाजपा विधायक सुनीता सिंह ने की प्रेस कांफ्रेंस

ग़ाज़ीपुर : पूर्व पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह द्वारा हिंदुस्तान अखबार गाजीपुर के पत्रकार अजीत सिंह को धमकी देने वाले आडियो में जमानियां से भाजपा विधायक सुनीता सिंह को भी काफी अपशब्द कहा गया है. साथ ही एमएलसी चंचल सिंह के लिए भी अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया है. इससे नाराज भाजपाइयों ने सेवराईं तहसील मुख्यालय के भदौरा बस स्टैंड पर जुलूस निकाल कर ओम प्रकाश सिंह का पुतला फूंका. उधर, लखनऊ में भाजपा विधायक सुनीता सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर ओम प्रकाश सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

धिक्कार है ‘हिंदुस्तान’ अखबार और इसके संपादक विश्वेश्वर कुमार पर!

बनारस से छप कर हिंदुस्तान अखबार गाजीपुर पहुंचता है. बनारस के संपादक हैं विश्वेश्वर कुमार. बेहद विवादित शख्सियत हैं. जहां रहें, वहीं इनके खिलाफ लोगों ने विद्रोह का बिगुल फूंका. भागलपुर में तो लोगों ने इनके खिलाफ लिखकर सड़कों को पोस्टरों बैनरों से पाट दिया था. ये समाचार छापने में राग-द्वेष का इस्तेमाल करते हैं. ये ‘तेरा आदमी मेरा आदमी’ के आधार पर आफिस का कामकाज देखते हैं. ताजी हरकत इनकी ये है कि इन्होंने अपने ही अखबार के रिपोर्टर को एक पूर्व मंत्री द्वारा धमकाए जाने की खबर को अखबार में नहीं छापा.

सपा सरकार में मंत्री रहे ओम प्रकाश सिंह का चेहरा बेनकाब, सुनें पत्रकार को धमकाने वाला आडियो

यूपी में सपा सरकार के दौरान मंत्री रहे ओमप्रकाश सिंह का एक आडियो वायरल हुआ है जिसमें वह हिंदुस्तान अखबार के पत्रकार को धमका रहे हैं. साथ ही जमानियां से भाजपा की महिला विधायक को उल्टा सीधा बोल रहे हैं. यूपी में अखिलेश यादव की पिछली सरकार में ओम प्रकाश सिंह पर्यटन मंत्री हुआ करते थे. वे गाजीपुर की जमानियां विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते हैं.

”आप ठहरे भड़ासी पत्रकार, कोई आम आदमी होता तो फर्जी मुकदमे लादे जाते और जेल काट कर ही बाहर आता”

पिछले दिनों भड़ास के संपादक यशवंत सिंह के साथ यूपी के गाजीपुर जिले की पुलिस ने बेहद शर्मनाक व्यवहार किया. यशवंत अपने मित्र प्रिंस सिंह के साथ रेलवे स्टेशन पान खाने गए और कुछ लोगों की संदिग्ध हरकत को देखकर एसपी को सूचना दी तो एसपी के आदेश पर आए कोतवाल ने यशवंत व उनके मित्र को ही पकड़ कर कोतवाली में डाल दिया. इस पूरे मामले पर यशवंत ने विस्तार से फेसबुक पर लिखकर सबको अवगत कराया. यशवंत की एफबी पोस्ट पर आए सैकड़ों कमेंट्स में से कुछ चुनिंदा इस प्रकार हैं… मूल पोस्ट नीचे कमेंट्स खत्म होने के ठीक बाद है… 

Mamta Kalia इस घटना से पुलिस का जनता के प्रति रवैया पता चलता है। मैंने एक बार अपने घर मे हुई चोरी की रपट लिखवाई थी। पुलिस ने मुझे अलग अलग तारीखों में कोर्ट बुला कर इतना परेशान किया कि मैंने लिख कर दे दिया मुझे कोई शिकायत नहीं। केस बन्द किया जाय।

रेलवे स्टेशन पर पान खाने गए यशवंत पहुंचा दिए गए कोतवाली!

Yashwant Singh : रात मेरे साथ कहानी हो गयी। ग़ाज़ीपुर रेलवे स्टेशन पर पान खाने गया लेकिन पहुंचा दिया गया कोतवाली। हुआ ये कि स्टेशन पर मंदिर के इर्द गिर्द कुछ संदिग्ध / आपराधिक किस्म के लोगों की हरकत दिखी तो एसपी को फोन कर डिटेल दिया। उनने कोतवाल को कहा होगा। थोड़ी ही देर में मय लाव लश्कर आए कोतवाल ने मंदिर के पास वाले संदिग्ध लोगों की तरफ तो देखा नहीं, हम दोनों (मेरे मित्र प्रिंस भाई) को तत्काल ज़रूर संदिग्ध मानकर गाड़ी में जबरन बिठा कोतवाली ले गए। मुझे तो जैसे आनंद आ गया। लाइफ में कुछ रोमांच की वापसी हुई। कोतवाल को बताते रहे कि भाया हम लोगों ने तो संदिग्ध हरकत की सूचना दी और आप मैसेंजर को ही ‘शूट’ कर रहे हो।

सिर पटकते ही रुक गई कुल्हाड़ी, बच गई पीपल की जान (देखें तस्वीरें)

सामाजिक कार्यकर्ताओं का गाजीपुर के औरिहार रेलवे स्टेशन पर पीपल के वृक्ष को बचाने के लिए अनोखा पहल… विदेशों से वृक्षों के प्लांटेशन का गुण सीखे भारत सरकार… पूर्वी उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के जाने माने समाजसेवी और राजनेता बृजभूषण दुबे एक रोज ट्रेन से लौट रहे थे तो देखा कि कुछ लोग एक पीपल के पेड़ को काटने में जुटे हैं. वो फौरन ट्रेन से उतरे और जाकर कुल्हाड़ी के नीचे अपनी गर्दन रख दी कि पहले मेरा सिर काटो फिर इस पवित्र और पर्यावरण हितैषी वृक्ष को काटना. आखिरकार उनके प्रयासों से पेड़ की जान बच सकी.

गाजीपुर के पत्रकार से बदमाश ने फोन पर मांगी दस लाख रुपये की रंगदारी (देखें वीडियो)

बताइए, अब तो पत्रकारों से भी रंगदारी मांगे जाने लगी है. वो भी दस-पांच हजार रुपये नहीं बल्कि पूरे के पूरे दस लाख रुपये. मामला यूपी के गाजीपुर जिले का है. हिन्दी सांध्य दैनिक समाचार पत्र सन्मार्ग से जिले के मान्यता प्राप्त पत्रकार से 10 लाख रुपये की फिरौती मांगी गयी है. न देने पर जान से हाथ धो बैठने की धमकी दी गई है.

जमीन खरीदारों को लूटने वाले ‘गैंग आफ गाजीपुर’ से सावधान! (पढ़ें सदस्यों के नाम)

डा. फकरे आलम, अमित सिंह, बबलू यादव, इन्दूबाला सिंह, आदित्य सिंह, सत्यबिन्दु सिंह, हरी यादव, प्रदीप जैसवाल, बिनोद कुमार तिवारी आदि हैं इस गैंग के सक्रिय सदस्य… फर्जी बैंक एकाउंट, फर्जी आईडी प्रूफ और फर्जी रजिस्ट्री के माध्यम से जमीन खरीदने वालों को ये ठगते हैं और लाखों-करोड़ों का चूना लगा देते हैं… ये लोग पुलिस और प्रशासन को मैनेज कर जांच लटकाने में भी हैं सक्षम.. पढ़िए एक पीड़ित की दास्तान जिसने यूपी के नए मुख्यमंत्री से लगाई है गुहार…..

अखिलेश राज में मंत्री रहे विजय मिश्र ने धमकाया तो पत्रकार ने दिया खाने भर जवाब (सुनें टेप)

गाजीपुर जिले से सपा राज में एक मंत्री हुआ करते थे, धर्मार्थ कार्य मंत्री, विजय मिश्रा. जब अखिलेश यादव ने इनका टिकट काट दिया तो ये बसपा में भाग खड़े हुए लेकिन वहां भी टिकट नहीं मिला और न ही अपनी सीट से बसपा के प्रत्याशी को जिता पाए. एक रोज आधी रात को ये पूर्व मंत्री विजय मिश्रा ने पूरे मूड में आकर गाजीपुर जिले के एक पत्रकार को फोन लगा दिया. ये पत्रकार कभी विजय मिश्र को चुनाव जिताने में जोरशोर से आगे थे. बाद में चुनाव जीतने और मंत्री बनने के बाद विजय मिश्र ने अपने हर उस गैर-ब्राह्मण कार्यकर्ता / करीबी के साथ जो किया, वही सुनील सिंह उर्फ सुनील कुशवाहा के साथ भी किया यानि अपमानित कर किनारे कर दिया.

यूपी में जंगलराज : जिला अस्पताल में डाक्टर को पीटा, आरोपियों को बचा रहे सत्ताधारी (देखें वीडियो)

Yashwant Singh :  ये वीडियो देखिए। यूपी में जंगलराज का नमूना। एक डॉक्टर की पिटाई। पीटने वाले यूपी सरकार के मंत्री जी और सपा नेताओं के करीबी हैं इसलिए पुलिस इनका कुछ नहीं बिगाड़ पायी। उलटे डॉक्टर साब का खून और पेशाब टेस्ट हो गया क्योंकि पीटने वालों ने आरोप लगा दिया कि डॉक्टर नशे में था, इसलिए पीटना पड़ा। जांच रिपोर्ट नार्मल आई यानि डॉक्टर नशे में नहीं था। उधर डॉक्टर cctv फुटेज दिखा कर कह रहा है कि पहले इन अपराधियों को तो पकड़ो। लेकिन पूरा पुलिस प्रशासन डॉक्टर का खून मल मूत्र निकालने में जुटा रहा।

गलत खबर छपने से नाराज गाजीपुर के वकीलों ने दैनिक जागरण अखबार फूंका (देखें तस्वीरें)

गाजीपुर : जिले में आज सुबह से वकीलों ने दैनिक जागरण अखबार के खिलाफ भांति भांति तरीके से गुस्सा निकाला. कल 26 अप्रैल को पेशी पर आये एक अपराधी के उपर गोली मारने की घटना के बाद अधिवक्ताओं ने गोली मारने वाले अपराधियों को पकड़ने की कोशिश की. वहां मौजूद पुलिस कर्मियों की निष्क्रियता पर पुलिस व अधिवक्ताओं में झड़प भी हो गयी. कहा जा रहा है कि इस पूरे घटनाक्रम और खबर को निष्पक्षता से न प्रकाशित कर दैनिक जागरण ने एकतरफा ट्रीटमेंट दिया. दैनिक जागरण की खबर में कहा गया है कि अधिवक्ताओं ने अपराधी को पकड़ने की कोई कोशिश नहीं बल्कि अपराधियों को भागने में मदद किया.

नई ट्रेन के नाम को लेकर सोशल मीडिया पर तलवारें खिंचीं, राजा सुहेल देव राजपूत थे या राजभर या पासी?

Anand Kumar : आने वाली 13 अप्रैल को गाजीपुर से दिल्ली के लिए एक नयी ट्रेन शुरू हो रही है, “राजा सुहेल देव राजभर एक्सप्रेस” (ट्रेन सं० 22419). तीन दिन ये शाम 5.30 पर गाज़ीपुर से रवाना होकर सुबह 8.30 आनंद विहार टर्मिनल पहुंचेगी. वहां से बुधवार, शुक्र और रविवार को ट्रेन सं 22420 शाम 6.45 बजे चलकर सुबह 9.05 गाजीपुर पहुचेगी. अब ये ट्रेन का नाम बड़ा अनोखा है. आपको वामपंथी इतिहास में पढ़ाया ही नहीं गया होगा कि राजा सुहेल देव राजभर कौन थे. तो फिर ये थे कौन जिनके नाम पर ट्रेन चलाई गई है?

गाजीपुर से दिल्ली के लिए नई ट्रेन ‘राजा सुहेल देव राजभर एक्सप्रेस’ 13 अप्रैल से, हफ्ते में तीन दिन चलेगी

गाजीपुर के सांसद और रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा की पहल पर पूर्वी यूपी के गाजीपुर जिले से दिल्ली के लिए ट्रेन शुरू हो रही है। ट्रेन को मनोज सिन्हा 13 अप्रैल की शाम पांच बजे गाजीपुर सिटी स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। यह ट्रेन सप्ताह में तीन दिन चलेगी। बुधवार-शुक्रवार तथा रविवार की शाम साढ़े पांच बजे गाजीपुर सिटी स्टेशन से खुलेगी और सुबह साढ़े सात बजे दिल्ली के आनंद बिहार स्टेशन पहुंचेगी।

अपराधियों की पेशी पर कचहरी सील करना आम जन के मौलिक अधिकार का हनन

गाजीपुर (उत्‍तर प्रदेश) : गुरूवार को कचहरी परिसर पुलिस ने सील कर रखा था। लगभग सवा दस बजे पूर्व जिला पंचायत सदस्‍य एवं समग्र विकास इण्डिया के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष ब्रज भूषण दूबे पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने से जिलाधिकारी कार्यालय की ओर जाना चाहे तो उन्‍हें भी रोक दिया गया। कारण् पूछने पर तैनात कतिपय इंस्‍पेक्‍टर व दरोगाओं द्वारा बताया गया कि आज फास्‍ट ट्रैक कोर्ट में बृजेश व त्रिभुवन की पेशी है।

आओ गांधीगिरी करें : डाक्टर से गुंडागर्दी करने वाले गाजीपुर के सीओ सिटी को फोन करें

Yashwant Singh : हमारे गाजीपुर जिले के डाक्टर Avinash Singh Gautam बेहद उर्जावान और क्रांतिकारी डाक्टर हैं. फिजियोथिरेपिस्ट हैं. गर्दन से लेकर शरीर के किसी हिस्से के दर्द को छूमंतर कर देते हैं, अपने जादुई इलाज व मसाज के जरिए. इनका इलाज और मसाज गाजीपुर के एक पुलिस अफसर को ऐसा भाया कि इन्हें रात दिन कभी भी आदेश देकर बुलाने लगा. गर्दन के दर्द से पीड़ित इस रीढ़ विहीन पुलिस अफसर ने डाक्टर को अपना बंधुआ गुलाम सरीखा समझने लगा और आदेश देकर इलाज कराने लगा. डाक्टर अविनाश ने जब इनकार किया तो सबक सिखाने के लिए आधी रात को इनके घर धावा बोल दिया.

गाजीपुर में डाक्टर ने गर्दन का मसाज करने से इनकार किया तो सीओ सिटी ने दलबल के साथ आधी रात को घर में घुसकर की गुंडई

पुलिसिया गुंडई के शिकार गाजीपुर के सोशल एक्टिविस्ट और फिजियोथिरेपिस्ट डा. अविनाश सिंह गौतम


पूर्वी उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में डा. अविनाश सिंह गौतम बतौर फिजियोथिरेपिस्ट कार्यरत हैं. डाक्टर साहब सोशल एक्टिविस्ट भी हैं, इसलिए वह जनसरोकार के मुद्दों पर सक्रिय रहते हैं. अन्याय और जुल्म के खिलाफ लड़ने वाले लोगों के मोर्चा में शामिल रहते हैं. पिछले दिनों शहर के सीओ कमल किशोर ने अपने गर्दन के दर्द और स्पेंडलाइटिस के इलाज के लिए डाक्टर अविनाश सिंह गौतम से संपर्क किया. डाक्टर साहब ने उनके गर्दन की मसाज के साथ-साथ उचित दवा और निर्देश दिया. सीओ साहब को गर्दन के मसाज से इस कदर राहत मिली कि वह डाक्टर अविनाश सिंह गौतम को गाहे बगाहे फिजियोथिरेपी और गर्दन के मसाज के लिए बुलाने लगे.

स्वाइन फ्लू से गाजीपुर के युवा पत्रकार निलेश राय का निधन

गाजीपुर : पत्रकार निलेश राय का आकस्मिक निधन होने पर पत्रकारो में शोक की लहर दौड़ गयी। पत्रकार निलेश राय वाराणसी से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र के रेवतीपुर से स्थानीय संम्वाददाता थे। वे बड़े ही मिलनसार प्रवृत्ति के थे। वे विगत एक सप्ताह से स्वाइन-प्लू की बीमारी से पीड़ित थे। उनका निधन आज सुबह लगभग सात बजे इलाज के लिए जिला अस्पताल लाते समय रास्ते में हो गया। वे अपने तीन भाईयों में सबसे छोटे थे। अपनी पीछे पत्नी और एक 12 वर्षीय पुत्र आयुष राय को छोड़ गये है।

गाजीपुर में पत्रकारों के लिए ‘मीडिया हाउस’ नामक भवन का उदघाटन

गाजीपुर। जनपद में पत्रकारों के लिए ‘मीडिया हाउस’ नामक भवन का उदघाटन अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार रविवार को दिन में लगभग 11:30 बजे फीता काट कर डा0 सीपी दिक्षित ने किया। तत्पश्चात मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्जवल व माल्यापर्ण कर किया गया। पं0 अजय शंकर तिवारी द्वारा आरती कर एवं नारियल फोड़ भव्य शुभारम्भ किया। इस अवसर पर गाजीपुर पत्रकार एसोसिएशन के महासचिव चन्द्र कुमार तिवारी द्वारा संस्था के वेबसाइट का उदघाटन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार धर्मदेव राय व डा0 दीक्षित ने गाजीपुर पत्रकार एसोसिएशन के पूर्व जिलाध्यक्ष राजेश दूबे की धर्मपत्नी समीक्षा दूबे व उनके दो बच्चो साक्षर व साक्षी को 35000/-रूपये का सावधि जमा सर्टिफिकेट संस्था की ओर से भेंट किया।

यूपी में जंगल राज : भ्रष्टाचारी घर में घुसकर हत्या कराने की धमकी दे रहे, पुलिस प्रशासन मौन साधे है

To: pmindia@nic.in, pmosb@nic.in, cmup@nic.in, csup@nic.in, manojksinha.bjp@gmail.com, manojsinha.mp@sansad.nic.in

दिनांक: 27/12/2014

सेवा में,

माननीय प्रधानमंत्री,

भारत सरकार, नई दिल्ली

विषय: ग्राम प्रधान छावनी लाइन गाजीपुर उ० प्र०, इस ग्राम प्रधान के पति तथा परिजनों द्वारा किये गये विभिन्न भ्रष्टाचार की शिकायत करने पर शिकायतकर्ता को जान से मारने की मिल रही धमकियों के सम्बन्ध में।

सउदी अरब से आठ माह बाद भी नहीं आयी रामधीन की लाश

सउदी अरब के अलखाब्‍जी से आठ महीने में भी नहीं आयी श्रमिक की लाश। परिवार का रोते रोते हुये बुरा हाल। पत्‍नी ने कहा कि पति की हुयी है हत्‍या। पीडित परिवार जिलाधिकारी व सांसद/रेल राज्‍यमंत्री आद‍ि से लगा चुका है गुहार। पूर्वी उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के दुल्‍लहपुर थाना क्षेत्र के मलेठी (पाही) का रामधीन राजभर (28) इसी वर्ष के अप्रैल माह में पासपोर्ट संख्‍या- के0 1550127 के आधार पर सउदी अरब के अलखाब्‍जी में फेमली ड्राइवर के रूप में काम करने गया। वहां संदिग्‍ध परिस्थितियों में उसकी मौत 01 मई को हो गयी। तबसे पीड़ित परिवार लगातार एम्‍बेसी, विदेश मंत्रालय, जिलाधिकारी एवं क्षेत्रीय सांसद/रेल राज्‍य मंत्री के कार्यालय तक गुहार लगा रहा है।

गाजीपुर से तीन खबरें : बाजरा बनाम डाई, गो तस्कर बनाम भाजपा नेता, मंत्री बनाम ठाकुर साहब

Yashwant Singh : गाजीपुर से तीन खबरें सुना रहा हूं. पहली खेती किसानी की. बाजड़ा पिछले साल 1100 रुयये क्विंटल था, इस साल 900 रुपये हो गया है. वहीं, डाई खाद का दाम 600 रुपये बोरी से बढ़कर 1150 रुपये हो गया है. कितनी तेज देश तरक्की कर रहा है और कितना तेज गांवों किसानों का विकास हो रहा है, इसकी ये एक बानगी है. ये जानकारी मुझे पिताजी ने दी, चिंतिंत लहजे में ये कहते हुए कि ”अब खेती-किसानी में कुछ रक्खा नहीं है”.

गाजीपुर जिले के युवा पत्रकार राजेश दुबे का निधन

गाजीपुर जिले के प्रतिभाशाली युवा पत्रकार राजेश दुबे का बुधवार को निधन हो गया। राजेश लंबे अर्से से इलेक्ट्रानिक मीडिया में बतौर संवाददाता काम कर रहे थे। उन्होंने सहारा न्यूज चैनल से अपने करियर की शुरुआत की थी। करीब पांच वर्षों तक सहारा न्यूज चैनल के लिए काम करने के साथ ही उन्होंने लाइव इंडिया, पी7 और एबीपी न्यूज के लिए भी पत्रकारिता की थी। कम समय में ही उन्होंने इलेक्ट्रानिक मीडिया के क्षेत्र खास मुकाम बनाया था। राजेश दो वर्षों तक गाजीपुर पत्रकार एसोसियेशन के अध्यक्ष भी रहे।

जिले का नाम गाजीपुर क्यों पड़ा, गाजीउद्दीन हैदर के नाम पर या किसी मुगल गाजी के नाम पर…

Shambhu Nath Shukla : गाजीपुर का खाद-पानी… आज पुरानी किताबें निकालने के चक्कर में मैं अपनी लायब्रेरी खंगाल रहा था तो पाया कि उत्तर प्रदेश का गाजीपुर जिला बड़ा उर्वर है। सारी मिथकीय, ऐतिहासिक, साहित्यिक, पत्रकारीय और पत्रकारिक (फेसबुकीय पत्रकार) विभूतियां यहीं पैदा हुईं। मसलन मिथकीय कैरेक्टर परशुराम से लेकन पत्रकार शिरोमणि भाई Yashwant Singh तक।