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भड़ास पर खबर छपने के बाद कल्पतरु एक्सप्रेस ने राज कमल को फिर से नौकरी पर रखा

कल्पतरु एक्सप्रेस में छंटनी और यहां कार्यरत पत्रकार राज कमल के दुखों को लेकर भड़ास पर खबर छपने के बाद कल्पतरु प्रबंधन ने राज कमल को फिर से नौकरी पर रख लिया है. प्रबंधन के इस कदम की सराहना की जा रही है. हालांकि बाकी निकाले गए पत्रकार अब कल्पतरु समूह की असलियत सामने लाने के लिए लगातार रिसर्च वर्क कर रहे हैं और जल्द ही ढेर सारे डाक्यूमेंट्स के साथ कल्पतरु समूह के गड़बड़झाले का खुलासा मीडिया जगत के सामने करेंगे.

<p>कल्पतरु एक्सप्रेस में छंटनी और यहां कार्यरत पत्रकार राज कमल के दुखों को लेकर भड़ास पर खबर छपने के बाद कल्पतरु प्रबंधन ने राज कमल को फिर से नौकरी पर रख लिया है. प्रबंधन के इस कदम की सराहना की जा रही है. हालांकि बाकी निकाले गए पत्रकार अब कल्पतरु समूह की असलियत सामने लाने के लिए लगातार रिसर्च वर्क कर रहे हैं और जल्द ही ढेर सारे डाक्यूमेंट्स के साथ कल्पतरु समूह के गड़बड़झाले का खुलासा मीडिया जगत के सामने करेंगे.</p>

कल्पतरु एक्सप्रेस में छंटनी और यहां कार्यरत पत्रकार राज कमल के दुखों को लेकर भड़ास पर खबर छपने के बाद कल्पतरु प्रबंधन ने राज कमल को फिर से नौकरी पर रख लिया है. प्रबंधन के इस कदम की सराहना की जा रही है. हालांकि बाकी निकाले गए पत्रकार अब कल्पतरु समूह की असलियत सामने लाने के लिए लगातार रिसर्च वर्क कर रहे हैं और जल्द ही ढेर सारे डाक्यूमेंट्स के साथ कल्पतरु समूह के गड़बड़झाले का खुलासा मीडिया जगत के सामने करेंगे.

उधर, पत्रकार राज कमल ने भड़ास को एक मेल भेजकर कहा है कि उन्हें निकाला नहीं गया था, वे अवकाश पर गए थे. राज कमल ने अपने पत्र के समर्थन में लीव अप्लीकेशन भी भेजा है. राज कमल का पूरा पत्र इस प्रकार है…

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”महोदय आपके पोर्टल पर मेरे बारे में डाली गई खबर कल्पतरु एक्सप्रेस छटनी कथा, बेटा गवाया, मां गवाई, उंगुली कटाई और नौकरी भी चलूी गई इस संबंध में अवगत कराना है कि यह खबर पूरी तरह तथ्यहीन, गलत व भ्रामक है, जो किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए किसी व्यकि्त ने आपको भेजी है, जबकि सत्यता यह है कि मैं स्वयं नौ तारीख से अवकाश पर था और मैं आकर कार्यलय में आकर सेवाएं दे रहा हूं। अत उक्त खबर को अपने पोर्टर से तत्काल हटाकर मेरी वास्तविक बात को लोगों के समक्ष रखें मैं कल्पतरु एक्सप्रेस संस्थान में काफी समय से पूर्ण निष्ठा के साथ काम कर रहा हूं और प्रबंधन का हमेशा निष्ठावान लोगों के प्रति सहयोगात्मक रवैया रहा है। कुछ गैरजिम्मेदार लोगों की वजह से छटनी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसे कोई भी संस्थान बर्दाश्त नहीं करता। कृपया मेरे इस स्टेटमेंट को जारी कर पूर्व में दिए गए आपके पोर्टल के बयान को तत्काल हटा देने की कृपा करें।
राज कमल
सी. सब एडीटर
कल्पतरु एक्सप्रेस, लखनऊ”


 

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मूल खबर…

कल्पतरु एक्सप्रेस छंटनी कथा : बेटा गंवाया, मां गंवायी, ऊंगली कटायी और नौकरी भी चली गयी

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