जिसकी लाठी उसकी भैंस. इसी तर्ज पर जिसकी सरकार, उसका आदमी. केंद्र में भाजपा की सरकार सत्तासीन है तो सरकारी नियुक्तियों में भाजपा व संघ के लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है. लोकसभा टीवी का सीईओ और एडिटर इन चीफ पद पर पीएमओ के अघोषित आदेश के तहत संघ के बैकग्राउंड वाली अनाम-सी महिला पत्रकार सीमा गुप्ता को बिठा दिया गया. इसी क्रम में नए आने वाले सरकारी ‘किसान चैनल’ में भाजपा किसान मोर्चा के महामंत्री नरेश सिरोही को एडवाइजर बनाकर बिठा दिया गया है. देश में किसान नेताओं की पूरी कतार है लेकिन सत्ताधारी भाजपा सरकार को सिर्फ अपने नेता और अपने लोग ही प्रिय हैं.
ऐसे में मेरिट की बात करने वाली और करप्शन के खिलाफ लड़ने की हुंकार भरने वाली मोदी सरकार की नीयत पर शक हो जाता है कि यह किस तरह से कांग्रेस से अलग है? भाजपा किसान मोर्चा के नेता नरेश सिरोही के दूरदर्शन के नए आने वाले किसान चैनल का एडवाइजर बन जाने के बाद माना जा रहा है कि इसमें अन्य नियुक्तियां इनकी सिफारिश पर होंगी. सिरोही चैनल लांच करनेवाली टीम के प्रमुख हिस्से होंगे. नरेश सिरोही कृषि मामलों के जानकार हैं. उन्होंने किसान नेता चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत के साथ काम भी किया हुआ है. बाद में भारतीय जनता पार्टी से जुड़ गये और भाजपा में किसान मोर्चा के महामंत्री रहे. उल्लेखनीय है कि दूरदर्शन का किसान चैनल चौबीसों घंटे का चैनल होगा.
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