धन्य है यह ‘गभिलाश झांडेकर’ जो तीन सवाल पूछ कर 100 नंबर के साथ न्याय कर देता है!

Sarjana Sharama : मौका परस्तों की दसों उंगलियां घी में सिर कड़ाही में… ना लेफ्ट ना राईट, ना कांग्रेस ना बीजेपी, बस ‘तेलपूत’ बन जाइए यानि जिसका राज उसको तेल लगा के हो गए उसके पूत। फिर देखो, मज़े ही मज़े हैं। मध्यप्रदेश के राजे रजवाड़े कांग्रेसी नेताओं का मीडिया रिलेशन और पब्लिक रिलेशन देखने वाले मध्यप्रदेश के औसत दर्जे के एक पत्रकार हैं, मान लीजिए उनका नाम है- गभिलाश झांडेकर।

इंटरव्यू सिर्फ बहाना था, लोकसभा में पहले से काम कर रहे धीरज सिंह की नियुक्ति तय थी

अमर उजाला और स्टार न्यूज जैसे मीडिया संस्थानों में वरिष्ठ पदों पर काम कर चुके व कई वर्षों से मुंबई में रहकर अर्थकाम डाट काम का संचालन कर रहे वरिष्ठ पत्रकार अनिल सिंह 10 से 13 अक्टूबर तक दिल्ली में थे. वे लोकसभा टीवी के लिए निकली वैकेंसी के लिए इंटरव्यू देने आए थे. इस पद के लिए कई जेनुइन जर्नलिस्टों ने इंटरव्यू दिया लेकिन यह पद पहले से फिक्स था. अनिल सिंह ने इंटरव्यू के अनुभव और सवाल जवाब को अपने फेसबुक वॉल पर डाला है. वे लिखते हैं-

लोकसभा टीवी का हाल : 100 नंबर का इंटरव्यू पांच मिनट में, केवल तीन सवाल पूछे

लोकसभा टीवी के लिए डॉयरेक्टर प्रोग्रामिंग की पोस्ट के लिए मैंने आवेदन दिया था। अक्तूबर महीने में 11 तारीख को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। मेरा रोल नंबर 8 था लेकिन 8 तक के रोल नंबर में से केवल चार लोग ही आए थे। इंटरव्यू बोर्ड में तीन लोग थे जिनमें से दो सरकारी अफसर और एक पत्रकार थे जिन्हें मैंने नहीं देखा कभी और उनका नाम भी पता नहीं है। पत्रकारिता जगत में कोई जाना-पहचाना नाम भी नहीं है उनका। तीन में से दो सरकारी अफसर चुप रहे। एक व्यक्ति ने ही तीन सवाल पूछे….

तो क्या लोकसभा चैनल के संपादक का पद फिक्स था?

एक बात सच है कि सफेदपोश पॉवर के सामने मौजूदा समय में अनुभव, हुनर व ज्ञान की कीमत बहुत कम आंकी जा रही है। लोकसभा सभा चैनल के संपादक का पद पिछले कुछ माह से रिक्त है उसको भरने के लिए सरकार द्वारा आवेदन मांगे गए। मीडिया के कई धुरंधरों ने इसके लिए आवेदन भी किया। लेकिन उसके बाद अंदरखाने जो खेल खेला गया, वह किसी तमाशे से कम नहीं था।

केंद्र सरकार ने भाजपा किसान मोर्चा के नेता नरेश सिरोही को ‘किसान चैनल’ का एडवाइजर बनाया

जिसकी लाठी उसकी भैंस. इसी तर्ज पर जिसकी सरकार, उसका आदमी. केंद्र में भाजपा की सरकार सत्तासीन है तो सरकारी नियुक्तियों में भाजपा व संघ के लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है. लोकसभा टीवी का सीईओ और एडिटर इन चीफ पद पर पीएमओ के अघोषित आदेश के तहत संघ के बैकग्राउंड वाली अनाम-सी महिला पत्रकार सीमा गुप्ता को बिठा दिया गया. इसी क्रम में नए आने वाले सरकारी ‘किसान चैनल’ में भाजपा किसान मोर्चा के महामंत्री नरेश सिरोही को एडवाइजर बनाकर बिठा दिया गया है. देश में किसान नेताओं की पूरी कतार है लेकिन सत्ताधारी भाजपा सरकार को सिर्फ अपने नेता और अपने लोग ही प्रिय हैं.

भड़ास की खबर सच हुई, सीमा गुप्ता बन गईं लोकसभा टीवी की सीईओ और एडिटर इन चीफ (देखें किस पत्रकार को कितना नंबर मिला)

भड़ास ने बहुत पहले बता दिया था कि पीएमओ की तरफ से अघोषित आदेश सीमा गुप्ता को लोकसभा टीवी का सीईओ और एडिटर इन चीफ बनाने का है. वही हुआ भी. इसके लिए इंटरव्यू बोर्ड में ऐसे लोगों को रखा गया जिनका टीवी का कोई अनुभव नहीं था. खासकर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने अपने खासमखास अभिलाष खांडेकर को चयन बोर्ड का काम निपटाने के लिए तैयार कर रखा था. ढेर सारे वरिष्ठ लोगों में अनजाने से नाम सीमा गुप्ता को सीईओ और एडिटर इन चीफ चुना गया. पारदर्शिता के नाम पर जीत कर आई मोदी सरकार की इस करनी से लोगों को कांग्रेस के दिनों की याद आ गई.

निजी न्यूज चैनल पैसे देकर ही दिखा सकेंगे लोकसभा टीवी का कंटेंट, पढ़िए पत्र और रेट लिस्ट

निजी न्यूज चैनलों पर अक्सर लोकसभा टीवी के फुटेज दिखाए जाते हैं. खासकर तब जब लोकसभा से जुड़ी कोई खबर हो. अब तक निजी न्यूज चैनल लोकसभा टीवी का नाम लोगो देकर कंटेंट फ्री में अपने यहां दिखा देते थे. लेकिन अब इसका पैसा लगेगा.