वरिष्ठ पत्रकार और पत्रकारिता जगत में 25 साल के अनुभव को देखते हुए आलोक रंजन को दूरदर्शन के किसान चैनल में एडवाइजर (प्रोग्राम एंड प्रोडक्शन) के तौर पर नियुक्त किया गया है। एक मई यानी शुक्रवार से उन्होंने अपना कार्यभार भी संभाल लिया है। 90 के दशक में आलोक रंजन ने लोकमत में सब एडिटर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी। उसके बाद दूरदर्शन (फर्स्ट एडिशन, मेट्रो न्यूज) से जुड़े रहे, अलग-अलग कार्यकर्मों के जरिए।
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केंद्र सरकार ने भाजपा किसान मोर्चा के नेता नरेश सिरोही को ‘किसान चैनल’ का एडवाइजर बनाया
जिसकी लाठी उसकी भैंस. इसी तर्ज पर जिसकी सरकार, उसका आदमी. केंद्र में भाजपा की सरकार सत्तासीन है तो सरकारी नियुक्तियों में भाजपा व संघ के लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है. लोकसभा टीवी का सीईओ और एडिटर इन चीफ पद पर पीएमओ के अघोषित आदेश के तहत संघ के बैकग्राउंड वाली अनाम-सी महिला पत्रकार सीमा गुप्ता को बिठा दिया गया. इसी क्रम में नए आने वाले सरकारी ‘किसान चैनल’ में भाजपा किसान मोर्चा के महामंत्री नरेश सिरोही को एडवाइजर बनाकर बिठा दिया गया है. देश में किसान नेताओं की पूरी कतार है लेकिन सत्ताधारी भाजपा सरकार को सिर्फ अपने नेता और अपने लोग ही प्रिय हैं.
किसान चैनल साकार करेगा धरती से दौलत पैदा करने का सपना
भोपाल 12 सितम्बर । दूरदर्शन द्वारा प्रारम्भ किया जा रहा किसान चैनल धरती से दौलत पैदा करने का सपना साकार करेगा। हमारे देश में पुरातनकाल से यह मान्यता है कि किसान समृद्ध होगा तो देश समृद्ध होगा। खेती लाभ का धंधा बने, समस्त कृषि आधारित कार्यों को किसान से जोड़कर एक बड़ी इंडस्ट्री खड़ी की जा सके, किसानों को कृषि के संबंध में शिक्षा, सूचना एवं ज्ञान प्राप्त हो सके, ऐसे सभी प्रयासों में दूरदर्शन का किसान चैनल महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। यह विचार माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने व्यक्त किये। वे विश्वविद्यालय द्वारा प्रसार भारती एवं मेपकॉस्ट के सहयोग से आयोजित “दूरदर्शन किसान चैनल: स्वरूप एवं रचना” विषयक संविमर्श में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
जल्द शुरू होंगे किसानों और चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के लिए टीवी चैनल
केन्द्र सरकार ‘डीडी किसान’ नाम का किसानों के लिए एक 24 घंटे का चैनल शुरू करने की योजना बना रही है। चैनल को जल्द से जल्द लॉन्च करने के लिए सरकार प्रसार भारती के साथ काम कर रही है। सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि चैनल क्षेत्रीय फ़ीड के साथ एक राष्ट्रीय चैनल हो या प्रत्येक क्षेत्र के लिए अलग चैनल होने चाहिए। नया चैनल मौसम और बीज संबंधित जानकारी कृषक समुदाय को देगा। दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) पहले से ही कृषि संबंधी कार्यक्रमों को चलाते हैं।