कोटा (राजस्थान) : मजीठिया मामले पर समझौता वार्ता के लिए श्रम कार्यालय में उपस्थित आधा दर्जन से अधिक कर्मचारियों के खिलाफ दैनिक भास्कर प्रबंधन ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी है। एफआइआर से पहले श्रम कार्यालय में प्रबंधन पक्ष के वकील ने उनसे दुर्व्यवहार करते हुए उन पर चोरी के आरोप लगाए। इससे कर्मचारियों में रोष है, साथ ही अपने साथ उन्होंने किसी बड़ी अनहोनी का अंदेशा भी जताया है।
मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशें लागू करने की मांग पर भास्कर से बाहर किए गए कर्मचारियों और अखबार प्रबंधन के बीच लेबर कार्यालय में 20 मार्च 2015 को समझौता वार्ता थी। वार्ता के लिए निष्कासित कर्मी 10 बजे से ही कार्यालय पर जमा हो गए। भास्कर प्रबंधन की ओर से एचआर एडमिन हेड रामगोपाल सिंह चौहान और वकील अभिषेक मालवीय पेश हुए।
सुबह 11.00 बजे जैसे ही समझौता वार्ता शुरू हुई, वकील ने कर्मचारियों को लक्ष्य कर कई अप्रिय बातें कहीं। उन पर चोरी के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि ये सभी तो चोर-उचक्के हैं। आफिस में नेतागिरी करते हैं। ये सभी अपने मन से हड़ताल पर हैं। इनको किसी ने भी बाहर नहीं निकाला है। ये सब कम्प्यूटर के पार्ट्स और आफिस का सीसी टीवी कैमरा चोरी कर ले गए हैं। मैं तो इन सबके खिलाफ मुकदमे दायर करूंगा।
इसका कर्मचारियों ने विरोध जताया तो वकील ने कहा कि ये हमारे किसी नोटिस का जवाब नहीं दे रहे हैं। उनकी बात को झूठा साबित करने के लिए कर्मचारियों ने भास्कर द्वारा रिफ्यूज रजिस्टर एडी दिखाई तो वह भड़क गए और तू तड़ाक करने लगे। समझौता अधिकारी ने हस्तक्षेप किया तो केबिन मे से उठकर चले गए और भास्कर प्रबंधन को सूचना दी। भास्कर ने पुलिस फोर्स को लेबर कार्यालय भेज दिया। इसके बाद छह कर्मचारियों के खिलाफ नामजद और बाकी के विरुद्ध धारा 341, 323, 504 में मामला दर्ज करा दिया। प्रबंधन की पहले से ये सुनियोजित साजिश थी।
जब मजीठियां सिफारिशें पाने के लिए संघर्षरत अन्य कर्मचारियों को जब भास्कर प्रबंधन की इस गंदी हरकत का पता चला तो वह अपनी फरियाद लेकर पुलिस महकमे के आला अधिकारियों के पास गए और उनको वस्तुस्थिति से अवगत कराया। फिर एक मित्र वकील की सलाह पर कर्मचारियों ने भी एक प्रार्थना पत्र में सारी सच्चाई लिखकर नयापुरा थाने में वृत्त अधिकारी को तहरीर दे दी।
भास्कर से निष्कासित कर्मचारियों ने अंदेशा जताया है कि अखबार प्रबंधन उन पर हमले भी करा सकता है। उनके परिवारों को भी खतरा उत्पन्न हो गया है। सभी कर्मचारी अपने को असुरक्षित महसूस कर रह हैं। उन्होंने आने वाले दिनों में अपने साथ किसी अनहोनी की भी आशंका जताई है। साथ ही, उन्होंने मजीठियां सिफारिशें लागू न होने तक अपनी लड़ाई जारी रखने का एलान किया है।