दैनिक भास्कर अखबार के यूपी के मालिक संजय अग्रवाल ने अपने अखबार को कुछ लोगों को ठेके पर देकर इसका ठीकठाक तमाशा बनवा रखा है. दीपक द्विवेदी और लल्लन मिश्रा की जोड़ी ने खुद अखबार को ठेके पर लेने के बाद अब इसे आगे ठेके पर बांटना शुरू कर दिया.
इसी क्रम में दैनिक भास्कर का वाराणसी संस्करण शुरू हुआ. पर गैर-पेशेवर लोगों के चलते जल्द ही यह बनारस संस्करण लुढ़कने लगा. आपसी झगड़े कलह शुरू हो गए. एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप शुरू हुए. लेटरबाजी और कानूनी कार्रवाई चलने लगी.
अब नतीजा ये है कि बनारस के एडीएम प्रोटोकाल ने लल्लन मिश्रा के अनुरोध पर दैनिक भास्कर वाराणसी के प्रकाशन का घोषणापत्र निरस्त कर दिया है.
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