दैनिक भास्कर ग्रुप के यूपी वाले हिस्से के मालिक संजय अग्रवाल ने अपना अखबार फुटबाल बनाकर छोड़ दिया है. जिसे देखो वही किक मार रहा है. नोएडा में दैनिक भास्कर चलाने का ठेका दीपक द्विवेदी और लल्लन मिश्रा ने लिया हुआ है. इन दोनों के नेतृत्व में रोजाना नए नए विवाद और नए नए मुकदमें हो रहे हैं. सारा खेल पैसों का बताया जा रहा है.
ताजा विवाद दैनिक भास्कर की बनारस यूनिट को लेकर है जिसे डा. वरुण उपाध्याय संचालित करते हैं. इसके पहले बरेली संस्करण में विवाद हुआ था.
सूत्रों का कहना है कि नोएडा भूमि घोटाले में शामिल अशोक चतुर्वेदी के जेल जाने के बाद उनके यहां नौकरी करने वाले दीपक द्विवेदी ने अशोक चतुर्वेदी को संरक्षण देने के लिए उनकी बेनामी संपत्ति का इस्तेमाल कर दैनिक भास्कर के मालिक संजय अग्रवाल से अखबार को लीज पर ले लिया. दीपक द्विवेदी एक सामान्य रिपोर्टर थे लेकिन अचानक दैनिक भास्कर के प्रधान संपादक बन गए. किन्हीं लल्लन मिश्रा उर्फ ललन मिश्रा को दीपक द्विवेदी ने मुद्रक प्रकाशक और संपादक बना दिया. इसके बाद शुरू हुआ तरह-तरह का खेल.
पिछले साल अक्टूबर महीने में दैनिक भास्कर का वाराणसी संस्करण शुरू हुआ. इसके संपादक डॉ वरुण कुमार उपाध्याय को बनाया गया. आरोप है कि वरुण को अखबार 5 साल की लीज पर देने की बात कही गई पर जब लीज करने की बात आई तो गोल-गोल घुमाने लगे. अखबार का फर्जी डिक्लयरेशन दाखिल करने का भी मामला सामने आया है. अचानक छः महीने में ही ऐसा कुछ हुआ कि ललन मिश्रा ने वाराणसी संस्करण बंद करने के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिख दिया.
इस दरम्यान संपादक डॉ वरुण उपाध्याय लंबी चौड़ी आर्थिक चोट खा लिए. आरोप है कि इन्हें सब्ज-बाग दिखाकर बार बार पैसे लिए जाते रहे. न देने पर अखबार बंद कर देने की धमकी दी जाने लगी. इससे तंग आकर संपादक वाराणसी डॉ वरुण कुमार उपाध्याय ने 4 फरवरी 2020 को प्रधान संपादक दीपक द्विवेदी, मुद्रक प्रकाशक लल्लन मिश्रा को अपना पैसा वापस लेने के लिए नोटिस भेजकर मालिक संजय अग्रवाल को इसकी सूचना दी.
तब तय हुआ कि 22 मार्च को नोएडा आकर संजय अग्रवाल की उपस्थिति में सभी विवादों पर वार्ता कर मामले को सुलझाया जाएगा. परंतु लाकडाउन होने के कारण इस डेट पर बैठक न हो सकी. 31मार्च को लल्लन मिश्रा ने वाराणसी पत्र भेजकर कहा कि लाकडाउन के कारण पेज अब सिर्फ नोएडा में बनेगा. पता चला है कि कोविड-19 के चलते सारे न्यायालय बंद होने का फायदा उठाते हुए ललन मिश्रा ने पुनः दिनांक 2 अप्रैल को अखबार बंद करने का पत्र जिलाधिकारी वाराणसी को लिख दिया.
देखें ललन मिश्रा द्वारा डीएम बनारस को भेजा गया पत्र-
फिलहाल यह मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा. अखबार के असली मालिक संजय अग्रवाल चंद पैसों के लालच में अपने अखबार को फुटबाल बनाए हुए हैं.
इस प्रकरण में अगर कोई अपना पक्ष भेजना चाहता है तो उसका स्वागत है. उसे ससम्मान विस्तार से भड़ास पर प्रकाशित किया जाएगा. मेल- [email protected]