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पुन्य प्रसून जी, आपके बिना ‘आजतक’ सूना-सूना नजर आ रहा है

पुण्य प्रसून बाजपेयी के नाम एक दर्शक का खत….

पुन्य प्रसून बाजपेयी जी,

‘आज तक’ आपके बिना सूना सूना नजर  लग रहा है… रोजाना सुबह से रात तक बस एक ही प्रोग्राम का इंतजार रहता था, आपके ‘दस्तक’ का… बेबाक अंदाज, बेखौफ वर्णन, सच्चाई और निष्पक्षता से युक्त आपका कार्यक्रम जो सुनने-देखने के दौरान सीख-जान पाता था, उसे अब मिस कर रहा हूं… वो अब नहीं दिख रहा.. पत्रकारिता का अनुभव मुझे कम है, लेकिन इतना तो जानता हूं कि आप चाटुकारिता नहीं करते और इसी का हर्जाना आपको देना पड़ा…..

<p><strong><span style="font-size: 12pt;">पुण्य प्रसून बाजपेयी के नाम एक दर्शक का खत....</span></strong></p> <p>पुन्य प्रसून बाजपेयी जी,</p><script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script> <p>'आज तक' आपके बिना सूना सूना नजर  लग रहा है... रोजाना सुबह से रात तक बस एक ही प्रोग्राम का इंतजार रहता था, आपके 'दस्तक' का... बेबाक अंदाज, बेखौफ वर्णन, सच्चाई और निष्पक्षता से युक्त आपका कार्यक्रम जो सुनने-देखने के दौरान सीख-जान पाता था, उसे अब मिस कर रहा हूं... वो अब नहीं दिख रहा.. पत्रकारिता का अनुभव मुझे कम है, लेकिन इतना तो जानता हूं कि आप चाटुकारिता नहीं करते और इसी का हर्जाना आपको देना पड़ा.....</p>

पुण्य प्रसून बाजपेयी के नाम एक दर्शक का खत….

पुन्य प्रसून बाजपेयी जी,

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‘आज तक’ आपके बिना सूना सूना नजर  लग रहा है… रोजाना सुबह से रात तक बस एक ही प्रोग्राम का इंतजार रहता था, आपके ‘दस्तक’ का… बेबाक अंदाज, बेखौफ वर्णन, सच्चाई और निष्पक्षता से युक्त आपका कार्यक्रम जो सुनने-देखने के दौरान सीख-जान पाता था, उसे अब मिस कर रहा हूं… वो अब नहीं दिख रहा.. पत्रकारिता का अनुभव मुझे कम है, लेकिन इतना तो जानता हूं कि आप चाटुकारिता नहीं करते और इसी का हर्जाना आपको देना पड़ा…..

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आप गुरू हो और शायद वो गुरू, जो अपने शिष्य को गिरने पर उठाता नहीं है…… बल्कि मेहनत करते हुए देखता है और उठते हुए देखना पसंद करता है…..सुना है आप एबीपी  न्यूज़ जा रहे हैं, लेकिन आपको एक बात की जानकारी दे दूं, कि मेरे घर में भी और आस पास के घरों में भी आपको सभी लोग जानते हैं.. जब रात के ठीक 10 बजते है, तो सभी ’10तक’ के इंतजार में टीवी के आगे बैठ जाते थे…

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आपकी आवाज जब घर के किसी शख्स के कानों में जाती, तो वो खबर देखने के लिए आ जाते थे…. अब आप जहां भी जाएं, यकीनन आपके शो को देखने वाले आपको तलाश ही लेंगे… आपके कार्यक्रम की लोकप्रियता कम न होगी, चाहें आप जिस चैनल पर आएं… टीआरपी के दौड़ में पागल हुए जा रहे चैनलों के बीच आपका शो अपने समय, समाज, सत्ता और सरोकार को पूरी संवेदनशीलता के साथ सामने रखता है… उम्मीद है नई जगह भी आपकी टीआरपी उतनी ही आएगी, जितनी की आज तक में ’10तक’ के कार्यक्रम के जरिए आती थी….

धन्यवाद!

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आपका एक प्रशंसक…

JP Sharma

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[email protected]

मूल खबर….

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