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मजीठिया वेज बोर्ड : सुप्रीम कोर्ट में मीडिया मालिकों की चाल होने लगी कामयाब, अगली डेट 10 जनवरी को

लीगल इश्यू के दावपेंच में पूरे मामले को लंबा खींचने की रणनीति में सफल दोते दिख रहे मीडिया मालिकों के वकील : जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में बुधवार को लीगल इश्यू पर माननीय सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुयी। इस सुनवाई में पहले से ही घोषित एक रणनीति के तहत तय किया गया कि मीडियाकर्मियों की तरफ से सिर्फ एक एडवोकेट श्री कोलीन ही बहस करेंगे और बाकी एडवोकेट चुप रहेंगे। बहस के दौरान लीगल इश्यू के मुद्दे को मीडिया मालिकों की ओर से खड़ी एडवोकेट की भारी भरकम टीम ने हाईजैक कर लिया। यह सत्यता स्वीकार किया हैमीडियाकर्मियों की तरफ से लड़ाई लड़ रहे एक वकील ने।

वकील ने बुधवार को हुयी सुनवाई के बारे में बताया कि वही हो रहा है जिसके बारे में उन्हें आशंका थी। मैंने पहले ही बता दिया था कि लीगल इश्यू की डफली बजेगी तो खतरा है, मालिकों के वकील पूरे मामले को लंबा कानूनी दांवपेंच तर्क-कुतर्क में उलझा देंगे, जिसकी शुरुआत हो चुकी है। मैं लगातार कह रहा हूं कि पहले टाईमबांड कमेटी बनाने पर जोर देना चाहिये जिसको तीन या 6 महीने में अपनी रिपोर्ट देनी हो। कल की सुनवाई के पहले सभी में यही तय हुआ था। ये कमेटी सभी अखबार मालिकों को बुलाती और उनको कहती कि आप अपनी बैलेंससीट और कर्मचारियों को दी जा रही सेलरी का डिटेल लेकर आईये। अगर नहीं लेकर आते हैं या गलत रिपोर्ट लेकर आते हैं तो ये कमेटी सुप्रीमकोर्ट को रिपोर्ट दे देगी। बजाय टाइमबांड कमेटी बनाने की मांग करने के, अब हर ओर लीगल इश्यू की डफली बजायी जा रही है जो हम सभी को खतरे की ओर ले जा रही है।

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एडवोकेट ने कहा कि बुधवार की सुनवाई जैसे ही शुरू हुयी, मीडिया मालिकों की ओर से सीनियर एडवोकेट अनिल दिवान ने कहा कि आज ये जो इश्यू मीडियाकर्मियों के वकील लोग बोल रहे हैं, इनका जिक्र तो कंटेम्ट में कहीं किसी रूप में है ही नहीं। उसके बाद इनाडू की तरफ से आये गोपाल सुब्रमण्यम ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्हें ४ सप्ताह का समय दिया जाये। वे पता करेंगे कि इनाडु मैनेजमेंट वेज बोर्ड की सिफारिश पूरी तरह क्यों नहीं लागू कर पाया है। इसके बाद माननीय सुप्रीमकोर्ट ने अगली डेट 10 जनवरी की देदी। आगे 10 जनवरी को क्या होगा, इस पर वकील कहते हैं अभी लीगल इश्यू पर बहस होगी जिसमें अगर तय हो गया कि कोर्ट को पावर नहीं है तो मालिकों को बचने का एक बहाना मिल जायेगा। तो क्या सबका केस खारिज हो जायेगा, इस पर वकील कहते हैं- नहीं, हमारा केस खारिज नहीं होगा।

शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट
मुंबई

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