Sanjaya Kumar Singh : सिक्किम हवाई अड्डे के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री का भाषण सुनते हुए मैं भी चौंका था कि चार साल में 35 हवाई अड्डे बने तो उद्घाटन पहली बार क्यों कर रहे हैं और 34 एयरपोर्ट क्या बिना उद्घाटन के चल रहे हैं? यही नहीं, प्रधान सेवक ने बड़ी स्टाइल में बताया था कि देश मे हवाई अड्डों की सेंचुरी पूरी हो गई है। और यह सुनते ही पक्का हो गया कि चौकीदार को झूठ बोलने से कोई परहेज नहीं है।
Umesh Singh : क्योंकि वो सिर्फ़ झूठ बोलते हैं! एविएशन मिनिस्ट्री की 2017-18 की सालाना रिपोर्ट बताती है कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के पास 129 एयरपोर्ट हैं जिसमें से 23 अंतरराष्ट्रीय, 78 घरेलू, 8 कस्टम और 20 डिफेंस एयरफिल्ड पर सिविल एयरपोर्ट हैं। इन 129 एयरपोर्ट में से 101 चालू हैं और 28 नहीं चालू हैं ऐसा सरकार ने ही लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में जुलाई, 2018 को बताया था।
इसी मिनिस्ट्री की 2013-14 की रिपोर्ट बताती है कि 31 मार्च 2014 तक एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के स्वामित्व में 125 एयरपोर्ट थे जिसमें 94 आपरेशनल थे यानी इन चार सालों में सिर्फ 7 एयरपोर्ट आपरेशनल हुए और माननीय का दावा है कि 35 एयरपोर्ट बना दिये। अब आते हैं कल शुरू हुए पैकयोंग एयरपोर्ट पर तो वो 2008 में डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने शुरू किया था। जब हुजूर गद्दी पर पहुंचे तब तक 83 प्रतिशत काम हो चुका था। बाकी 17 प्रतिशत करने में 4 साल लग गये। अगर इसी आंकड़े को रिवर्स कैलकुलेट करें तो माननीय 83 प्रतिशत करने में 20 साल लगा देते।
वरिष्ठ पत्रकार संजय कुमार सिंह और उमेश सिंह की एफबी वॉल से.
Nitin Thakur : डियर अमित,
क्या हाल हैं? यहां दिल्ली में तो मौसम नाना पाटेकर की तरह चिड़चिड़ा हो रहा है. बस ये समझ लो कि धूप से बचने के लिए छतरी लेकर घर से निकलते हैं तो लौटते-लौटते बेचारी छतरी बारिश से बचाती है.
खैर, अभी परसों ही सिक्किम गया था. मस्त मौसम है उधर मगर चुनाव मध्यप्रदेश में हैं तो एक ही दिन में वापस आना पड़ा. उधर पास में ही चीन है. अपने दोस्त का ही राज है. मन तो हुआ कि चलो सरप्राइज़ दे आऊं लेकिन उसकी नातिन का ब्याह भी तो नहीं था और फिर अगले दिन मामा के लिए भोपाल में रैली भी करनी थी.
वैसे छोटे मैंने सिक्किम में जमकर भाषण पेला. बहुत मज़ा आता है यार जब सिर्फ बोलना पड़े और सोचना ना पड़े. कह दिया कि चार साल में हमने पैंतीस एयरपोर्ट बनाए हैं. मैं तो एक सौ पैंतीस कहनेवाला था लेकिन स्टेज पर बैठे किसी नेता ने कुरता पकड़कर टोक दिया. अभी ढुंढवा रहा हूं कि स्साला था कौन!! बाद में एक अफसर आकर बोला कि सर हमारे अपने सरकारी आंकड़े कहते हैं कि चार-पांच ही बनाए हैं तो आप बयान में संशोधन कर लीजिए. मुझे बड़ा गुस्सा आया.मैंने पूछा कि पूरी ज़िंदगी मेहनत करके पीएम मैं इसलिए बना था क्या कि बोलने से पहले तुम्हारी सरकारी फाइल पढ़ूं? जाओ जाकर आंकड़ा तुम बदल लो.
यार छोटे लेकिन टेंशन भी चल रही है आजकल. वो पोगो फैन आस्तीन चढ़ाकर रोज़ राफेल का नाम रटता है. हमने प्रवक्ता से लेकर मंत्री तक को काम छुड़वाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कराई तो हैं पर मामला जम नहीं रहा. अभी कल विलंबित कुपात्रा से उसके जीजाजी का नाम लिवाया है, बाकी अब देखते हैं. कई बार तो मन करता है कि बौखलाये हुए कविशंकर प्रसाद को उस पर छोड़ दूं.
हम देश के लिए मस्त जहाज ला रहे हैं ये अपने पीछे पड़े हैं. मैंने खुद राफेल देखा है यार. मस्त चलता है. एसी भी उसका चौकस है. टायर भी कंपनीवाले सही क्वालिटी के डालते हैं. मैं जितना घूमता हूं मुझसे ज़्यादा कोई हवाई जहाज के बारे में क्या बताएगा भला? पेट्रोल कितना महंगा हो रहा है. राफेल का एवरेज भी बढ़िया है छोटे.
खैर तुम देखो यार वो ओलांद क्यों फ्रेंच नक्सल बना पड़ा है. कोई जुगाड़ करके नज़रबंद करा दो . वहां का मीडिया भी स्साला लगता है अनुशासनहीन है. पता नहीं सरकार-वरकार को मानता भी है या राष्ट्रद्रोही है वैनडीटीवी की तरह स्साला. फ्रांस को पाकिस्तान भी तो नहीं भेज सकते ना. शिट यार.
बाकी सुना है कि आज मौनमोहन जी का बर्थडे है. मुझे याद आया वो सरदार जी कहा कहते थे कि मेरा सही मूल्यांकन इतिहास करेगा. बेचारे ये थोड़े ही जानते थे कि इतिहास क्या घंटा मूल्यांकन करेगा, जब हम कोर्स ही बदल देंगे!! हे हे हे हे.
चुनाव पास है छोटे. नोटबंदी या जीएसटी जैसा एडवेंचर नहीं करना है. मन लगाकर चुनाव प्रचार करना है. जीत गए तो अगली बार से फॉरेन टूर पर दोनों भाई साथ ही चला करेंगे. ठीक है?
P.S. – तुम्हारे रबड़ जैसे गाल खींचना बड़ा मिस करता हूं.
तुम्हारा मोटाभाई
उड़ता उड़ेंद्र
#उड़ताउड़ेंद्रकेखत
यह व्यंग्य सोशल मीडिया के चर्चित राइटर और टीवी टुडे ग्रुप में कार्यरत पत्रकार नितिन ठाकुर की एफबी वॉल से लिया गया है.