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सुख-दुख

पुलिस विभाग में करप्शन का मुद्दा उठाने वाले सिपाही को एक कुर्सी लूटने के आरोप में जेल भेज दिया

यूपी के जंगलराज की ढेरों कहानियां हैं. जिधर देखो उधर एक कहानी मिलेगी. ताजा मामला मेरठ का है. एक सिपाही अपने एसपी के पास जाकर कहता है कि हे एसपी महोदय, तुम समेत तुम्हारे सीओ से लेकर बाबू तक रिश्वत लेते हैं, कदम कदम पर. जो सस्पेंड हुआ उसकी बहाली से लेकर ड्यूटी लगाने तक में पैसे लिए जाते हैं. अपने मुंह पर आरोप सुनते ही एसपी साहब के भीतर का सिपाही जग गया और उन्होंने थानेदार को बुलवा कर सिपाही को उठवा लिया. अगले रोज सिपाही को एक कुर्सी लूटने के आरोप में जेल भेज दिया गया. है न पूरी फिल्मी सी कहानी. लेसन ये कि अगर आप सच बोलेंगे, न्याय की बात करेंगे, साहस दिखाएंगे तो मारे जाएंगे, जेल जाएंगे, दुख उठाएंगे.

यूपी के जंगलराज की ढेरों कहानियां हैं. जिधर देखो उधर एक कहानी मिलेगी. ताजा मामला मेरठ का है. एक सिपाही अपने एसपी के पास जाकर कहता है कि हे एसपी महोदय, तुम समेत तुम्हारे सीओ से लेकर बाबू तक रिश्वत लेते हैं, कदम कदम पर. जो सस्पेंड हुआ उसकी बहाली से लेकर ड्यूटी लगाने तक में पैसे लिए जाते हैं. अपने मुंह पर आरोप सुनते ही एसपी साहब के भीतर का सिपाही जग गया और उन्होंने थानेदार को बुलवा कर सिपाही को उठवा लिया. अगले रोज सिपाही को एक कुर्सी लूटने के आरोप में जेल भेज दिया गया. है न पूरी फिल्मी सी कहानी. लेसन ये कि अगर आप सच बोलेंगे, न्याय की बात करेंगे, साहस दिखाएंगे तो मारे जाएंगे, जेल जाएंगे, दुख उठाएंगे.

मेरठ की इस घटना को मेरठ के अखबारों ने भी अंडरप्ले किया, यानि भीतर के पन्नों पर छापा, पहले पृष्ठ लायक नहीं माना. ऐसे समय में जब पूरे देश में करप्शन एक बड़ा मुद्दा है और इस मुद्दे को आम जन के भीतर बड़ी बेचैनी है, अखबार टीवी वाले ऐसी घटनाओं को अंडरप्ले कर देते हैं. उम्मीद करता हूं कि यहां इस प्रकरण को उठाने के बाद सिपाही को न्याय मिलेगा और दोषी अफसर नपेंगे. मेरठ के जिन एसपी ट्रैफिक महोदय ने सिपाही को जेल भिजवाया है, उनका नाम है पीके तिवारी. इनका मोबाइल नंबर 09454401913 है. इन महोदय से एक बार आप सभी का पूछना तो बनता ही है कि सिपाही ने करप्शन का मुद्दा उठाया तो अगले ही दिन एक कुर्सी लूटने के आरोप में जेल क्यों भिजवा दिया श्रीमानजी? हमारे आपके पूछने से इतना तो होगा ही कि शासन सत्ता से अराजकता अन्याय लूट की खुली छूट पाए अफसरों को जनता जनार्दन के सवालों से थोड़ी बहुत शर्म तो आ जाएगी. हालांकि कई लोग कहते हैं कि इसकी भी उम्मीद बेहद कम है. इस प्रकरण से संबंधित अमर उजाला मेरठ में प्रकाशित खबरें यूं हैं:

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भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह के फेसबुक वॉल से.

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